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चौथा सीन

25 अप्रैल 2023

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 अजय अकेला बैठा है और बहुत दुखी हो रहा है अपने मन की बात किससे कहें अपनी अपनी पत्नी को बार-बार याद कर रहा है और आजकल की आधुनिक बच्चों को देख रहा है कि एक पिता ने अपना पूरा जीवन अपने बच्चों के लिए लगा दिया पढ़ाया लिखाया शादी की उसके बाद भी आज बच्चे अपने घर से बाहर निकाल रहे हैं और आज मैं उनकी नजर में बेकार हूं मैं किसी काम का नहीं हूं लेकिन यह गलत है अगर ऐसे ही सब बच्चे सोचने लगे तो इस संसार में कोई पिता अपने बच्चों को पढ़ायेगा नहीं ना किसी लाइक बनाएगा. तभी बड़े वाले बेटे की बहू आ जाती है और कहती है "पिताजी क्या सोच रहे हो मेहमान आने वाले होंगे आप जल्दी से अपना बिस्तर लें और अपनी खाट को बाहर मंदिर पर ले जाएं वहां पर सो जाएं."
 अजय वहां से अपना बिस्तर उठाता है और खाट को लेकर बाहर मंदिर के पास पहुंच जाता है और मंदिर पर कुछ लोग बैठे हुए हैं उनमें से एक आदमी बोलता है "अरे बाऊ जी आप अपनी खाट ले कर आ गए अच्छा किया हमारे परिवार में 1 सदस्य और बढ़ गया हम सब बैठ के बातें करके समय काट लेंगे"
 अजय मुस्कुरा के रह जाता है और अपना बिस्तर अपनी खाट दे कर कहता है" आप इस पर सो जाना मैं अपने दोस्त के यहां जा रहा हूं "यह कहकर वहां से चलने लगता है और वहां से धीरे-धीरे सोचता हुआ जा रहा है. अजय सोच रहा है ऐसे जीवन जीने से तो अच्छा है मरना ही अच्छा है क्योंकि हमें अपने बच्चों की नज़र में बेकार हो गया मेरे यहां तीन कमरे थे तीनों कमरे तीनों बच्चों को दे दिया इसका मतलब मेरी उनके अब जरूरत नहीं है इसलिए मेरा मरना जरूरी है यह सोचकर जंगल जाने लगा और जंगल में चला जा रहा है. अजय बिना सोचे समझ चला जा रहा है अजय दिल से अपनी पत्नी को बहुत याद कर रहा है बहुत याद आ रही है "आज मेरी सरिता जिंदा होती तो शायद मेरी स्थिति ना होती"

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रचनाएँ
आधुनिकता (पिता जरूरत या बेकार)
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एक पिता अपने जीवन के सब सुनहरे पलो को छोड़ देता हैं अपने बच्चों को कामयाब बनता हैं और पिता की कीमत उससे पूछो जिसके पिता नहीं हैं
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पहला सीन

25 अप्रैल 2023
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अजय अपनी पत्नी के साथ बैठा हैं और उसके तीनों लड़के खेल रहें हैं. अजय अखवार पढ़ रहा हैं तभी अजय की पत्नी सरिता आ जाती हैं और चाय साथ लाती हैं &

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दूसरा सीन

25 अप्रैल 2023
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अजय बैंक में बैठा हैं और बैंक मैनेजर का इंतजार कर रहा हैं और कुछ सोच रहा हैं &nbsp

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तीसरा सीन

25 अप्रैल 2023
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अजय का लोन हो जाता है और अजय अपना मकान बनवा लेता है और उसके बच्चे बड़े हो गए हैं और बच्चे पढ़ लिख कर नौकरियों पर चढ़ गए हैं आज है उनकी शादी भी कर देता है सरिता का देहांत हो जाता है अजय बहुत दुखी

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चौथा सीन

25 अप्रैल 2023
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अजय अकेला बैठा है और बहुत दुखी हो रहा है अपने मन की बात किससे कहें अपनी अपनी पत्नी को बार-बार याद कर रहा है और आजकल की आधुनिक बच्चों को देख रहा है कि एक पिता ने अपना पूरा जीवन अपने बच्चों के लिए

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पाँचवा सीन

25 अप्रैल 2023
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अजय जंगल में पहाड़ के पास जाकर बैठ जाता है वहां बेड का सोचने लगता है कि आज मेरे जीवन का आखरी दिन है और इस संसार से विदाई ले लूंगा क्योंकि ऐसे जीवन किसी मतलब का नहीं है जिसमें उसकी औलाद उसे अपने घर में

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छठवा सीन

26 अप्रैल 2023
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अजय बैठ कर सोच रहा है तभी वहां पर एक कार रूकती है कार में से 28 साल की उम्र का एक लड़का जो शक्ल से बिजनेस में लग रहा है उतरता है और कार का दरवाजा खोलकर उसका ड्राइवर बाहर आ जाता है लड़का ड्राइवर से इशा

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सातवा सीन

26 अप्रैल 2023
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अजय शांत बैठा है फिर अचानक उठता है अजय पहाड़ की ओर जाने लगता है सोचता अब मैं आत्महत्या कर लेता हूं और अपनी जीवन से छुटकारा पा लेता हूं क्योंकि मेरा जीवन सबके लिए बेकार है और संहिता कुछ देर में मैं तुम

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आठवॉ सीन

26 अप्रैल 2023
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अजय की कहानी सुनकर ड्राइवर राजा की आंखों में आंसू आ जाते हैं राजा कहता हैं “सच में आपके बच्चों ने आपके साथ गलत किया है ऐसे बच्चों को नहीं करना चाहिए अपने पिता को इतना परेशान नहीं करना चाहिए “ ड्राइवर

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नौवा सीन

26 अप्रैल 2023
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बोलना शुरू करता कहता है “बाबूजी जब मैं छोटा था मेरी मां का देहांत हो गया मेरे पिता ने मां और बाप दोनों की जिम्मेदारी निभाई और मुझे हर प्रकार की सुविधाएं दी रात दिन मेहनत करके मेरे लिए कमाया और मुझे ला

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दसवा सीन

26 अप्रैल 2023
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बात करते-करते ड्राइवर कहता है” रात ज्यादा होती जा रही है घर चलना है” तभी अजय घड़ी देखता कहता है “हाँ बच्चों रात ज्यादा हो रही आप लोगों अपने घर चले जाओ मेरा क्या है मैं तो यहां बैठा रहूंगा”अजय कहता है

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