जलियांवाला बाग हत्याकांड अमृतसर में हुआ। इस हत्याकांड में जनरल डायर ने निहत्थे लोगों पर गोली चलाने का हुक्म दिया। यह इतिहास की वह कलंकित घटना है जिसे सुनकर हर भारतीय के मन में अंग्रेजों के जुल्म की यादें ताजा हो जाती हैं।
इस घटना पर एक फिल्म भी बनी थी जिसे देखकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। उधम सिंह ने जनरल डायर से इस कांड का बदला इंग्लैंड में जाकर लिया। वास्तव में यह घटना निहत्थे भारतवसियों पर गोली चलाने की घटना है। और इस घटना में हजारों लोगों का खून बहा था। बच्चे अनाथ हुए थे। पूरा जलियांवाला बाग खून से भरा हुआ था। आज भी वहां की मिट्टी शहादत की याद दिलाती है।
आज भारत को स्वतंत्र हुए बहुत साल हो गए हैं। भारत अब लोकतंत्रात्मक देश है। लेकिन फिर भी हर साल 13 अप्रैल को हम उन शहीदों को जो देश के लिए शहीद हो गए याद करते हैं और उनकी शहादत पर गर्व अनुभव करते हैं।
उधम सिंह वह क्रांतिकारी थे जिन्होंने बहुत संघर्ष करके इंग्लैंड पहुंचकर जनरल डायर को गोली मारी। और बताया की उन्होंने जनरल डायर से जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला ले लिया है।
अतः आज हमें संकल्प लेना है कि हम भारतवासी अपनी एकता अखंडता से देश का विकास करेंगे। हम अपने भारत के गौरव के लिए कार्य करेंगे। हम हमेशा देश भक्ति व देश को अपने निजी स्वार्थों से ऊपर रखेंगे। देश के लिए जिएंगे ,मरेंगे। देश के गौरव को हमारे किसी काम से आंच ना आए इसका ध्यान रखेंगे। यहीं सच्ची श्रद्धांजलि होगी उन वीरों को जिन्होंने देश हित के लिए अपना सर्वस्व समर्पण कर दिया अपनी जान की चिंता नहीं की।
(©ज्योति)