"तूं चाही,मैं रीता"यह मेरी सातवीं तथा शब्द इन पर प्रकाशित होने वाली। छठवीं काव्य संग्रह है।जब तक यह लिखी जा रही है तब तक के लिये पाठकों के लिए नि:शुल्क शब्द इन पर उपलब्ध रहेगी लेकिन पूर्ण हो जाने के बाद यह सशुल्क उपलब्ध हो सकेगी। आनलाइन लेखन मैंने सबसे पहले योरकोट्स पर शुरु की उसके बाद शब्द इन पर अब तक मेरी पांच कविता संग्रह आ चुकी हैं। मेरी रचनाएं सामाजिक संवेदनाओं को उकेरती हैं जो एक मेरी मानस नायिका से केन्द्रित होती हैं।इन रचनाओं में किसी से रचना का मिलना मात्र संयोग है। आशा है आप पाठक गण इसे पढ़कर अपना सुझाव देगें।