Ajay awasthi sarvesh
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कलम के आसूँ
इस पुस्तक की कविताओं के रुप में मैनें अपनी वेदना कम करने की कोशिश की है वेदना से मेरा तात्पर्य केवल प्रणय वेदना से नही है हाँ ये सत्य हो सकता है कि अधिकतर कवितायें प्रणय पर आधारित हैं पर कई कविताऍं लौकिक प्रश्न के रुप मे भी हैं जो प्रश्न मुझे सदा स
कलम के आसूँ
इस पुस्तक की कविताओं के रुप में मैनें अपनी वेदना कम करने की कोशिश की है वेदना से मेरा तात्पर्य केवल प्रणय वेदना से नही है हाँ ये सत्य हो सकता है कि अधिकतर कवितायें प्रणय पर आधारित हैं पर कई कविताऍं लौकिक प्रश्न के रुप मे भी हैं जो प्रश्न मुझे सदा स
भारत की जय गान
14 दिसम्बर 2021
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कोई छुटा था पहले भी
14 दिसम्बर 2021
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अवशेष शेष रह जायेंगे
14 दिसम्बर 2021
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जो ख्वाब सजे थे आंखो मे
14 दिसम्बर 2021
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जगत में ये क्यो बारम्बार
14 दिसम्बर 2021
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मैने पश्चिम को पूरब से
14 दिसम्बर 2021
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संदेह
13 दिसम्बर 2021
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सृजन सृजित हो गीत सँजो ले
13 दिसम्बर 2021
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क्यो भ्रमित कर रहा पतन पतन
13 दिसम्बर 2021
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भारत की व्यथा
13 दिसम्बर 2021
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