आत्महत्या एक डरावना शब्द। जो आँखों के सामने मौत का भयानक मंजर खड़ा कर देता है। यह एक motivational kahani है। जिसने एक लड़के को मरने से बचाया ऐसा क्या हुआ था जिसने उसे फिर जीना सिखा दिया।
“जिंदगी से हार मानकर आत्महत्या
करने के बारे में सोचने से अच्छा है,
जिंदगी को नये सिरे से शुरू करना।”
आज मैं आपको अपनी मौत यानी सुसाइड की एक कहानी सुनाने आया हूँ।
जब मैं पैदा हुआ तो मेरे से पहले एक भाई और था। तो अभी लोग उसको छोड़ कर मेरे पर ध्यान देने लगे और धीरे- धीरे मुझे ये बात समझ आ गई की बड़े भाई से ज्यादा मैं जरूरी हूँ, और घर का राजा हूँ, लेकिन मेरा भ्रम जल्द ही टूटने वाला था।
जब मैं स्कूल गया था। बाकी बच्चों के लिए मैं तो एक आम बच्चा था। पर वाहा एक और लड़का था “राहुल नाम का” पूरी क्लास मानो उसकी दीवानी थी। मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा था मैं मानो उसकी जगह लेना चाहता था। लेकिन सारी स्कूलिंग मैंने इसी दौड़ में खत्म कर दी।
अब शुरू हुआ मेरा कॉलेज लेकिन यहां भी मेरा सिक्का ना चला और मैंने फिर अपनी ज़िंदगी के चार साल बर्बाद कर दिए, वो ही गलती बार-बार मैं करता रहता ओर अंदर ही अंदर मैं घरवालों से क्या खुद से भी अलग होता जा रहा था।
जब मैंने नौकरी शुरू की वाहा मेरे मैनेजर ने अपने भाई को मेरी जगह दे दी ओर मैं फिर से बहुत पीछे आ गया। मानो मेरी पूरी जिंदगी बर्बाद हो गई हो,और उस रात मैने सोचा कि सब कुछ खत्म कर दू, ना रहे ही ज़िन्दगी, ना रहेगा आगे बढ़ने का जज्बा।
ज़िन्दगी खत्म करने के लिए रस्सी पकड़ी ही थी तभी माँ का फोन आ गया पहले तो सोचा की फोन ना उठाऊँ, लेकिन माँ का फोन था कैसे ना उठता।
फोन उठाया ही था। माँ की आवाज ने ना जाने कैसा जादू किया कि मेरा मन ही पलट गया। मैंने सोचा की ये सारी चीज़े तो बचपन से ही हो रही है मेरे साथ फिर आज ये कदम क्यों?
मैंने अपने आप को समझाया और फिर ऐसी सोच ना आए खुद से ये वादा किया और मेहनत से फिर काम शुरू किया और आज मैं उसी कंपनी में अपने मैनेजर का मैनेजर हूँ।
दोस्तो!
सुसाइड करना कोई रास्ता नहीं है। आप अपने आप को तो खत्म कर लेंगे, लेकिन आपके अपनों का क्या होगा ?
सोचना खुद की जान लेने से पहले, जिस माँ ने आपको नो महीने कोख में रखा उस माँ के दिल पर क्या बीतेगी। जब वो आपकी लाश को देखेगी जीते जी वो जिंदा लाश बन जाएगी।
उस बाप का क्या जिसने आपको कंधे पर घुमाया था वो कैसे आपकी अर्थी को कंधा देगा? उस बहन का क्या जिसने आपको रखी बांधी थी कौन रक्षा करेगा उसकी, और भाई का क्या जिसने आप के साथ एक प्लेट में खाना खाया था।
सोचो-सोचो मेरे दोस्त, मत करना ये गलती कभी।