अजय का लोन हो जाता है और अजय अपना मकान बनवा लेता है और उसके बच्चे बड़े हो गए हैं और बच्चे पढ़ लिख कर नौकरियों पर चढ़ गए हैं आज है उनकी शादी भी कर देता है सरिता का देहांत हो जाता है अजय बहुत दुखी होता है सब बेटे की शादी के बाद उनको अलग अलग कमरा भी दे देता है और अजय बाहर पलंग पर सोता है. और हमेशा अपनी पत्नी सरिता को याद करता रहता है. तभी अजय का बड़े बेटे का बेटा आ जाता है और कहता है "दादा जी आप बाहर सो जाना क्योंकि घर में जगह कम है और कुछ हमारे मेहमान आने वाले हैं" आज आप गुस्से से कहता मैं बाहर कैसे सो सकता हूं और कहां पर सोने जाऊं तभी बड़े बेटे की बहू का निकल कर आ जाती है "अरे पिताजी मेरे घर से कुछ मेहमान आ रहे हैं आप एक काम करना बाहर जो मंदिर है वहां पर आप सो जाना" अजय कहता है पर भाव में मंदिर में कैसे सो सकता हूं वह मंदिर वालों ने मुझे भगा दिया तो तभी छोटे बेटे की बहू का निकल कर आती हो कहती है अरे पिताजी आप सो जाओ वैसे भी तुम्हें बहुत लोग सोते हैं आप सो जाओगे तो क्या बुरा हो जाएगा. अजय की आंखों में आंसू आ जाते हैं तभी अजय का बड़ा लड़का आ जाता हूं कहता है पिताजी बहुत सही कह रही हैं आप वहां सो जाओ तो क्या बुरा हो जाएगा मेहमान 2 दिन बाद चले जाएंगे फिर आप आ कर आंगन में सो जाया करना
मैं लेखक हूँ कहानियां लिखता हूँ कविता लिखता हूं बैस्ट मोटिवेशन स्टोरी राइटर का अवार्ड ब्रिज फेस्टिवल वृंदावन में मिला है मैंने ओपन माइक पर भी परफॉर्मेंस किया है D