shabd-logo

डिजिटल मुद्रा~

2 नवम्बर 2022

44 बार देखा गया 44
डिजिटल मुद्रा~

भारतीय इतिहास में मुद्राओं की एक विशिष्ट भूमिका रही है । प्राचीन कालीन शासकों की उपाधि और राजनीतिक विस्तार के साथ साथ मुद्राएं आर्थिक और धार्मिक-सांस्कृतिक स्थिति की गवाही देती आयी हैं । मुद्रा से तातपर्य विनिमय के सुविधाजनक बनाने के माध्यमके रुप  से है । यानी एक ऐसी सुविधा जिसमें गेँहू के बदले कपास देने की मजबूरी ना हो । इन अर्थो में मुद्रा का उदगम और प्रचलन आर्थिक क्षेत्र में एक क्रांति की भांति ही रही है । लगभग ढाई हजार से अधिक रहा मुद्रा का यह इतिहास आज डिजिटल मुद्रा के रूप में एक नए युग मे प्रवेश कर रहा है । भरतीय रिज़र्व बैंक द्वारा डिजिटल रुपये की उद्घोषणा ने डिजिटल हो रही अर्थव्यवस्था को एक और मजबूत कदम की ओर बढ़ा दिया है ।

डिजिटल मुद्रा का निहितार्थ आभासी दुनिया मे मुद्रा के भी आभासी स्वरूप लेने से हैं । सूचना क्रांति के निर्बाध विस्तार और सफलता ने आज विनिमय के इतने सुविधाजनक रूप से हमें अवगत कराया है । डिजिटल विनिमय इसका सबसे प्रारम्भिक रूप था । हालांकि इसका इतिहास बहुत अधिक पुराना नही है और इसका सर्वाधिक विस्तार विमुद्रिकरण के बाद और कोरोना काल मे हुआ । हालिया समय मे पूरे देश का आधे से अधिक लेनदेन ऑनलाइन यानी डिजिटल रूप में ही हो रहा है ।

यहां सवाल ये है कि डिजिटल मुद्रा का ये नया रूप आखिर किस रूप में विशिष्ट होगा ? तो इसका जवाब ये है कि यह वाउचर के रूप में एक बार के उपयोग के लिए ही उपभोक्ता के मोबाईल में संरक्षित रहेगा । साथ ही इसमें बैंकों के मध्य निपटान प्रणाली की जरूरत नही होगी और ये पूरी तरीके से कैशलेस और कॉन्टैक्टलेश व्यवस्था होगी । यह चले आ रहे ऑनलाइन ट्रांसेक्शन की तुलना में अधिक रियल टाइम में और बेहद कम लागत से संपादित होने वाला विनिमय होगा । 

ध्यान देने की बात ये है कि डिजिटल मुद्रा की यह शुरुआत ऐसे दौर में लायी गयी है जब क्रिप्टोकरेन्सि के रूप में एक अवैधानिक डिजिटल मुद्रा प्रचलित होती जा रही है । क्रिप्टोकरेन्सि के जोख़िम से निजात पाना आवश्यक है । भारतीय अर्थव्यवस्था में शुरू हुए नव प्रवर्तनो के दृष्टिगत डिजिटल मुद्रा के इस श्रीगणेश को लोकप्रिय करने और इसकी सफलता के लिए अभी और सार्थक तकीनीकी और प्रशासकीय प्रयत्नों की दरकार है , इसकी सफल उपादेयता ही इस शुरुआत को एक क्रांतिकारी आर्थिक कदम के रूप में स्थापित करेगी ~
प्रभा मिश्रा 'नूतन'

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

शानदार सृजन 🙏🙏🙏

23 अगस्त 2023

Vijay

Vijay

Nicely written 👌👌👌

2 नवम्बर 2022

10
रचनाएँ
स्वयं से स्वयं तक~
5.0
स्वयं से की गयी बातचीत और ईमानदार साक्षत्कारों के कुछ चुनिंदा अंश इस पुस्तक में संग्रहित हैं ।
1

एक जंगल~

7 अक्टूबर 2022
4
3
3

एक जंगल उसके जेहन में अक्सर घूमता है । बियावान , भयानक, दुर्दम्य जंगल । सिंह , भालू, अजगर , हाथियों से भरा जंगल । बड़े बड़े वृक्ष ,इतने बड़े और घने कि सूरज की रोशनी तक जमीन से ना मिल पाये ।घास इतनी विशाल

2

सुकून~

9 अक्टूबर 2022
5
5
6

वहां कौन है तेरा मुसाफिर जाएगा कहाँ, दम ले ले घड़ी भर ये छैया पायेगा कहा ।इस नग़मे में नायक को जीवन के सफर में दौड़ते हुए सुकून की छांव की इत्तला दी जा रही है ।जी हां सुकून !! जो पसर जाए तो मानो हर

3

अनदेखी अनजाना~

10 अक्टूबर 2022
4
5
3

उसे इंतेज़ार रहता है उस इक हसीन लम्हे का । वो लम्हा जो शायद जिंदगी के मायनों से मिला दे , जिंदगी का मतलब बता दें या फिर जिंदगी के उन गुत्थियों को सुलझा दे जिनसे मुंह मोड़ लिया है उसने । अपनी ही दुनिया म

4

व्यसन !

25 अक्टूबर 2022
7
3
3

व्यसन (बुरी लत)पृथ्वी पर जीवन के आविर्भाव के वैज्ञानिक और आध्यत्मिक दोनों ही दृष्टिकोण हैं । इसमें एक बात तो तय है कि एक जीव मात्र से जीवन के निर्माण तक का सफर मनुष्यता की सबसे महान उपलब्धियों में से

5

डिजिटल मुद्रा~

2 नवम्बर 2022
1
4
2

डिजिटल मुद्रा~भारतीय इतिहास में मुद्राओं की एक विशिष्ट भूमिका रही है । प्राचीन कालीन शासकों की उपाधि और राजनीतिक विस्तार के साथ साथ मुद्राएं आर्थिक और धार्मिक-सांस्कृतिक स्थिति की गवाही देती आयी हैं ।

6

समान सिविल संहिता~

6 नवम्बर 2022
1
4
3

आज़ादी की क़वायद के दौर में और उसके बाद की सर्वप्रमुख उपलब्धियों में से एक भारतीय संविधान का निर्माण करना और उसका लागू होना रहा है । संविधान का 'चौथा भाग' नीति निर्देशक सिद्धान्तों के रूप में राज्

7

निजीकरण का विचार~

8 नवम्बर 2022
1
3
1

निजीकरण~एक घटित हुई सच्ची कहानी स्मरण हो आती है गांव के उस सबसे बड़े परिवार की जिसकी धनाढ्यता बहुत विख्यात थी । फिर ऐसा हुआ कि संसाधनों की अतिशयता ने उस बड़े संयुक्त परिवार के लोगों को निठल्ला बना

8

शिक्षा मानवीयता का आधार~

11 नवम्बर 2022
3
3
2

शिक्षा मानवीय विकास का आधार है । वास्तव में यह उस हस्तांतरित ज्ञान के रूप में है जिससे आगे की पीढियां जीवन को सार्थक रूप में जीने की कला से साक्षात करती हैं । शिक्षा परिचित कराती है नवीन पीढ़ियों को उस

9

सरकार और न्यायापालिका

30 नवम्बर 2022
2
3
0

सरकार और न्यायपालिका ~किसी भी परिवेश ,समाज के संचालन के लिए व्यवस्था एक अनिवार्य तत्व है । व्यवस्था के इस निर्वहन की जिम्मेवारी शाश्वत रूप से राज्य की ही रही है । वर्तमान समय में संवैधानिक व्यवस्था के

10

विश्व एड्स टीका दिवस~

18 मई 2023
3
2
0

ईश्वर ने जीवन का अनमोल उपहार मानव जाति को दिया है । जीवन एक प्रवाह है , इसकी गत्यात्मकता में ही इसकी सुंदरता का वास है । भारतीय मनीषियों ने भी जीवन के स्वरूप को समझने के क्रम में अगाध चिंतन किया है ।

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए