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नौवा सीन

26 अप्रैल 2023

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बोलना शुरू करता कहता है “बाबूजी जब मैं छोटा था मेरी मां का देहांत हो गया मेरे पिता ने मां और बाप दोनों की जिम्मेदारी निभाई और मुझे हर प्रकार की सुविधाएं दी रात दिन मेहनत करके मेरे लिए कमाया और मुझे लायक बनाया फिर मेरी शादी कर दी और शादी करने के बाद मेरे पास भी एक बेटा है पर मेरे पिताजी एक आदत थी कि मुझे बार-बार टोकते थे बार बार फोन करके कहते थे  बेटा खाना खा लेना बेटा कहां पर हो बेटा गया है कभी-कभी मैं बहुत गुस्सा हो जाता था कि पापा मैं बच्चा नहीं हूं बड़ा हो गया हूं फिर मेरे से  कहते थे तुम बच्चे हो मेरे लिए हमेशा रहोगे बच्चे. एक दिन में बिजनेस के सिलसिले में बाहर गया था और रात को दो बजे जो भी लौट कर आया तो दरवाजा खोला तो देखा मेरे पिताजी बाहर बैठे हैं और पिता को  देख कर कहने लगा पिताजी आप क्या बच्चे जैसे काम करते हो और मैं तो आ ही जाता अपना कमरे में आराम करते “ पिता बोले “बेटा मैं आराम नहीं कर पाता जब तक जब तक तुम नहीं आ जाते तो मेरे को कुछ भी अच्छा नहीं लगता अब तुम आ गए हो आप खाना खाओ उसके बाद में आराम करूंगा” अब पिताजी कमरे में गए और मैंने खाना खाया मैं सो गया इतना कहते ही राजा का गला भर आया. अजय राजा के कंधे पर हाथ रखता कहता है बेटा इतना कहते ही राजा रोने लगता है फिर अपने आंसुओं को पोछ कर कहता है बाबूजी के कमरे में गया और बाबूजी को जगाया लेकिन बाऊजी जगे नहीं. और मेरे भगवान मुझे छोड़कर इस दुनिया से चले गए मेरी पत्नी और बच्चे दौड़ कर आए मेरी पत्नी को बहुत बड़ा सदमा लगा क्योंकि मेरे बाबूजी मेरी पत्नी को अपनी बहू ना मान कर बेटी मानते थे और हमेशा बाऊ जी का बहुत ख्याल रखती थी और मेरा बेटे की तो वह जान थे उनके बिना हमारा पूरा घर सूना हो गया है अब मैं घर का तो जाता हूं लेकिन पूरा का सुना सुना दिखाई देता है मेरा बेटा बार-बार पूछता है कि पापा मेरे दादा जी कहाँ है मैं दादा जी के साथ खेलना चाहता हूं और मेरी पत्नी मेरे पिताजी को बहुत याद करती है क्योंकि मेरी पत्नी को हमेशा अच्छी अच्छी शिक्षा देते थे और मुझे अपने जीवन में अपने पिता की आदत पड़ गई है उनकी डॉट खाना उनसे बात करना. उनका बार-बार फोन करना बार-बार मेरा हाल चाल लेना ऐसी जाने कितनी बात है जो मेरे पिता की मुझे हमेशा याद आती है आज उनके बिना कुछ भी नहीं. “ इतना कहते ही राजा चुप हो जाता है सभी ड्राइवर अपने मालिक के कंधे पर हाथ रखकर कहता है “आज मुझे बहुत गर्व है कि मैं ऐसे मालिक के साथ काम कर रहा हूं ऐसे

Monika Garg

Monika Garg

https://hindi.shabd.in/kyaa-yhii-pyaar-hai-bhaag-1-monika-garg/book/10273070 कृपया मेरे नये उपन्यास को पढ़ कर समीक्षा दें

5 मई 2023

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रचनाएँ
आधुनिकता (पिता जरूरत या बेकार)
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एक पिता अपने जीवन के सब सुनहरे पलो को छोड़ देता हैं अपने बच्चों को कामयाब बनता हैं और पिता की कीमत उससे पूछो जिसके पिता नहीं हैं
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पहला सीन

25 अप्रैल 2023
18
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अजय अपनी पत्नी के साथ बैठा हैं और उसके तीनों लड़के खेल रहें हैं. अजय अखवार पढ़ रहा हैं तभी अजय की पत्नी सरिता आ जाती हैं और चाय साथ लाती हैं &

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दूसरा सीन

25 अप्रैल 2023
8
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अजय बैंक में बैठा हैं और बैंक मैनेजर का इंतजार कर रहा हैं और कुछ सोच रहा हैं &nbsp

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तीसरा सीन

25 अप्रैल 2023
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अजय का लोन हो जाता है और अजय अपना मकान बनवा लेता है और उसके बच्चे बड़े हो गए हैं और बच्चे पढ़ लिख कर नौकरियों पर चढ़ गए हैं आज है उनकी शादी भी कर देता है सरिता का देहांत हो जाता है अजय बहुत दुखी

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चौथा सीन

25 अप्रैल 2023
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अजय अकेला बैठा है और बहुत दुखी हो रहा है अपने मन की बात किससे कहें अपनी अपनी पत्नी को बार-बार याद कर रहा है और आजकल की आधुनिक बच्चों को देख रहा है कि एक पिता ने अपना पूरा जीवन अपने बच्चों के लिए

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पाँचवा सीन

25 अप्रैल 2023
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अजय जंगल में पहाड़ के पास जाकर बैठ जाता है वहां बेड का सोचने लगता है कि आज मेरे जीवन का आखरी दिन है और इस संसार से विदाई ले लूंगा क्योंकि ऐसे जीवन किसी मतलब का नहीं है जिसमें उसकी औलाद उसे अपने घर में

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छठवा सीन

26 अप्रैल 2023
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अजय बैठ कर सोच रहा है तभी वहां पर एक कार रूकती है कार में से 28 साल की उम्र का एक लड़का जो शक्ल से बिजनेस में लग रहा है उतरता है और कार का दरवाजा खोलकर उसका ड्राइवर बाहर आ जाता है लड़का ड्राइवर से इशा

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सातवा सीन

26 अप्रैल 2023
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अजय शांत बैठा है फिर अचानक उठता है अजय पहाड़ की ओर जाने लगता है सोचता अब मैं आत्महत्या कर लेता हूं और अपनी जीवन से छुटकारा पा लेता हूं क्योंकि मेरा जीवन सबके लिए बेकार है और संहिता कुछ देर में मैं तुम

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आठवॉ सीन

26 अप्रैल 2023
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अजय की कहानी सुनकर ड्राइवर राजा की आंखों में आंसू आ जाते हैं राजा कहता हैं “सच में आपके बच्चों ने आपके साथ गलत किया है ऐसे बच्चों को नहीं करना चाहिए अपने पिता को इतना परेशान नहीं करना चाहिए “ ड्राइवर

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नौवा सीन

26 अप्रैल 2023
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बोलना शुरू करता कहता है “बाबूजी जब मैं छोटा था मेरी मां का देहांत हो गया मेरे पिता ने मां और बाप दोनों की जिम्मेदारी निभाई और मुझे हर प्रकार की सुविधाएं दी रात दिन मेहनत करके मेरे लिए कमाया और मुझे ला

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दसवा सीन

26 अप्रैल 2023
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बात करते-करते ड्राइवर कहता है” रात ज्यादा होती जा रही है घर चलना है” तभी अजय घड़ी देखता कहता है “हाँ बच्चों रात ज्यादा हो रही आप लोगों अपने घर चले जाओ मेरा क्या है मैं तो यहां बैठा रहूंगा”अजय कहता है

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