बात 1964 की है जब हम स्कूल में पढ़ा करते थे। स्कूल में सारे राष्ट्रीय पर्व मनाए जाते थे जैसे 15 अगस्त 5 सितंबर 2 अक्टूबर 26 जनवरी 14 नवंबर आदि। जिनमें से 26 जनवरी बहुत उत्साह से मनाई जाती थी। हमारे टाइम में सुबह स्कूल में सब बच्चे जमा हो जाते थे फिर उसके बाद झंडा रोहण होता था। उसमें राष्ट्रीय गान होता था और झंडे को सलामी दी जाती थी। प्रिंसिपल झंडे के सामने शपथ दिलवाती थी। जिसमें की राष्ट्रीय रक्षा की शपथ ली जाती थी। सरकार की तरफ से जो राष्ट्र के नाम संदेश आता था उस पेपर को प्रिंसिपल पढ़कर सुनाती थी। इस दिन बच्चे अपने छोटे छोटे भाई बहनों को भी साथ लाते थे और तरह-तरह के कल्चर प्रोग्राम होते थे। जिसमें डांस गाने भाषण कई तरह के प्रोग्राम होते थे। इसके बाद रस्सी खीचना, लोटा दौड़,बाधा दौड़ आदि खेल और छोटे बच्चों के डांस गाने बहुत अच्छे लगते थे और सांस्कृतिक प्रोग्राम भी होते थे। प्रोग्राम खत्म होने के बाद छात्रों को बूंदी के चार चार लड्डू मिलते थे। उस समय छात्रों के लिए यह बहुत बड़ी खुशी की बात होती थी। उसके बाद छुट्टी हो जाती थी और सभी छात्र अपने घर बहुत खुशी खुशी जाते थे। 26 जनवरी का उत्साह सभी बच्चों में देखते ही बनता था और 26 जनवरी से पहले 26 जनवरी के आने का बहुत इंतजार करते थे। सुबह के टाइम 26 जनवरी को प्रभात फेरी निकाली जाती थी। हमारे स्कूल में देश भक्ति गीत गाया जाता था जिसको वीर गान कहते थे।जिससे देश के प्रति देश भक्ति का भाव जागृत होता था।