मेला लगता हर क्षेत्र में,
जहां भीड़ भाड़ होती।
देखने सजी सजाई दुकानें,
खरीदते बेचते भीड़ भाड़ होती।।
लोग सजाते अपनी दुकानें,
कहीं कपड़ों और खिलौनों की।
कहीं चाट और हाट की देखो,
मेले में उमड़े जनसैलाब की।।
कहीं दिखाते खतरों का खेल,
कहीं रेहटों पर झूलते लोग।
कहीं जोकर दिखाता खेल,
कहीं चाट पकौड़ी उमड़े लोग।।
मेला लगता हर क्षेत्र में,
देखने को उमड़ते लोग।
सब अपनी ही धुन में रहते,
मस्त मगन हो मेला घूमते।।
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