लूट का माल (1) सर्द मौसम था परन्तु एक ख़ुशगवार शाम थी वो। लेकिन शहर में गर्म अफवाहों ने फिज़ा में इतना तनाव भर दिया था कि किसी का ध्यान मौसम की ओर नहीं था। साइकिल के पैडल पर जोर-जोर से पैर मारकर वो
ऐसी दुनिया में जो अक्सर चुनौतियों और अनिश्चितताओं से भरी लगती है, एक सार्वभौमिक भाषा है जो दूरियों को पाट सकती है, रिश्तों को सुधार सकती है और सबसे अंधेरे दिनों को भी रोशन कर सकती है - एक मुस्क
हर साल, अक्टूबर के पहले शुक्रवार को, पूरे विश्व के लोग मिलकर एक ऐसी भावना का जश्न मनाते हैं जो भाषा की सीमाओं, सांस्कृतिक भिन्नताओं और व्यक्तिगत विभाजनों को पार करती है - मुस्कान। विश्व मुस्कान दिवस,
एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में एक छोटी सी लड़की नामक आन्या रहती थी। वह बड़ी ही मुस्कुराती हुई और खुशनुमा थी। उसकी मुस्कान किसी के लिए भी सबसे महत्वपूर्ण चीज़ थी, और वह हमेशा दूसरों को खुश देखना
आओ, मुस्कान की ओर बढ़ते हैं हम, जब सब दुनिया में हो आपसी गहराई का समर्थन। यह एक दिन है, जब हम बातें करते हैं मुस्कान की, सबके दिलों में आत्मविश्वास का बीज बोते हैं। मुस्कान से हर समस्या को ह