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आठवॉ सीन

26 अप्रैल 2023

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अजय की कहानी सुनकर ड्राइवर राजा की आंखों में आंसू आ जाते हैं राजा कहता हैं “सच में आपके बच्चों ने आपके साथ गलत किया है ऐसे बच्चों को नहीं करना चाहिए अपने पिता को इतना परेशान नहीं करना चाहिए “ ड्राइवर गुस्से से बोला “सच कह रहे हो सर उनके बच्चे बातें बहुत ख़राब हैं अपने पिता को कितना परेशान किया है जिस पर अपने पूरा जीवन अपने सारे सपने कुर्बान करके अपने बच्चों की जिंदगी बना दी हो आज वह बच्चे अपने पिता को बाहर निकाल देते हैं कितने बुरे बच्चे हैं आजकल क्या फायदा ऐसी आधुनिकता का जो अपने पिता को भी जगह ना दे सके. और अपनी मेहनत से एक मकान भी नहीं बना सकते हो पिता से पूछे जिसने अपने जीवन की पूरी कमाई लगाकर लोन लेकर किस्तें भर भर के उसको बच्चों के मकान बना दिया “ दोनों की बात सुनकर अजय शांत हो जाता है अजय कहता है” आप लोग इस जंगल में क्या कर रहे थे मैं तो मरने आया हूं लेकिन आप लोग क्या कर रहे हैं” ड्राइवर के आता है बाबू जी हमारे यह राजा साहब है यह शहर के बहुत बड़े बिजनेसमैन ने जब ज्यादा परेशान होते हैं और किसी काम में मन नहीं लगता तो यहां जाते हैं और कुछ घंटे बैठकर अपने मन को शांत कर लेते हैं फिर अपने घर चले जाते हैं इसलिए हम लोग अपने यहां बैठे हुए थे तभी हम दोनों देखा कि आप पहाड़ पर चढ़कर कुछ कर रहे हैं हम लोग दौड़ कर गए और तो देखा तो आप आत्महत्या करने की कोशिश कर रहे हैं हम लोगों ने यही छोटी से हम दोनों की कहानी है “ अजय राजा की ओर देखता है और कहता है” बेटा ऐसी क्या परेशानी है जो तुम्हें बार-बार पर कचोटी है और तुम इस भयानक जंगल में आकर सुकून पाते हो आखिर क्या बात है बेटा “ यह सुनकर राजा की आंखों में आंसू आ जाते हैं और राजा अजय को देखकर कहता है बाबूजी आपको देखकर मुझे अपने पिता की याद आ रही है आज से 6 महीने पहले मेरे पिता का देहांत हो चुका है और मेरे मेरे पिता मेरे लिए भगवान थे वह मुझे बहुत प्यार करते थे मुझे हमेशा प्यार करते थे और और मुझे पढ़ा लिखा कर मुझे बहुत बड़ा बिजनेसमैन बना दिया मेरा जीवन बदल दिया है आज पूरे शहर में मेरा बहुत बड़ा नाम है पर मैं आज बहुत अकेला हूं क्योंकि मेरी सबसे बड़ी दौलत मेरे पिता थे वह आज मेरे बीच में नहीं रहे और पिता नाम की दौलत के बिना यह मेरी जो कमाई हुई दौलत है सब बेकार है “ अजय कहता है “सच में तुम्हारे जैसे बच्चे सबके हों जो अपने पिता को इतना प्यार करते हैं कि बिना पिता को ऐसा महसूस कर रहे हैं आपके पिता ने आपको बहुत अच्छे संस्कार दिए हैं उनके दिये आशीर्वाद संस्कार से ही तुम शहर के सबसे बड़े बिजनेसमैन बने हों “
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रचनाएँ
आधुनिकता (पिता जरूरत या बेकार)
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एक पिता अपने जीवन के सब सुनहरे पलो को छोड़ देता हैं अपने बच्चों को कामयाब बनता हैं और पिता की कीमत उससे पूछो जिसके पिता नहीं हैं
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पहला सीन

25 अप्रैल 2023
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अजय अपनी पत्नी के साथ बैठा हैं और उसके तीनों लड़के खेल रहें हैं. अजय अखवार पढ़ रहा हैं तभी अजय की पत्नी सरिता आ जाती हैं और चाय साथ लाती हैं &

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दूसरा सीन

25 अप्रैल 2023
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अजय बैंक में बैठा हैं और बैंक मैनेजर का इंतजार कर रहा हैं और कुछ सोच रहा हैं &nbsp

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तीसरा सीन

25 अप्रैल 2023
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अजय का लोन हो जाता है और अजय अपना मकान बनवा लेता है और उसके बच्चे बड़े हो गए हैं और बच्चे पढ़ लिख कर नौकरियों पर चढ़ गए हैं आज है उनकी शादी भी कर देता है सरिता का देहांत हो जाता है अजय बहुत दुखी

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चौथा सीन

25 अप्रैल 2023
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अजय अकेला बैठा है और बहुत दुखी हो रहा है अपने मन की बात किससे कहें अपनी अपनी पत्नी को बार-बार याद कर रहा है और आजकल की आधुनिक बच्चों को देख रहा है कि एक पिता ने अपना पूरा जीवन अपने बच्चों के लिए

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पाँचवा सीन

25 अप्रैल 2023
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अजय जंगल में पहाड़ के पास जाकर बैठ जाता है वहां बेड का सोचने लगता है कि आज मेरे जीवन का आखरी दिन है और इस संसार से विदाई ले लूंगा क्योंकि ऐसे जीवन किसी मतलब का नहीं है जिसमें उसकी औलाद उसे अपने घर में

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छठवा सीन

26 अप्रैल 2023
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अजय बैठ कर सोच रहा है तभी वहां पर एक कार रूकती है कार में से 28 साल की उम्र का एक लड़का जो शक्ल से बिजनेस में लग रहा है उतरता है और कार का दरवाजा खोलकर उसका ड्राइवर बाहर आ जाता है लड़का ड्राइवर से इशा

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सातवा सीन

26 अप्रैल 2023
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अजय शांत बैठा है फिर अचानक उठता है अजय पहाड़ की ओर जाने लगता है सोचता अब मैं आत्महत्या कर लेता हूं और अपनी जीवन से छुटकारा पा लेता हूं क्योंकि मेरा जीवन सबके लिए बेकार है और संहिता कुछ देर में मैं तुम

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आठवॉ सीन

26 अप्रैल 2023
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अजय की कहानी सुनकर ड्राइवर राजा की आंखों में आंसू आ जाते हैं राजा कहता हैं “सच में आपके बच्चों ने आपके साथ गलत किया है ऐसे बच्चों को नहीं करना चाहिए अपने पिता को इतना परेशान नहीं करना चाहिए “ ड्राइवर

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नौवा सीन

26 अप्रैल 2023
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बोलना शुरू करता कहता है “बाबूजी जब मैं छोटा था मेरी मां का देहांत हो गया मेरे पिता ने मां और बाप दोनों की जिम्मेदारी निभाई और मुझे हर प्रकार की सुविधाएं दी रात दिन मेहनत करके मेरे लिए कमाया और मुझे ला

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दसवा सीन

26 अप्रैल 2023
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बात करते-करते ड्राइवर कहता है” रात ज्यादा होती जा रही है घर चलना है” तभी अजय घड़ी देखता कहता है “हाँ बच्चों रात ज्यादा हो रही आप लोगों अपने घर चले जाओ मेरा क्या है मैं तो यहां बैठा रहूंगा”अजय कहता है

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