प्रिय सखी।
कैसी हो।हम अच्छे है और देहली शोप पर है।आजकल श्राद्ध पक्ष के कारण लोग कपड़ा कम खरीद रहे है इसलिए काम थोड़ा ढीला है ।ये लोगों का अंधविश्वास नही तो और क्या है । क्या हमारे पूर्वज हमे अच्छे कपड़े पहनने से रोके गे।
आज की दैनिक प्रतियोगिता का विषय भी यही है
अंधविश्वास
अंधविश्वास क्या है एक डर । लोगों मे कयी पाखंडियों द्वारा ये डर बैठा दिया जाता है कि अगर वो ये काम नही करेंगे तो बेटा नही होगा, परीक्षा मे पास नही होंगे ,रूठी पत्नी वापस आ जाएगी ।इन सबसे किसकी उत्पत्ति होती है ,तरह तरह के पूजापाठ,तावीज ग़ंडो की लोगडर के मारे इन पाखंडियों के चक्कर मे पडकर ना जाने कितना पैसा ख़राब करते है ।
कहते है डर के आगे भूत नाचता है तो इंसान की बिसात ही कहां है।जिसका फायदा ये बाबा,पीर , मौलवी लोग उठाते है
लोग अपने डर को दूर करने के लिए अंधविश्वास का सहारा लेते हैं। देश में सबसे ज्यादा अंधविश्वास भारत में किया जाता है क्योंकि यहां पर लोगों के मन में भगवान के प्रति बहुत श्रद्धा है। इसीलिए लोग इस चीज का फायदा उठाते हैं और कहते हैं कि भगवान की आज्ञा का पालन करो। विश्वास करना गलत नहीं है, लेकिन अत्यधिक विश्वास करना बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है।
कहते हैं इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं होता। लेकिन जो पाखंडी लोग होते हैं, वही इस अंधविश्वास का फायदा उठाते हैं। जो लोग भगवान के नाम पर ऐसे बुरे काम करते हैं, उनके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता। स्कूल, कॉलेज, जाने वाले बच्चे भी किसी के द्वारा दी गई रस्सी को बांधकर परीक्षा में सफलता का सपना देख रहे हैं। मगर ऐसे कई उपाय हैं जिनकी मदद से हम अंधविश्वास को हरा सकते हैं।
अगर हमने खुद पर विश्वास करना सीख लिया तो अपने डर को दूर कर सकते हैं। अगर हमने अपने डर को कंट्रोल करना सीख लिया तो हम अंधविश्वास से हमेशा के लिए दूर हो जाएंगे। इसमें ज्यादा समय नहीं लगेगा। इससे मानव का कल्याण भी होगा और हमारा भारत आगे बढ़ेगा।
अब चलते है सखी अलविदा।