I still remember,
My first teacher ,
Mr. Ravi ranjan
कुछ अलग बात थी उनकी ,
साइकिल उनकी सवारी थी ,
और बातें उनकी निराली थी ,
शब्द , अक्षर , संख्या और अल्फाबेट,
का पहला ज्ञान उनसे ही मिला था ,
अक्षरों को जोड़कर शब्द बनाना,
तो संख्याओं को जोड़ना ,
सब उन्होंने ही सिखाया था ,
सिखाया क्या सरल बनाया था ,
अक्षर पहचानना ,
वाक्य बनाना ,
और पढ़ना ,
सब उनकी ही कृपा थी ,
सब उन्होंने ही सिखाया था ,
याद है मुझे ,
एक बार उन्होंने एक डंडा मारा था मुझे ,
और मैं बहुत रोया था ,
फिर उन्होंने बड़े प्यार से समझाया ,
और उनकी बातें दिमाग में ऐसे छपी,
की फिर कभी उन्हें डंडे का जोर ,
आजमाना ही नहीं पड़ा,
क्रिकेट का पहला ज्ञान भी उन्होंने ही दिया ,
उस वक़्त तो ज्यादा कुछ समझ में नहीं आया ,
पर जिस रात भारत 2003 वर्ल्ड कप का फाइनल हारी थी ,
अगली सुबह वो बहुत उदास थे,
और पूछने पर उन्होंने बताया था,
यार कल जीत जाते ना,
तो पूरी दुनिया की बेस्ट टीम कहलाते हम ,
और वो उदास चेहरा आज भी याद है ,
खैर 2004 तक गाँव में रहना हुआ ,
पर उसके बाद भी गाँव आने पर ,
उनसे मिलना जरूर होता ,
और तब भी हम उनके उतने ही प्रिय थे ,
खैर वो बचपन की बातें है,
लड़कपन की यादें है ,
पर उनकी वो सब बातें आज भी याद है ,
और ये उन्हीं का ज्ञान है ,
जो उनके बारे में कुछ लिख पा रहे है ......