अजय शांत बैठा है फिर अचानक उठता है अजय पहाड़ की ओर जाने लगता है सोचता अब मैं आत्महत्या कर लेता हूं और अपनी जीवन से छुटकारा पा लेता हूं क्योंकि मेरा जीवन सबके लिए बेकार है और संहिता कुछ देर में मैं तुम्हारे पास आ रहा है यह कैसे कूदने को होता है तभी पीछे से हाथों से कोई पकड़ लेता है और पीछे की ओर खींच देता है औरैया गिरने से बच जाता है अजय पीछे मुड़कर देखता है तो एक नौजवान और एक आदमी खड़ा हुआ है वे नौजवान कहता है “बाबूजी आपको क्या हो गया आप क्यों कूद रहे हो आप इतने बड़े होने के बाद ऐसी गलती क्यों कर रहे हो. यदि आप गिर जाते तो आप की मौत हो जाती है और ऐसी गलती क्यों कर रहे हो” अजय शब्द सुनकर बहुत तेज रोने होने लगता है उनको रोते देखकर ड्राइवर उनके पास जाता है और उनकी पीठ पर हाथ रखे थपथपाने लगता है और कहता है” अरे बाऊ जी आप रो क्यों रहे हैं आपसे तो हमें हिम्मत मिलती और आप रो रहे हैं ऐसा क्या हो गया बाबू जी बताएं आप इतना बड़ा कदम उठा रहे हैं ऐसी क्या घटना हो गई जो आपको इतना करने में मजबूर कर दिया है “ तभी राजा कहता है अरे भाई बाबूजी को पहले आराम से बैठने को तो हमें तसल्ली लेने दो और अपने पास लेकर चलो कार में से पानी की बोतल निकाल कर लो बाऊ जी को पानी पिलाओ कर आराम से बैठ कर बात करेंगे इतना पर ड्राइवर कार के पास जाता है और पानी की बोतल लेकर आता है बाऊ जी को पानी पिलाता है अजय पानी पीता पानी पी के थोड़ा शांत हो जाता है फिर अपने आंसुओं को पोछ कर राजा की तरफ देख कर कहते हैं “बेटा तुम यहां क्या कर रहे हो और तुमने मुझे यहां क्यों बचाया मैं तो मरना चाहता हूं और मरना ही मेरी मुक्ति है तुमने ऐसा क्यों किया . मैं मर जाता तो अपनी पत्नी सरिता से मिले तो इस आधुनिकता की दुनियां से छुटकारा तो मिल जाता “ राजा मुस्कुराते कहता है” बाबूजी मरना हर समस्या का हल नहीं है “ अजय चेहरे पर गुस्से भाव के साथ कहता है तो बेटा मैं क्या करूं बताओ मेरे तीन तीन बेटे हैं तीनों बेटे शादीशुदा हैं मैंने और मेरी पत्नी ने सपने देख कर अपने बच्चों के लिए मकान बनवाया आज मेरी पत्नी का देहांत हो गया तो मेरे बच्चों ने मुझे घर से निकाल दिया अब तुम बताओ मैं कहां जाऊं. पिता को अपने सपनों को मारकर अपने बच्चों के सपने पूरे करते हैं कितनी कठिनाइयों को पार करके में बच्चों को पढ़ाते लिखाते है किसी लायक बनाते हैं क्या मां-बाप का हक नहीं है कि उन्हें भी एक कमरा मिले जहां पर मैं अपने जीवन को सुकून से काट सकें. तभी ड्राइवर कहता है “बाबूजी माता-पिता को हमेशा अच्छा जीवन और सम्मान मिलना चाहिए कि क्योंकि वह अपना जीवन अपने बच्चों के लिए लगाते हैं यह गलत है आपके बच्चे बहुत खराब है जो आपको मरने पर मजबूर कर दिया ऐसी औलाद से तो मैं अच्छा हूं कि मेरी आज कोई औलाद नहीं है. और आप घर जाकर अपनी पत्नी को बताऊंगा की औलाद माता-पिता को कितना दर्द देती है यह पिता मजबूर होकर जाता है मरने के लिए “ राजा अपने ड्राइवर की ओर देखकर कहता है “शांत हो जाओ भाई पहले बाबू जी से पूरी कहानी सुनते हैं फिर बात करेंगे इतना कह के अजय से कहते हैं बाबू जी बताएं क्या घटना हुई कैसे हो गई. अजय अपने जीवन की कहानी धीरे-धीरे सुना रहा हैं राजा और ड्राइवर शांत होकर सुन रहे हैं राजा और ड्राइवर की आंखों में आंसू आ रहे हैं
मैं लेखक हूँ कहानियां लिखता हूँ कविता लिखता हूं बैस्ट मोटिवेशन स्टोरी राइटर का अवार्ड ब्रिज फेस्टिवल वृंदावन में मिला है मैंने ओपन माइक पर भी परफॉर्मेंस किया है D