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20/9/2022:-- नारी शक्ति का दुर्पयोग

20 सितम्बर 2022

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हैलो सखी।
कैसी हो ।कल रात तो जम कर मेघा बरसे ।बस देहली शोप पर आते समय थोड़ा रास्ते मे दिक्कत होती है जगह जगह जल भराव हो जाता है बाकी जो मौसम मे उमस थी उससे काफी निजात मिली।
शोप पर आकर बैठे और मोबाइल खोला तो आज का दैनिक प्रतियोगिता का विषय दिखा ।जो हमारा पसंदीदा विषय है 
"नारी शक्ति "
पर उसका दुर्पयोग । हां बहुत सी जगहों पर इसका गलत इस्तेमाल होते भी देखा गया है । बहुत सी महिलाएं , महिला सशक्तिकरण के लिए जो कानून बने है उनका गलत इस्तेमाल करती भी देखी गयी है।जैसे सुनसान जगह पर, ट्रेनों मे बहुत सी महिलाएं भोले भाले पुरुषों को ठगने के चक्कर मे इन कानूनों का हवाला देकर पैसे ऐंठ लेती है।
आज़ादी की एक सीमा होती है नारी शक्ति जिंदाबाद ,महिलाओं को बराबरी का अधिकार दो इस तरह के असंख्य नारे आए दिन हम कहीं ना कहीं सुन लेते हैं या देख ही लेते हैं |सती प्रथा ,जौहर प्रथा  और देवदासी जैसी कुप्रथाओं के बाद मुगल काल में महिलाओं में पर्दा प्रथा शुरू हुई जो कि आज भी भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में जारी है पर अब देश की आजादी के 71 वर्ष बीत चुके हैं और आए दिन महिलाओं को हर मोर्चे पर बराबरी का दर्जा देने की मांग उठ रही है , हम सब महिलाओं और पुरुषों के बीच अन्याय पूर्ण भेदभाव की खिलाफत करते हैं पर एक बात कहना चाहेंगे कि गुड़ को अगर हम चीनी बनाएंगे तो चीनी में मिठास तो वही रहेगी पर गुड़ के तत्व चीनी में नहीं मिलेंगे मतलब साफ है हम महिला सुरक्षा और उनके सम्मान और चुनिंदा क्षेत्रों में उनकी बराबरी के पक्षधर तो  हमें होना चाहिए हैं और उनके सामाजिक सम्मान की रक्षा के लिए हम संघर्ष भी करना चाहते हैं परंतु यह भी ध्यान देना चाहिए इन सुधारों के नाम पर महिलाओं की आजादी का दुरूपयोग ना हो अगर हम बात करें दहेज प्रथा कानून की 498 ए जिसे  शादीशुदा महिलाओं की सुरक्षा हेतु बनाया गया है इसकी साल 2015 में एक रिपोर्ट सार्वजनिक हुई थी जिसमें 498ए  के तहत कुल दर्ज 1लाख 12078 मामलों में 7458 मुकदमें फर्जी और ससुराल पक्ष को प्रताड़ित करने के उद्देश्य से दर्ज कराए गए थे |आज देश के सभी राज्यों में महिलाओं की सुरक्षा हेतु सरकार द्वारा अलग-अलग योजनाएं संचालित है देश में कुल महिला साक्षरता 67  फीसदी है और 27 फ़ीसदी महिलाएं देश में कामकाजी हैं जिनमें ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं की संख्या ज्यादा है पर असल में जिन महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा, यौन दुराचार ,छेड़छाड़ जैसी घटनाएं होती हैं वह तो ग्रामीण परिवेश कि गरीब घरों की होती हैं उन्हें न्याय ज्यादातर मामलों में मिल ही नहीं पाता है महिला अधिकारों के लिए बने कानून की जानकारी और पहुंच न होने के अभाव में वह आज भी जुल्म सह रही हैं  पर वहीं महिला अधिकारों के कानून का दुरुपयोग करने में महिलाओं का एक वर्ग जो कि शहरी क्षेत्र की शिक्षित वर्ग से आने वाली महिलाओं का है जो कि महिला आजादी और महिला अधिकारों के कानूनों का दुरुपयोग कर रही हैं और कहीं ना कहीं समाज और सरकार भी सिर्फ आंख मूँदे एक ही दिशा में कदम बढ़ा रही  है मतलब सिर्फ महिलाओं की बराबरी और उनकी सुरक्षा की हमेशा दुहाई तो दी जा रही है पर सरकारें  इस बात का ध्यान नहीं दे पा रही हैं इनकी आड़ में बने कानूनों का दुरुपयोग ना हो |              
बस सखी तुम और मै कभी इन अधिकारों का गलत इस्तेमाल ना करे यही भगवान से प्रार्थना है।

अब चलती हूं अलविदा।
ऋतेश आर्यन

ऋतेश आर्यन

साख्य भाव से कही गयी बहुत दुरुस्त बात , काफी संतुलित और सटीक 👌👌💐

20 सितम्बर 2022

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रचनाएँ
दैनंदिनी सखी (सितम्बर) 2022
4.5
सितम्बर माह जिसमे पूर्वजों को याद करें गे।उनको श्राद्ध अर्पित करके‌।और बहुत सी बाते होंगी सखी जब हम तुम साथ रहें गे।
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1/9/2022 :-गणेश चतुर्थी

1 सितम्बर 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो ।पता है दो दिन मे हमारे साथ क्या कुछ नही घटा।अब तुम से मिल नही सकते थे । क्यों कि हमने डायरी पूर्ण मार्क कर दी थी।सोई इंतजार कर रहे थे कि कब तुम से मुलाकात हो और हम मन की बात तुम्हें

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2/9/2022:- ग्लोबल वार्मिंग

2 सितम्बर 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो। हम अच्छे है बस आज के दैनिक प्रतियोगिता के विषय के अनुरूप थोड़ा दिमाग गरम है । आखिरकार पुस्तक लेखन प्रतियोगिता के परिणाम घोषित हो गये ।वही कछुआ खरगोश की कहानी याद आ गयी ।बस अब

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5/9/2022

5 सितम्बर 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो।मै अच्छी हूं ‌।कल ही समूह मे शैलेश जी किसी लेखक को प्रतियोगिता का विवरण दे रहे थे।उसमे उन्होंने कहा कि पुस्तक प्रतियोगिता में पेड पुस्तक दोनों ही पहले द्वीतिय स्थान पर आयी है।हमने भी

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6/9/2022:-सोशल मीडिया की ताक़त

6 सितम्बर 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो ।हम अच्छे है ।आज एक लेख पढ़ा ।सच मे सखी लेख पढ़ कर हंसी आ गयी।"एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी" यह कहावत उस लेख पर पूरी तरह से फिट बैठती थी।अपने को सच और दूसरे को झूठा साबित करने की होड़

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7/9/2022 :- टाइम ट्रैवल

7 सितम्बर 2022
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प्रिय सखी ।कैसी हो ।हम अच्छे है और मौज से है ।आज ही हमारी एक और किताब ने सौ का आंकड़ा पार कियाहै मतलब वो सौ लोगों के पुस्तकालय में रखी गयी है। किताब का नाम है "मै ओरत हूं .... इसलिए।"लगातार पाठक संख्य

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9/9/2022 :-रेल यात्रा

9 सितम्बर 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो ।हम ठीक ही है ।आज घर पर ही है देहली शोप पर नही गये।तबीयत ठीक नही है।कुछ नया उपन्यास लिख रहे है एक मंच पर बस उसी मे व्यस्त रहते है। फ़ालतू का सोचने का समय ही नही लगता।अब अगस्त की पुस्

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11/9/2022:- मानसिक स्वास्थ्य

11 सितम्बर 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो।हम ठीक है और अपनी देहली वाली शोप पर बैठे तुम्हें याद कर रहे थे।आज रविवार को सुबह ही सुबह आ गये हम ।कयोकि यहां कपड़ों के व्यापारी सुबह सुबह ही आते है रविवार को। तबीयत नासाज थी लेकिन फ

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13/9/2022:- बचपन की मित्रता

13 सितम्बर 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो ।हम अच्छे है । औरों का पता नही हम पूर्णतः स्वस्थ है। हां लोग कोशिश करते है अपनी बीमारी दूसरे पर लादकर उसे बीमार घोषित करने मे लगे रहते है पर जनता और जानकार बेवकूफ नहीं है उन्हें समझ

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16/9/2022:- पितृपक्ष

16 सितम्बर 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो। हम अच्छे है ।कल ही पतिदेव की दादी जी का श्राद्ध था।मौसम भी बदल रहा है तुम से गुजारिश अपना ख्याल रखा करो ।आज का विषय:-पितृपक्षजो आजकल चल रहा है अश्विनी मास की कृष्ण पक्ष को पित

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17/9/2022:- नारीवाद

17 सितम्बर 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो ।हम अच्छे है और मजे से है ।आजकल देहली शोप पर नही जा रही हूं ।कल बैंक का काम था सोई उसे निपटाते हुए बारह यही बज गये ।फिर देहली गये ही नही। कुछ दिनों से फरीदाबाद में मौसम खराब ही चल रह

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18/9/2022:- अंधविश्वास

18 सितम्बर 2022
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प्रिय सखी।कैसी हो।हम अच्छे है और देहली शोप पर है।आजकल श्राद्ध पक्ष के कारण लोग कपड़ा कम खरीद रहे है इसलिए काम थोड़ा ढीला है ।ये लोगों का अंधविश्वास नही तो और क्या है । क्या हमारे पूर्वज हमे अच्छे कपड़

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19/9/2022:- अंधविश्वास

19 सितम्बर 2022
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प्रिय सखी ।कैसी हो ।मै अच्छी हूं ।अब की बार पुस्तक लेखन प्रतियोगिता में भाग ना लेने का विचार किया है ।बस मन नही करता ऐसे जीत हासिल करने से ।जब फोन वेरिफिकेशन होने लगेगा और रियल पाठक बढ़ेंगे रचनाओं पर

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20/9/2022:-- नारी शक्ति का दुर्पयोग

20 सितम्बर 2022
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हैलो सखी।कैसी हो ।कल रात तो जम कर मेघा बरसे ।बस देहली शोप पर आते समय थोड़ा रास्ते मे दिक्कत होती है जगह जगह जल भराव हो जाता है बाकी जो मौसम मे उमस थी उससे काफी निजात मिली।शोप पर आकर बैठे और मोबाइल खोल

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22/9/2022:- मेरी पहली पढ़ी पुस्तक

22 सितम्बर 2022
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प्रिय सखी। कैसी हो । मै अच्छी हूं । बारिश बहुत हो रही है तीन दिनों से ।बस सारा दिन ऐसे ही बीत जाता है कुछ समय उपन्यास लिखने मे तो कुछ और व्यस्तताएं है ।बस दिन पता ही नही चलता ।हमारी मां कहती है य

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23/9/2022:-- शर्मशार होती इंसानियत

23 सितम्बर 2022
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प्रिय सखी ।कैसी है ।हम अच्छे है और मौसम से दुःखी है । लगातार बरसात हो रही है ।आज तुम्हें पता है दैनिक प्रतियोगिता का विषय बड़ा ही उम्दा है । "शर्मशार होती इंसानियत "सच मे सखी कहां नही है इंसानियत शर्म

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