तुझे याद भी नहीं होगी वो एक पुरानी तस्वीर जिसमे तूने बिंदी लगाई है....
मैं हर रात उसे चाँद समझ कर देख लेता हूँ.......
वो नारंगी रंग की चूडिय़ां जो पहनी थी तूने उस दिन....
हर सुबह उसे मैं आफ़ताब की तरह देख लेता हूँ...
वो कदमों के निशां जो बने थे गीली मिट्टी पर कभी, तुझे याद भी नहीं होगा.....
मैं आज भी वहाँ अपनी पलकें बिछाता हूँ
#अल्फ़ाज़