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यह भी होता हे यहीं

6 दिसम्बर 2018

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जब धुप लगी उसको तो ,

छाया कर दी उसने अपने ही सर का

पल्लु उड़ा


जब भुख लगी उसको ,

तब पेट उसका भरा ,

अपने हिस्से में आई आधी रोटी

भी उसको खिला


किन्तु - आश्चर्य हे या बिडम्ब्ना -

इतने बड़े घर में,


नहीं मिली उन दोनों को ,

अपना हि सर ढकने की थोड़ी

सि भी जगह !


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सूरज

15 सितम्बर 2018
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हर सुबह जो सबसे पहले सबको जगआने आता और फिर चिडिओ को नित नवीन अवसर दे जाता दे जाता वो सबको नए संकल्प नए सपने नित और दे जाता वो नित नई उर्जा वो उनको करने की पूरा !

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हिंदी

16 सितम्बर 2018
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30 नवम्बर 2018
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यह भी होता हे यहीं

6 दिसम्बर 2018
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जब धुप लगी उसको तो , छाया कर दी उसने अपने ही सर का पल्लु उड़ा जब भुख लगी उसको ,तब पेट उसका भरा ,अपने हिस्से में आई आधी रोटी भी उसको खिला किन्तु - आश्चर्य हे या बिडम्ब्ना - इतने बड़े घर में, नहीं मिली उन दोनों को ,अपना हि सर ढकने की थोड़ी सि भी

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परछाई

2 जनवरी 2019
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जब रहता कोई नहीं संग तब भी संग रहती परछाई तन्हा जब सभी छोड़ देते फिर भी साथ रहती परछाई भोर से लेकर साँझ ढले तक साथ में रहती परछाई खुशी में तो साथ रहते सभी ,किन्तु धुप में साथ रहती केवल परछाई

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