यह काहानी हैं एक राजा की जो बहुत बडे राज्य के राजा थे वह बहुत बुद्धिमान राजा थे*। आसपास के राज्यों के छोटे बडे राजा उनसे अपनी किसी समस्या का हल पूछने के लिए आते थे। वह अपने राज्य की जनता के बहुत लोकप्रिय राजा थे।
राजा के तीन पुत्र थे तीनो पुत्र बडे ही समझदार थे। एक बार राजा ने अपने तीनो पुत्रों की एक परीक्षा लेनी चाही कि इनमे से कोई अपने राज्य का अगले राजा बनने के काबिल हैं भी या नही। राजा ने अपने तीनो पुत्रों को एक साथ अपने पास बुलाया और उनको एक task देता है और कुछ सर्ते भी बताता है। राजा ने अपने तीनो पुत्रों से कहा कि तुम तीनो को अपने राज्य मे किसी एक पेड को ढूढंना हैं और उसके बारे मे सारी सही जानकारी बतानी है कि पेड कैसा था और अन्य जानकारियां। और तीनो को एक सर्त भी दे दी कि तुम्हें यह पेड चार महीने के अन्तराल मे देखकर आना है।
राजा ने आखिर मे उस पेड का नाम भी बता दिया। जो उसके राज्य मे केवल एक ही पेड था वह पेड नाशपाती का था। तीनो लडको मे से सबसे पहले बडा लडका उस नाशपाती के पेड को ढुढंने के लिए चल दिया। वह पेड राज्य मे एक ही था इसलिए पेड को ढूढंने मे काफी समय लगा वह लोगों से पूछकर उस नाशपाती को ढूढंने मे सफल हो गया अपने महल से दूर जाकर उसे वह नाशपाती का पेड मिला।
उसने नाशपाती के पेड का निरीक्षण किया जो बिल्कुल सुखा हुआ था उसपर ना तो पत्ते थे और ना ही फल थे। लडका सोचने लगा कि यह भी कोई देखने लायक पेड हैं पिताजी ने मुझे इस को देखने के लिए कहा है जिसपर ना कोई पत्ता है और ना फल।
अब राजा का बडा लडका नाशपाती के पेड को देखकर वापिस अपने महल आ जाता हैं। और राजा के पास जाकर लडके ने कहा पिताजी मैं उस पेड को देखकर आ गया हूँ। जिसको देखने के लिए आपने कहा था। आप कहे तो उसके बारे मे आपको कुछ बताऊं। राजा ने कहा कि अभी आप अपनी जानकारी को अपने पास ही रखो समय आने पर तुमको सबकुछ बताने का मौका दिया जायेगा।
चार महीने हो चुके थे अब बारी बीच वाले लडके की थी वह भी पेड की तलाश में चल दिया लोगों से पूछते हुए कुछ दिनो बाद उसे भी नाशपाती का पेड मिल गया। अब नाशपाती के पेड पर कुछ हरे पत्ते थे लेकिन कोई फल नही था वह पेड को देखकर वापिस अपने महल मे आ गया लडका राजा के पास गया तो राजा ने उससे भी चुप रहने के लिए कहा। चार महीने और बीत चुके थे अब सबसे छोटे लडके की बारी थी उस पेड के बारे मे जानकारी इकट्ठा करके आकर बताने की।
सबसे छोटा वाला लडका भी पेड की तलाश मे निकल पडा। कुछ दिनो के बाद उसे भी वही नाशपाती का पेड मिल गया। उसने पेड का ध्यान से निरीक्षण किया और सोचने लगा कि कितना अच्छा पेड हैं इसपर कितने सार फल लगे हुए हैं। यह सब देखकर लडका अपने महल के लिए वापिस चल दिया। अपने महल मे आकर पिताजी के पास गया और कहा कि मैं उस नाशपाती के पेड को देखकर आया हूँ आप कहे तो मैं उसके बारे मे बताऊ राजा ने आपने तीनों बेटों को एक साथ बुलाया और उस पेड के बारे मे अपनी अपनी जानकारी बताने को कहा सबसे पहले बडे लडके ने बताना शुरू किया उसने कहा पिताजी आपने कौनसा पेड देखने के लिए भेजा था कोई अच्छा सा पेड देखने के लिए कहते तो अच्छा होता।
वह भी कोई देखने लायक पेड था उस पेड पर ना तो पत्ता था ना कोई फल वो भी कोई पेड होता हैं। इतने मे बीच वाले लडके ने जवाब दिया कि ऐसा नहीं है उस पेड पर हरे भरे पत्ते थे लेकिन हा कोई फल नही था। इतना सुनकर छोटे लडके ने कहा कि आप दोनो झूठ बोल रहे हैं उस पेड पर पत्ते भी थे और फल भी थे वह बहुत अच्छा पेड था उसपर बहुत फल लगे थे। अब तीनो पुत्रों मे अपनी बात सही साबित करने के लिए बहस होने लगी। आस पास खडे लोग भी राजा के लिए कहने लगे कि ये कैसा राजा हैं इसने अपने लडकों मे ही लडाई करवा दी इनमे फूट डाल रहा है। अब राजा ने अपने तीनों पुत्रों को शान्त होने को कहा और उनको समझाया कि आप तीनों ही सही कह रहे है बिल्कुल सच बोल रहे हो।
क्योंकि आपने उस पेड को चार महीने के अन्तराल मे देखा था उस अन्तराल मे उसमे बदलाव आ गये थे जब पतझड था तो उसमे पत्ते नही थे फिर कुछ दिन बाद उसमे पत्ते आ गये और कुछ और दिन बाद जब फल का समय आया तो उस पर फल भी लग गये।
इतना कहकर राजा ने कहा कि इस काम को मैंने इसलिए चुना था कि तुम्हें तीन जरूरी बातों का पता चल सके जो तुम्हारे जीवन मे बहुत काम आयेगीं वे तीन बाते हैं ये हैं
आपने भी इन तीन प्रेरणादायक विचार को जानने के लिए यह Motivational Story In Hindi कहानीं को पढ़ा है तो ये तीन Life Changing Thought हैं
पहली कि कभी भी किसी को एक बार देखकर जज नही करना चाहिए*, हो सकता है कि उसका समय खराब चल रहा हो और वक्त सही आते ही सबकुछ ठीक हो जाये। जैसे पेड पर पहले कुछ भी नही था और वक्त आते ही उसपर फल भी लगने लगे थे।
दूसरी बात किसी पर भी, चाहे वो इंसान हो या कोई भी चीज हो उस पर तब तक फैसला न ले* जब तक आपको उसके बारे मे पूरी जानकारी ना हो जैसे पेड के बारे मे किसी को भी पूरी जानकारी नहीं थी तो कोई भी अपनी बात सही साबित नही कर सका।
तीसरी जो सबसे महत्वपूर्ण बात हैं कि पेड की तरह ही इंसान भी हर समय एक जैसा नही रहता जैसे पेड पतझड मे सूख जाता हैं और सावण आते ही हरा भरा हो जाता हैं और समय आने पर फल भी देता है उसी प्रकार इंसान के जीवन मे भी ऊतार चढाव आते रहते हैं कभी परेशानी कभी दुख तो कभी सुख भी आता है। इसलिए परिस्थिति के कारण किसी को कुछ भी बुरा भला कहना अच्छा नही होता।*