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सुकून... 😊

21 दिसम्बर 2021

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जो चीज हमे दूर से जितना बेचैन करती है,
उसके पास जाने पर वो हमे उतना ही सुकून देती है.

  इस बात पर मुझे तब यकीन हुआ जब मैंने खुद इस पल को जिया.


दिव्य प्रकाश जी की पुस्तक "मुसाफिर कैफे'' मे उन्होने लिखा है कि, '' समंदर जितना बेचैन होता है, हम उसके पास पहुंचकर उतना ही शांत हो जाते है''.

   तो बात तो सही कहा है कि सर ने क्यू की मुझे भी समुद्र से बहुत डर लगता है, और उसे देख जितनी बेचैन होती थी, पर सच मे मैं जब उसके पास पहुंचती तो मुझे इतना सुकून मिला जितना आज तक कभी नहीं मिला.

मेरी जिंदगी के वो पैंतालीस मिनट जो मैंने समुद्र में बिताए उन्हें अपने शब्दों में बया कर पाना बहुत मुश्किल है.

क्यू की वहां से ना तो आगे क्या आने वाला है ये दिख रहा था और ना ही वो जो पूछे छूट गया हो. बस मेरी आँखों के सामने समुद ही समुद्र था.

उससे मुझे एक बात तो सीखने मिली कि हमे अपने आज मे या फिर जो हमारे पास है उसी मे खुश रहो और मजे से जियो, ना आने वाले की चिंता करो और ना बीते हुए कल पर अफसोस...

क्यू की हमारा किसी पर भी कोई जोर नहीं है तो इसलिए अपने आज के पल में ही जिए... 
काव्या सोनी

काव्या सोनी

Bahutttttttt hi achha likha aapne 👌👌👌

21 दिसम्बर 2021

Neetu Pal

Neetu Pal

29 दिसम्बर 2021

बहुत बहुत धन्यवाद 🙏

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