'हे देश के वीर सपूत'धन्य है वो जन्मभूमिजहां तुमने जन्म लिया,धन्य है वो कर्मभूमिजहां तुमने तिरंगे को थाम लिया,देश की आन, बान और शानकी रक्षा के लिए,पग पग अपने सीने परदुश्मनों की गोली का वार लिया।नमन है
हे वीर सिपाही, हम सबको है तुम पर नाज़, तुम हो इस देश के रक्षक, तुम रखना इस तिरंगे की लाज। चाहे कोई मुश्किल भी आए, चाहे घनघोर हो संकट के साए, दुश्मनों के छक्के छुड़ा कर, कर देना जय हिन्द की जयकार। हे व
नमन है उन वीर जवानों कोजो वतन की सरजमीं परवतन के लिए शहीद हुए।अपने देश की माटी में समाईउनके लहू की एक एक बूंद,बयां करती है वो शौर्य गाथाजिसमें ना जाने कितने हीवीर सपूत कुर्बान हुए।ना धूप की तपन में वो
नमन है उन वीर जवानों कोजो वतन की सरजमीं परवतन के लिए शहीद हुए।अपने देश की माटी में समाईउनके लहू की एक एक बूंद,बयां करती है वो शौर्य गाथाजिसमें ना जाने कितने हीवीर सपूत कुर्बान हुए।ना धूप की तपन में वो