निर्दोषों की लाश बिछा दी,जनरल डायर का क्या बिगाड़ा था ?दुश्मन की चाल चली वहां पर ,जलियांवाला बाग बना छलावा था।रोलेक्ट एक्ट के विरोध में,एक सभा हो रही थी वहां पर।मानवता हीन हो गये जन, चली अंधाधुंध गोलि
शीर्षक --जालियावाला बागजालिया वाले बाग में सारे हिंदुस्तानी थे जब ये लिखी गई खुनी ये कहानी थी सब नारे लगा रहे थे इंकलाब कीज़ब दुनिया आजादी के दीवानी थीहिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई सब भूल कर ज़बअत
जलियांवाला बाग हत्याकांड भारत की आजादी के इतिहास की वो घटना है, जिसके बारे में सोचने पर भी रूह कांप जाती है. 13 अप्रैल 1919 को ये दुखद घटना घटी थी, जब पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर से कुछ ही दू
जलियांवाला बाग हत्याकांड अमृतसर में हुआ। इस हत्याकांड में जनरल डायर ने निहत्थे लोगों पर गोली चलाने का हुक्म दिया। यह इतिहास की वह कलंकित घटना है जिसे सुनकर हर भारतीय के मन में अंग्रेजों के
जलियांवाला बाग हत्याकांड: भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक दुखद मोड़ जलियांवाला बाग हत्याकांड, जिसे अमृतसर नरसंहार के रूप में भी जाना जाता है, एक दुखद घटना थी जो 13 अप्रैल, 1919 को जलियांवाला बाग,