मां से अदभुत है संसार,
जन्मदायिनी मां ही होती।
उंगली पकड़ चलना सिखाती,
मां ये अदभुत काज सिखाती।।
मां से अदभुत है संसार,
प्रथम शिक्षिका मां ही होती।
पढ़ना लिखना मां ही सिखाती,
स्कूल का रास्ता वही दिखाती।।
मां से अदभुत है संसार,
आचार विचार वही सिखाती।
शिष्टाचार भी वही सिखाती,
मान सम्मान भी वही दिलाती।।
मां से अदभुत है संसार,
बाहर का संसार दिखाती।
जीवन को जीना सिखाती,
जीवन नैया पार कराती।।
मां से अदभुत है संसार,
मां ही जननी जगदम्बा होती।
धरती मां से जुड़े रहे हम,
सदा ज्ञान का पाठ सिखाती।।
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