कैसे कह दूं मुझे तुमसे प्यार नहीं,
आज भी हर सुबह तुम्हारा इंतज़ार रहता है,
आज भी ये दिल सिर्फ तुम्हारे लिए धड़कता है,
आज भी ये आंखें तुम्हारे दीदार को तरसती है,
माना तुम छोड़ गई ये कह कर की,
हम एक दूजे के लिए नहीं बने है,
पर कैसे समझाऊं तुम्हे,
की तुम्हारे बिन जीना भी एक सजा है,
तुम चली गई की हमारा प्यार मुकम्मल नहीं होगा,
पर देखो आज भी राहों में खड़े है,
तुम्हारे इंतज़ार में,
की तुम आओगी और गले लगा कर सब ठीक कर दोगी,
अब कैसे समझाऊं इस दिल को,
की तुम चली गई फिर ना लौटने के लिए,
की तुम आगे बढ़ गई,
फिर ना पीछे पलटने के लिए,
सुनो ना,
छोड़ दो अब ज़िद,
लौट आओ,
बहुत प्यार है तुमसे,
अब कैसे समझाऊं इस दिल को,
की तुम्हारा इंतज़ार छोड़ दे,
अब कैसे समझाऊं इस दिल को,
की अब मोहब्बत छोड़ दे,
की अब कैसे समझाऊं इस दिल को,
की मुझे तुमसे मोहब्बत नहीं है,
पर देखो ना,
ये दिल है तो हमारे सीने में,
पर धड़कता तुम्हारे लिए है।