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26 जनवरी

25 जनवरी 2022

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बात 1964 की है जब हम स्कूल में पढ़ा करते थे। स्कूल में सारे राष्ट्रीय पर्व मनाए जाते थे जैसे 15 अगस्त 5 सितंबर 2 अक्टूबर 26 जनवरी 14 नवंबर आदि। जिनमें से 26 जनवरी बहुत उत्साह से मनाई जाती थी। हमारे टाइम में सुबह स्कूल में सब बच्चे जमा हो जाते थे फिर उसके बाद झंडा रोहण होता था। उसमें राष्ट्रीय गान होता था और झंडे को सलामी दी जाती थी। प्रिंसिपल झंडे के सामने शपथ दिलवाती थी। जिसमें की राष्ट्रीय रक्षा की शपथ ली जाती थी। सरकार की तरफ से जो राष्ट्र के नाम संदेश आता था उस पेपर को प्रिंसिपल पढ़कर सुनाती थी। इस दिन बच्चे अपने छोटे छोटे भाई बहनों को भी साथ लाते थे और तरह-तरह के कल्चर प्रोग्राम होते थे। जिसमें डांस गाने भाषण कई तरह के प्रोग्राम होते थे। इसके बाद रस्सी खीचना, लोटा दौड़,बाधा दौड़ आदि खेल और छोटे बच्चों के डांस गाने बहुत अच्छे लगते थे और सांस्कृतिक प्रोग्राम भी होते थे। प्रोग्राम खत्म होने के बाद छात्रों को बूंदी के चार चार लड्डू मिलते थे। उस समय छात्रों के लिए यह बहुत बड़ी खुशी की बात होती थी। उसके बाद छुट्टी हो जाती थी और सभी छात्र अपने घर बहुत खुशी खुशी जाते थे। 26 जनवरी का उत्साह सभी बच्चों में देखते ही बनता था और 26 जनवरी से पहले 26 जनवरी के आने का बहुत इंतजार करते थे। सुबह के टाइम 26 जनवरी को प्रभात फेरी निकाली जाती थी। हमारे स्कूल में देश भक्ति गीत गाया जाता था जिसको वीर गान कहते थे।जिससे देश के प्रति देश भक्ति का भाव जागृत होता था।
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रचनाएँ
ममता की डायरी
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मेरे बचपन की कुछ यादें
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गुड्डे गुड़ियों की शादी

15 फरवरी 2022
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बचपन में (1964-70) जब हम छोटे छोटे थे। उस समय हम गुड्डे गुड़िया खेलते थे। जो कि हमको बहुत अच्छा लगता। स्कूल से आकर और छुट्टी के दिन तो सारे दिन गुड्डे गुड़िया खेलते। उस समय हम पुराने कपड़ों से गुड़िया

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बचपन के खेल

22 फरवरी 2022
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बात 1964 से 72 की है जब हम स्कूल में पढ़ते थे। तब हम सभी बच्चे बहुत सारे खेल खेलते थे जैसे कि 6 या 8 खाने खीचकर घर बनाने का खेल। जो की हम मिट्टी या गिट्टी से जमीन पर खीचकर खेलते थे। गिट्टी को पैर से खि

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बचपन की होली

8 मार्च 2022
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बात 1964-70 की है जब हम होली खेलते थे। उस समय होली आजकल की तरह रेडीमेड नहीं रखी जाती थी। बल्कि सवा महीने पहले बसन्त पंचमी के दिन चौराहों पर लकड़ी व कण्डे डालकर होली के त्यौहार की शुरुआत की जाती थी। पहल

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प्ले स्कूल

22 मार्च 2022
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1962 की बात है जब हम नर्सरी क्लास में पढ़ते थे। और हमारी पढ़ाई कॉपी किताब या स्लेट बत्ती से नहीं होती थी। वहाँ पढ़ाई नाटक व कविताओं द्वारा होती थी। जैसे कि राम सीता के पाठ में एक बच्ची सीता और एक को राम

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बचपन की मौज मस्ती 1

29 मार्च 2022
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हमारी बहन 9 साल की थी और हम 4 साल के होंगे। बहन की सहेली के घर ट्रेन में बैठकर चले गए उसकी छोटी बहन को खिलाने। फिर वह हमकों रेल में बिठाने आई। हम घर वापस आ गए जो शहर में था। जब मम्मी को दूसरे दि

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