अजमेर शरीफ में उर्स –अजमेर शरीफ में सूफी संत मोईउद्दीन चिश्ती की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में उर्स के रूप में 6 दिन का वार्षिक उत्सव बड़े हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया जाता है। इस उर्स की शुरुआत बुलंद दर
अजमेर शरीफ दरगाह के नियम –ख्वाजा की मजार पर कोई भी व्यक्ति सिर खोलकर नहीं जा सकता है।मजार के दर्शन के लिए किसी भी तरह के बैग या सामान ले जाने की सख्त मनाही है।इसके साथ ही कैमरा ले जाने की भी रोक है।ख्
बुलंद दरवाजा –बुलंद दरवाजा, अजमेर शरीफ की दरगाह में बने प्रमुख चारों दरवाजों में से एक है, यह एक भव्य और विशाल गेट है । जिसका निर्माण महमूद खिलजी और उनके उत्तराधिकारियों द्वारा करवाया गया है।उर्स महोत
अजमेर शरीफ की दरगाह का निर्माण एवं बनावट –इतिहासकारों की माने तो सुल्तान गयासुद्दीन खिलजी ने करीब 1465 में अजमेर शरीफ की दरगाह का निर्माण करवाया था। वहीं बाद में मुगल सम्राट हुंमायूं, अकबर, शाहजहां
राजस्थान राज्य के अजमेर में स्थित ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह भारत के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। यह दरगाह, पिंकसिटी जयपुर से करीब 135 किलोमीटर दूर, चारों तरफ अरावली की पहाड़ियों से घिरे अज