बड़े गुस्से में कहा,
देखो, इतना समझो,
जो मुझे चाहिए,
आदमी सौ टका हो,
ठोका-बजाया हो,
सिखाना न पड़े,
आये और चल पड़े,
काम बस काम करे...
समय की न सोचे,
घर को भूल आये,
मल्टीटास्कर तो हो ही,
ओवरवर्क को सलाम करे,
प्रेशर हैंडल कर सके,
पीपुल-फ्रेंडली तो हो ही,
डेडलाईन की समझ हो,
दस-एक साल अनुभवी हो,
छुट्टियां ना मांगे,
दारू-शारू पीता हो,
राम-रहीम न करे,
काम बस काम करे,
हील-हुज्जत नहीं चाहिए,
बद्दिमाग बिलकुल न हो,
ज्यादा सवाल न करे,
समझ हो पर हिसाब से,
रिकार्ड बिलुकुल क्लीन हो,
सेंस आफ ह्यूमर हो,
कांटैक्ट्स बेहतरीन हों
हंसता रहे और सलाम करे,
काम बस काम करे...
हमनें यूं ही पूछ लिया -
तो, तन्ख्वाह क्या देंगे...!
उन्होंने मुझे देर तक घूरा,
फिर बेरुखी से कहा,
वो हम देख लेंगे...!