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8 फरवरी 2022

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लोहे के जंगल 
पत्थरों के शहर
माटी को कौन
आदिमानव बनना है ।

कंदराओं के दिवस
पुनः स्थापित हैं
वर्षाजल को कौन
मिनरलवाटर सभी चाहें ।

वनौषधिय प्राणवायु गुम
ऑक्सीजन सिलेंडर चाहिए 
खादी कुर्ते नहीं
डेनिम जींस चाहिए ।

आयुर्वेदिक औषधी परहेज
खतरनाक ऐलौपॅथी ललचाए
गौदुग्ध गौमूत्र नहीं
पिज्जा बर्गर भाए ।।

- हितेंद्र कुमार श्रीवास 
सहायक शिक्षक 
बालक आश्रम करियाकाटा
कोंडागांव छत्तीसगढ़ भारत 
9131220469
9303034345

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हितेंद्र कुमार श्रीवास की डायरी
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विश्वधरोहर विश्वधरोहर यूं ही नहीं कहलाता कोई खजुराहो । जो स्थल है महत्वपूर्ण धरा का यूं ही नहीं महत्वपूर्ण कहलाता है । जब आप व्यतीत करेंगे कोई एक सांझ धरा के इस भूभाग में । स्वच्छंद स्वतंत्र निर्विकार आप प्रत्यक्ष अनुभव कर सकेंगे अनुभूतियां एक गणिका को । सांध्य वेला में उसके पदचालन को उसके गंतव्य की ओर वापसी को । उसके हाव भावों उसके रूप सौंदर्य उसके मनोभावों को जो प्रस्तुति है । प्रकृति संग एकाकार प्रतिरूप है प्रकृति सहज , सरल , सुरम्य सुंदर संस्कृति स्वरूप ।। - हितेंद्र कुमार श्रीवास सहायक शिक्षक (एल.बी.) 9131220469 (CALLING) 9303034345 (W.A.)

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