नहीं कोई “Open Letter”, है तो बस एक “बंद चिट्ठी”
नहीं कोई “Open Letter”, है तो बस एक “बंद चिट्ठी”अरे पगली!जब बाप बेटे से, प्यार प्यार से, कुछ लोग और कुछ लोगों से आपस में कम और ‘सोसाइटी’ से ज्यादा जता रहे हैं,की वो कितना प्यार करते हैं,‘ईमेल’ से हो रहे इस मेल के बीच,मोबाइल में रखे हजारों ऑफर,और ‘शेयर’ हो रहे ‘सोशल पोस्ट’ के साथ, जज़्बात और उससे भरे