एक भावनात्मक कहानी
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बहुत सुंदर
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हां वो मासूम ही तो थी। नाम भी था भोली। दुनिया के तीन पांच न समझने वाली। बात को घुमा फिरा कर कहना न उसे आता था और न ही समझना। दुनिया की अपना उल्लू सीधा करने की गणित उसे आती ही कहां थी। ? इ