shabd-logo

मुज़रिम ... ========

hindi articles, stories and books related to Mujrim ... ========


featured image

मित्र,हवा में भटकते पत्ते की तरहतू मेरे पास आया...बिखरे बाल , पसीने से लथपथ,घबराहट और भय से तुम्हारी आँखें फैली हुई थीं...तार तार होती तुम्हारी कमीज़ पर,खून के छींटे थे ,उफ़!तुमने लाशों से ज़मीन भर दी थी,मैंने कांपते हाथों उन्हें दफना दिया...तुम थरथर काँप रहे थे,बिना

संबंधित किताबें

संबंधित टैग्स

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए