सतरंगी इन्द्रधनुष ने आसमान में,
खीचीं है अपनी क्षैतिज रेखा।
रंग बिरंगे रंगों से सजी देखो,
एक छोर से दू जी क्षैतिज रेखा।।
लाल, बैंगनी, नीला, पीला,
हरा, गुलाबी और है नारंगी।
इन्द्रधनुष ने आसमान में देखो,
बाहें फैला दी अपनी सतरंगी।।
इन्द्रधनुष ने आसमान में,
किया अपने रंगों का विस्तार।
सात रंगों में सिमटने का,
प्रयास कर रंगों का विस्तार।।
इन्द्रधनुष में सिमटे रंगों की,
छटा दिखती है बहुत निराली।
हर रंग का अपना है गुण,
बिखेरती छटा अपनी निराली।।
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