ज्ञानी व्यक्ति के ज्ञान से,
अज्ञानी व्यक्ति अर्जित करै।
अज्ञानी व्यक्ति के अज्ञान को,
कोऊ व्यक्ति अर्जित न करै।।
जीवन के अन्धकार दूर होत,
ज्ञानी व्यक्ति से ज्ञानार्जन होत।
अज्ञानी व्यक्ति भी घबरात ,
जब उहे ज्ञानार्जन नहीं होत।।
राह चलत अनजान डगर,
पथ का ना भान उहे होत।
कौन डगर पे जायका होय,
पथ पर राही भटकत होत।।
अज्ञानी व्यक्ति डगर पहिचान,
मंजिल तब उहे पहुंचत होत।
राही का तबहि मंजिल मिलत,
जब राह उहे पहिचानी होत।।
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