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व्हाट्सएप पर बात की शुरुआत

3 मार्च 2022

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उन दोनों के ट्यूशन ज्वॉइन करते है लड़कों में तो एक खुशी की लहर थी, तो मैंने सब से कह दिया देखो भाई मुस्कान को देख कर सब मुस्कुराना, लेकिन दीक्षा की ओर किसी ने देखा तो फिर कभी मुस्कुरा नहीं पाओगे।
हमारा 4 लोगों का समूह पहले ही बन चुका था और उसके बाद उन दोनों ने ट्यूशन ज्वॉइन की। कुछ दिन बाद वो भी हमारे ही समूह में शामिल हो गई और फिर हम सब ने एक व्हाट्सएप समूह बनाया जिसके एडमिन मैं और तनिस्का थे। 
तनिस्का की उम्र मुझे ज्यादा थी तो मैं उन्हें दीदी कह कर बुलाता था। तो व्हाट्सएप समूह में सभी लड़कों को मैंने और तनिस्का ने लड़कियों को जोड़ा। अब आप सोच रहे होंगे कि आप सब तो एक ही समूह में थे तो उनके मोबाइल नंबर भी तुम्हारे पास नही थे।
मैं आपको बता दूं कि मुझे उसकी दीक्षा की मुस्कान बहुत ही ज्यादा पसंद थी मैं उससे बात नहीं करता था। बस सब से पीछे वाली कुर्सी पर बैठ कर उसको देखता रहता था। उसके आने के बाद मेरा ध्यान पढ़ाई पर कम और उस पर ज्यादा रहता था। लेकिन मैंने अभी तक उसे एक शब्द भी नहीं बोला था तो एक दिन वह तनिस्का से कहती है कि यह मुझे पागल लगता है बस देखता रहता है और मुस्कुराता रहता है। 
तो तनिस्का ने मुझसे कहा कि क्या चल रहा है। मैंने कह दिया कुछ नहीं चल रहा, बस मुझे उसकी मुस्कान अच्छी लगती है। 
तो तनिस्का कहती है, कि उसकी दोस्त मुस्कान या उसकी मुस्कान? 
तो मैंने कहां “अरे उसकी मुस्कान यार उसकी दोस्त मुस्कान नहीं।” 
तो वह हसने लगी और कहती है कि बस उसकी स्माइल अच्छी लगती है कि कुछ और भी है। तो मैंने कहा बस उसकी स्माइल अच्छी लगती है। 
तो वह बोली की ओर कुछ होना भी नहीं चाहिए और वह चली गई।
उस दिन के बाद दीक्षा लगातार 3 दिन ट्यूशन नहीं आई तो मुझे लगा कि पता नहीं वह ट्यूशन क्यों नहीं आई तो मैंने व्हाट्सएप समूह से उसका नंबर निकला और उसको मैसेज किया कि तुम ट्यूशन क्यों नहीं आ रही हो। मुझे आज भी याद कि मैंने रात 9 बजकर 43 मिनट पर उसको मैसेज किया। 
मैंने अपना सबसे अच्छा फोटो प्रोफाइल पर लगा दिया वो अलग बात है कि उसने मुझे वास्तव में भी देखा था और उसे पता था कि मैं एक नशेड़ी से कम नहीं लगता हूं। 
मुझे रात के ढाई बजे तक नींद नहीं आई कि वह मेरे मैसेज का जवाब देगी लेकिन उस दिन उसने मेरे मैसेज का जवाब नहीं दिया।
मैं अगली सुबह उठा और सबसे पहले मोबाइल उठाकर देखा कि उसका मैसेज आया होगा, दूसरे दिन भी सुबह के 9 बज गए लेकिन उसका मैसेज नहीं आया।
अंतः 10 बजकर 3 मिनट उसका मैसेज आया कि मेरी तबियत खराब हो गई थी और कल मेरी बुआ आई थी तो नहीं आई।

मैंने बस ओके कहकर लगभग बात खत्म कर दी। लेकिन उसने कहा कि तुम्हारा नाम क्या है। एक मिनट के लिए मैंने अपना मोबाइल साइड में रखा क्योंकि पहले तो मुझे हसी आई कि इसको पता है मैं इसको देखकर मुस्कुराता हूं, और फिर खुद पर शर्म आ रही थी क्योंकि ट्यूशन में ऐसा कोई भी नहीं था जो मुझे नहीं जानता था। सभी को मेरा नाम पता था। तो मैंने फिर उसे जवाब दिया कि क्लास में हमेशा जिसकी लास्ट बैंच से आवाज आती है, वही हूं मैं। तो उसने कहा की “विकास हो तुम”
मैंने कहा हां, मैं ही विकास हूं।
फिर कहने लगी कि तुम्हारी शक्ल याद, नाम भी याद था पर पता नहीं था कि तुम ही विकास हो।
मैंने कहा कि जब तुमने कहा कि तुम्हारा नाम क्या है, तो मुझे खुद पर शर्म आ रही थी कि ऐसा कैसे हो सकता है कि ट्यूशन में कोई मेरा नाम नहीं जानता हो।
फिर बोली कि अरे मुझे पता था कि एक लड़का है वो हमेशा बोलता रहता है और उसका नाम विकास है लेकिन यह पता नहीं था कि तुम ही विकास हो, सच में।
मैंने कहा, अब तो पता चल गया न कि मैं ही विकास हूं।
जी, उसने कहा

मेरी एक बुरी आदत थी कि मैं क्लास के समय किसी से भी ज्यादा बात नहीं करता था बस हमेशा पीछे से सबसे पहले सारे जबाव बता दिया करता था, तो इस वजह से सब मुझे जानते थे। और वो आदत हमेशा अच्छी लगती थी पर आज मुझे बुरी लग रही थी और मैं उससे ओके कहा और बात खत्म की तो उसने भी बाय कहा और कहा की ट्यूशन में मिलते है। मैंने फिर “ओके” ही कहा।

अब आप समझ सकते है कि मैं इस समय जमीन पर रहा होऊंगा कि नहीं।
मैं जल्दी-जल्दी अपने सारे काम खत्म करने लगा। मेरे पास कोई काम नहीं था बस गणित के सवाल हल करने के आलावा और भारतीय रिजर्व बैंक का इतिहास पढ़ने के आलावा क्योंकि आज ट्यूशन में यही पढ़ने वाले थे और मैं पहले ही पढ़कर जाता था जिससे सबसे पहले उत्तर दे सकूं।
मेरी ट्यूशन 3 बजे से थी पर मैं 2 बजकर 27 मिनट पर ट्यूशन पहुंच गया कि अगर वो समय से पहले आ गई तो थोड़ी बहुत बात करूंगा। लेकिन वो लेट हो गई और समय से 5 मिनट लेट ट्यूशन पहुंची। 
क्लास चल रही थी और ऐसा पहली बार हो रहा था कि कोई मुझे मुड़-मुड़ देख रहा हो, वो भी इस वजह से नहीं की मैं सबसे पहले उत्तर दे रहा हूं, तो मैं उस समय सातवें आसमान पर था। खुशी के मारे गुब्बारा बन गया था और मुझे पता नहीं क्यों शर्म आने लगी, वैसे मैं बड़ा शक्त हूं लेकिन यहां में शरमा रहा था। तो जैसे ही ट्यूशन का समय खत्म हुआ, मैं तुरंत ट्यूशन से निकाला और अपने बस स्टॉप पर पहुंच गया उसने जब मुझे क्लास मैं देखा तो मैं वहां नहीं था। वह भी अपनी स्कूटी से घर चली गई। 

घर पहुंचकर उसने मैसेज किया कि ट्यूशन से इतनी जल्दी क्यों आ गए थे तो मैंने उससे कहा कि मुझे लड़कियों से बात करने में शर्म आती हैं और अगर मैं वहां रुकता तो पक्का तुम मुझसे बात करने की कोशिश करती। तो कहने लगी तुम पागल हो लड़की से बात करने में कैसी शर्म, तो मैंने कहां कि मैं बॉयज स्कूल से पढ़ा हूं। तो वो समझ गई कि पहले कभी लड़की से बात की ही नहीं तो उसने कहा कि कोई नहीं मुझसे बात करना फिर शर्म नहीं आया करेगी।

अगले दिन हम फिर ट्यूशन आए और आज मैं लेट गया था क्योंकि मैं बात नहीं कर सकता था। उस दिन भी हमारे बीच बात नहीं हुई बस हम व्हाट्सएप पर बातें कर रहे थे। तो रात में जब उसका मैसेज आया तो उसने कहा कि कब तक भागोगे? मैंने कहा शायद उम्रभर। 
तो कहने लगी कि बस कल तक। 
और फिर मैंने कम से कम 15 से 20 मैसेज किए लेकिन उसने जवाब नहीं दिया और दूसरी सुबह बस इतना कहा कि “आज आयो ट्यूशन, तुम्हारी सारी शर्म निकलती हूं।”

मैंने की आज तो ट्यूशन जाऊंगा ही नहीं चाहे कुछ भी हो जाए,
लेकिन ट्यूशन तो मजबूरी में जाना पड़ा क्योंकि दीदी धमकी दे रही थी कि वो पापा से कॉल करके कह देंगी की अब ये रोज ट्यूशन भी नहीं जा रहा है।



आपको क्या लगता है हम दोनों के बीच उस दिन बात हुई होगी या नहीं?

यह भाग कैसा लगा कमेंट करके बताएं।

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Tution wala pyar
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यह एक कहानी है जिसमें आपको एक लड़का और एक लड़की की कहानी बताई जाएगी, जिसमें यह दोनों अपनी 12वी कक्षा के बाद सरकारी नौकरी की तैयारी करने ट्यूशन जाते है और वहीं इनकी कहानी की शुरुआत होती है और कई मायने में वहीं इनकी कहानी का अंत भी हो जाता है।

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