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आज़ादी@75 चुनैती, समाधान,सफलता और आगे की राह

jatin

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दोनों तरफ हथियारबंद वर्दीधारी एक दूसरे के खिलाफ बंदुके ले कर तैनात थे क्योकि कल ही एक पक्ष ने दूसरे पर अंधाधुन फायरिंग की थी जब तक एक पक्ष ने आत्मसमर्पण नहीं किया तब तक ये घटना किन्ही दो देशों के बीच की या इतिहास के कोई दो राजवंशों के बीच की नहीं है ये बात है आजाद भारत के 75 वी वर्षगांठ के कुछ समय पूर्व की जहाँ दो राज्य अपनी सीमा विवाद के चलते एक दूसरे के आमने-सामने हुए गोलिया चली एक राज्य के कुछ पुलिस वाले घायल हुए कुछ शहीद हुए आजादी कोई दिन से या कहने भर से नहीं आ जाती ऐसा नहीं है की 14 अगस्त 1947 की रात को सोये ओर सुबह उठे तो देखे ओह!! हम आजाद हो गए या 15 अगस्त के पहले हमे किसी पिंजरे मे रखा था और 15 अगस्त के दिन हमे खोल दिया की जाओ तुम आजाद हो आजादी का अर्थ है पूर्णतः स्वतंत्र(राजनेतिक,आर्थिक,मानसिक,शारीरिक) पूर्णतः स्वशाषी,संप्रभु,लोकतांत्रिक जहाँ भारतीयों को ये ना मानना पड़े की अंग्रेजी नस्ल,एवम अंग्रेजी हुकूमत सर्वश्रेष्ठ है और हम लोगो का जन्म गुलामी करने के लिए हुआ है या कोई जाति विशेष में जन्म लेने मात्र से व्यक्ति पैदाइशी अपराधी है आज़ादी हमे सरकार चुनने की मिली चुनी हुई सरकार से असहमत होने,उसका विरोध करने का हक़ है यानी देश को हक़ शब्द का वास्तविक अर्थ ही 15 अगस्त 1947 से मिला किन्तु आजादी कोई विरासत नहीं है जो हमे मिली है ना ही कोई मौका है बल्कि आजादी एक मीठी जिम्मेदारी है जो स्वतंत्र सैनानियो ने हमे अपने खून से खेल कर,अंग्रेजों के हर जुल्म सह कर आँखों मे सिर्फ एक स्वप्न रख,हर रोज मर-मर कर हमे जीने के लिए दी है उस आजादी को हम केवल नारो तक या कहने भर के लिए सीमित नही रख सकते उसे हमे हमारे व्यवहार में लाना होगा और ये हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है  

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