shabd-logo

6/9/2022:-सोशल मीडिया की ताक़त

6 सितम्बर 2022

129 बार देखा गया 129
प्रिय सखी।
कैसी हो ।हम अच्छे है ।आज एक लेख पढ़ा ।सच मे सखी लेख पढ़ कर हंसी आ गयी।"एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी" यह कहावत उस लेख पर पूरी तरह से फिट बैठती थी।अपने को सच और दूसरे को झूठा साबित करने की होड़ सी लगी हुई है ।माना आप छल से फरेब से लक्ष्य तक पहुंच जाओ।पर आत्मिक शांति तभी मिलती है जब उसमे सच्चाई हो ।कम से कम हमारे साथ तो यही होता है ।गलत तरीके से कोई भी अचवीमेंट हमे आत्मिक संतुष्टि नही देती।जो गलत है वो एक बार सीने पर हाथ रख कर आंखें बंद करके महसूस करे कि क्या हमने ठीक किया। सच कहते है मन से यही आवाज निकलेगी कि "नही"
आज का विषय:- सोशल मीडिया की ताक़त
बड़ा ही सुन्दर विषय है ।आज सोशल मीडिया से क्या कुछ नही बदल गया ।सब कुछ आनलाइन हो गया है । ज्यादा नही तो ये मंच जिससे हम सब जुड़े हैं वो भी सोशल मीडिया की ताकत से ही बना है ।
आज से 70साल पहले कभी सोचा था हमने कि हम एक जगह बैठे बैठे।एक सैकेंड मे ही अपना संदेश अपनी आवाज देश के दूसरे कोने मे बैठे लोगों तक पहुंचा पायेंगे।सोशल मीडिया की ताक़त से बहुत से फायदे है जैसेअब बहुत सी किताबें आनलाइन आ गयी है ।हमे याद है जब हम एम ए फ़ाइनल ईयर मे थे ।हमारा एक विषय "पत्रकारिता "था 
हमे उससे सम्बन्धित किताब कही भी नही मिल रही थी बस यूनिवर्सिटी से जो नोट्स आये थे वो ही हमारा सहारा था पेपर देने का । लेकिन अब बच्चों के लिए पढ़ाई बहुत आसान हो गयी है सीबीएससी का सारा सेलेब्स आनलाइन है ।
सबसे बड़ी बात करोना काल मे सबसे बड़ी सोशल मीडिया की ताकत दिखाई दी। बच्चों के स्कूल साल भर बंद रहे पर पढ़ाई पर कोई असर नही पड़ा।लोग विदेश मे बैठे अपने देश का हालचाल जान लेते है सैकेंडो मे।अब लोग प्रदेश जाते है तो लगता ही नही वो बाहर गये है विडियो कालिंग से एक मिनट मे सम्पर्क हो जाता है।
नुकसान:-
सोशल मीडिया के फायदे भी है तो कुछ नुकसान भी है । बच्चे सारा दिन मोबाइल मे घुसे रहते है । मोबाइल गेम्स से उन्होंने अपने आसपास एक काल्पनिक दुनिया बना ली है।दूसरा सोशल मीडिया से साइबर क्राइम भी हो रहे है ।जैसे गांवके भोले भाले लोगों से कार्ड की डिटेल पूछ लेते है और अकाउंट साफ कर देते है। इसलिए अगर किसी को सही तरीके से इस्तेमाल करना आता हो तो सोशल मीडिया की ताकत से बढ़ कर कोई ताकत नही है।
अब चलते है सखी ।दो बार एडिट करके लेख पूरा किया है ।समय ही नही मिलता ।अब अलविदा।
लिपिका भट्टी

लिपिका भट्टी

बहुत ही अच्छी व्याख्या करी आपने सोशल मीडिया की।

6 सितम्बर 2022

काव्या सोनी

काव्या सोनी

बिल्कुल आपकी बात से सहमत है मैम आजकल ऐसे लोगो से सामना अक्सर हो रहा जो खुद गलत कर के दूसरों को गलत का ढिंढोरा पीटते अब क्या करे मैम अब तो उन लोगों की सोच पर हंसी भी नही आती पर आपका कहना भी सही है उनका कर ही क्या सकते है । सिवाय देखने के किसी पर अब कोई जोर हो चलता नही उन्हें रोक सके हम बस हम तो अपना काम ही करते रहे बस खामोशी से जो करे गलत सो करे

6 सितम्बर 2022

Monika Garg

Monika Garg

6 सितम्बर 2022

बिल्कुल सही काव्या जी ,मै देख रही हूं मेरी पिछली किताब लडके रोया नही करते के साथ ऐसा ही हुआ था । फेंक पाठक बढाने वाले जीत गये थे ।पर हमे कोई फर्क नही पड़ता मैन मुद्दा ये है कि हमे प्रसिद्धि मिल रही है या नही ।वो हमे मिल रही है हमारी किताब पर अब भी लगातार पाठक बढ़ रहे है ।और समीक्षाएं भी आ रही है और किताब खरीदी भी जा रही है । लेकिन उनकी वैसे की वैसी है मतलब कोई पाठक संख्या नही बढ़ी है ।अब भगवान ही मालिक है ऐसे बंदों का

गजनी

गजनी

ऐसा ही होता है लोग स्वयं वही काम करते है और लोगों के सामने भले बन जाते है कि हम तो ये काम कर ही नही सकते। कहावत है "औरो ने बैंगन बाये रे खुद को बैंगन पच"

6 सितम्बर 2022

Monika Garg

Monika Garg

6 सितम्बर 2022

जी ऐसे लोगों का कुछ नही हो सकता है महोदय

15
रचनाएँ
दैनंदिनी सखी (सितम्बर) 2022
4.5
सितम्बर माह जिसमे पूर्वजों को याद करें गे।उनको श्राद्ध अर्पित करके‌।और बहुत सी बाते होंगी सखी जब हम तुम साथ रहें गे।
1

1/9/2022 :-गणेश चतुर्थी

1 सितम्बर 2022
65
26
3

प्रिय सखी।कैसी हो ।पता है दो दिन मे हमारे साथ क्या कुछ नही घटा।अब तुम से मिल नही सकते थे । क्यों कि हमने डायरी पूर्ण मार्क कर दी थी।सोई इंतजार कर रहे थे कि कब तुम से मुलाकात हो और हम मन की बात तुम्हें

2

2/9/2022:- ग्लोबल वार्मिंग

2 सितम्बर 2022
45
25
3

प्रिय सखी।कैसी हो। हम अच्छे है बस आज के दैनिक प्रतियोगिता के विषय के अनुरूप थोड़ा दिमाग गरम है । आखिरकार पुस्तक लेखन प्रतियोगिता के परिणाम घोषित हो गये ।वही कछुआ खरगोश की कहानी याद आ गयी ।बस अब

3

5/9/2022

5 सितम्बर 2022
26
20
1

प्रिय सखी।कैसी हो।मै अच्छी हूं ‌।कल ही समूह मे शैलेश जी किसी लेखक को प्रतियोगिता का विवरण दे रहे थे।उसमे उन्होंने कहा कि पुस्तक प्रतियोगिता में पेड पुस्तक दोनों ही पहले द्वीतिय स्थान पर आयी है।हमने भी

4

6/9/2022:-सोशल मीडिया की ताक़त

6 सितम्बर 2022
47
29
5

प्रिय सखी।कैसी हो ।हम अच्छे है ।आज एक लेख पढ़ा ।सच मे सखी लेख पढ़ कर हंसी आ गयी।"एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी" यह कहावत उस लेख पर पूरी तरह से फिट बैठती थी।अपने को सच और दूसरे को झूठा साबित करने की होड़

5

7/9/2022 :- टाइम ट्रैवल

7 सितम्बर 2022
26
13
0

प्रिय सखी ।कैसी हो ।हम अच्छे है और मौज से है ।आज ही हमारी एक और किताब ने सौ का आंकड़ा पार कियाहै मतलब वो सौ लोगों के पुस्तकालय में रखी गयी है। किताब का नाम है "मै ओरत हूं .... इसलिए।"लगातार पाठक संख्य

6

9/9/2022 :-रेल यात्रा

9 सितम्बर 2022
26
17
0

प्रिय सखी।कैसी हो ।हम ठीक ही है ।आज घर पर ही है देहली शोप पर नही गये।तबीयत ठीक नही है।कुछ नया उपन्यास लिख रहे है एक मंच पर बस उसी मे व्यस्त रहते है। फ़ालतू का सोचने का समय ही नही लगता।अब अगस्त की पुस्

7

11/9/2022:- मानसिक स्वास्थ्य

11 सितम्बर 2022
25
13
3

प्रिय सखी।कैसी हो।हम ठीक है और अपनी देहली वाली शोप पर बैठे तुम्हें याद कर रहे थे।आज रविवार को सुबह ही सुबह आ गये हम ।कयोकि यहां कपड़ों के व्यापारी सुबह सुबह ही आते है रविवार को। तबीयत नासाज थी लेकिन फ

8

13/9/2022:- बचपन की मित्रता

13 सितम्बर 2022
18
9
0

प्रिय सखी।कैसी हो ।हम अच्छे है । औरों का पता नही हम पूर्णतः स्वस्थ है। हां लोग कोशिश करते है अपनी बीमारी दूसरे पर लादकर उसे बीमार घोषित करने मे लगे रहते है पर जनता और जानकार बेवकूफ नहीं है उन्हें समझ

9

16/9/2022:- पितृपक्ष

16 सितम्बर 2022
9
1
1

प्रिय सखी।कैसी हो। हम अच्छे है ।कल ही पतिदेव की दादी जी का श्राद्ध था।मौसम भी बदल रहा है तुम से गुजारिश अपना ख्याल रखा करो ।आज का विषय:-पितृपक्षजो आजकल चल रहा है अश्विनी मास की कृष्ण पक्ष को पित

10

17/9/2022:- नारीवाद

17 सितम्बर 2022
13
7
1

प्रिय सखी।कैसी हो ।हम अच्छे है और मजे से है ।आजकल देहली शोप पर नही जा रही हूं ।कल बैंक का काम था सोई उसे निपटाते हुए बारह यही बज गये ।फिर देहली गये ही नही। कुछ दिनों से फरीदाबाद में मौसम खराब ही चल रह

11

18/9/2022:- अंधविश्वास

18 सितम्बर 2022
20
8
1

प्रिय सखी।कैसी हो।हम अच्छे है और देहली शोप पर है।आजकल श्राद्ध पक्ष के कारण लोग कपड़ा कम खरीद रहे है इसलिए काम थोड़ा ढीला है ।ये लोगों का अंधविश्वास नही तो और क्या है । क्या हमारे पूर्वज हमे अच्छे कपड़

12

19/9/2022:- अंधविश्वास

19 सितम्बर 2022
12
6
0

प्रिय सखी ।कैसी हो ।मै अच्छी हूं ।अब की बार पुस्तक लेखन प्रतियोगिता में भाग ना लेने का विचार किया है ।बस मन नही करता ऐसे जीत हासिल करने से ।जब फोन वेरिफिकेशन होने लगेगा और रियल पाठक बढ़ेंगे रचनाओं पर

13

20/9/2022:-- नारी शक्ति का दुर्पयोग

20 सितम्बर 2022
16
6
1

हैलो सखी।कैसी हो ।कल रात तो जम कर मेघा बरसे ।बस देहली शोप पर आते समय थोड़ा रास्ते मे दिक्कत होती है जगह जगह जल भराव हो जाता है बाकी जो मौसम मे उमस थी उससे काफी निजात मिली।शोप पर आकर बैठे और मोबाइल खोल

14

22/9/2022:- मेरी पहली पढ़ी पुस्तक

22 सितम्बर 2022
15
5
0

प्रिय सखी। कैसी हो । मै अच्छी हूं । बारिश बहुत हो रही है तीन दिनों से ।बस सारा दिन ऐसे ही बीत जाता है कुछ समय उपन्यास लिखने मे तो कुछ और व्यस्तताएं है ।बस दिन पता ही नही चलता ।हमारी मां कहती है य

15

23/9/2022:-- शर्मशार होती इंसानियत

23 सितम्बर 2022
15
6
0

प्रिय सखी ।कैसी है ।हम अच्छे है और मौसम से दुःखी है । लगातार बरसात हो रही है ।आज तुम्हें पता है दैनिक प्रतियोगिता का विषय बड़ा ही उम्दा है । "शर्मशार होती इंसानियत "सच मे सखी कहां नही है इंसानियत शर्म

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए