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यूपी 65

निखिल सचान

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4 मई 2022 को पूर्ण की गई
ISBN : 9789386224965

उपन्यास की पृष्ठभूमि में आइआइटी बीएचयू (IIT BHU) और बनारस है, वहाँ की मस्ती है, बीएचयू के विद्यार्थी, अध्यापक और उनका औघड़पन है। समकालीन परिवेश में बुनी कथा एक इंजीनियर के इश्क़, शिक्षा-व्यवस्था से उसके मोहभंग और अपनी राह ख़ुद बनाने का ताना-बाना बुनती है। यह हिंदी में बिलकुल नये तेवर का उपन्यास है, जो आपको अपनी ज़िंदगी के सबसे सुंदर सालों में वापस ले जाएगा, आपको आपके भीतर के बनारस से मिलाएगा। इस उम्मीद में कि बनारस हम सबके भीतर बना रहे, हम अलमस्त, औघड़ रहें और बे-इंतहा हँस सकें। 

yuupii 65

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Sir maine aap ki kitab padha hai Very nice sir ji Amazing experience k sath aap ne lekha hai Padhne k bad mujhe sikhne k leye bhut kuch mila . A lot of thanks you sir.


अच्छी रचना है हो सके तो मेरी रचना पढ़े और अगर हो सके तो मेरी बुक पर रिव्यु दीजिये मेरी नयी रचना का नाम है वीराना https://hindi.shabd.in/books/10086417

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