‘टीचर’ मतलब—शिक्षक! यह शब्द ही हमें मनुष्य को सांस्कारिक और बौद्धिक राह पर ले जानेवाला दिखता है। शिक्षक सिर्फ तनख्वाह लेकर विषयों को पढ़ानेवाला कोई व्यक्तित्व नहीं है, बल्कि व्यक्ति के जीवन की हर समस्या का समाधान एवं मनुष्यत्व का पाठ पढ़ानेवाला एक महान् व्यक्तित्व है। इस पुस्तक में प्रसिद्ध समाजधर्मी संजय राय ‘शेरपुरिया’ ने एक शिक्षक के जीवन में आवश्यक साकारित गुणों का विवरण दिया है, जो व्यक्ति को एक श्रेष्ठ व्यक्तित्व में बदल सकते हैं।
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