shabd-logo

काश!!

19 दिसम्बर 2021

27 बार देखा गया 27
प्रेम घट गर .....छीन पाता 
नफरतों के .........गाँव से,
फिर कोई कांटा न लगता
प्रिये तुम्हारे...... पाँव से।।
सर्वथा बिध्वंश...... पथ है,
और काली ........रात है।
वाण विष के .......झेलती,
तन्हा अकेली ....जात है।
पार पाना अब ..कठिन है,
जिल्लतों की ....नाव से।।
फिर..........................
वारिसें ...ग़र सोख पाती,
मरू की ताप्ती ...रेत को।
कोपलें सुख़ ..फूट जाती,
भरतीं ...मन के खेत को।
बूढ़ा बरगद फिर न खोता।
नाता ......अपनी छाँव से।।
फिर...........................
काश! ये संयोग.. न होता,
तो फिर ....होता भी क्या।
काश! पाया ही ...न होता,
आज फिर खोता भी क्या।
तप्त मन की .......वेदियां।
जलती न इतने ताव से।।
फिर..........................
ग़र कोई अपना ..न होता,
दर्द फिर देता ..भी कौन?
बन गरल बहता. रागों में,
कौन फिर हो करके मौन?
फिर कोई आतिश न रोता।
शाप्त मन .....समभाव से।।
फिर...........................
@ नवाब आतिश।
sayyeda khatoon

sayyeda khatoon

बहुत बेहतरीन 👌

20 दिसम्बर 2021

ATISH

ATISH

20 दिसम्बर 2021

Sayyead ji welcome...

12
रचनाएँ
💐वेदनाओं की वीथिका💐
5.0
हिंदी के प्रथम काव्य संग्रह को आप सभी सुधि पाठकों के मध्य रखते हुए आग्रह करना चाहूंगा कि काश! हमारे इस प्रयास में हमारे हमसफर हो सकें- चलो तह को जी लें फज़ीहत से पहले। शव-ए-ग़म तो पी लें नसीहत से पहले।। वो शहर-ए-चरागाँ ..वो जोश-ए-तमन्ना। कई जांनशीं थे ......तेरे ख़त से पहले।। @ नवाब आतिश।
1

पनघट का घट

18 दिसम्बर 2021
1
0
0

<div><span style="font-size: 16px;">मै पनघट का घट हूँ प्यारे,</span></div><div><span style="font-siz

2

काश!!

19 दिसम्बर 2021
1
1
2

<div>प्रेम घट गर .....छीन पाता <br></div><div><span style="font-size: 16px;">नफरतों के ........

3

आहट!!

19 दिसम्बर 2021
0
0
0

<div><span style="font-size: 16px;"># दर्द की छांव में......02</span></div><div><span style="font-si

4

☀️☀️रश्मि संचय_1☀️☀️

22 दिसम्बर 2021
0
0
0

<div>क्या कभी महसूस किया है, तुमने?<br></div><div><span style="font-size: 16px;">सबकुछ में कुछ कम हो

5

☀️☀️रश्मि संचय- 02☀️☀️

22 दिसम्बर 2021
0
0
0

<div>क्या कभी महसूस किया है तुमने?<br></div><div><span style="font-size: 16px;">उत्पत्ति कारक के होन

6

☀️☀️रश्मि संचय-03☀️☀️

22 दिसम्बर 2021
0
0
0

<div>क्या कभी महसूस किया है तुमने?<br></div><div><span style="font-size: 16px;">फर्ज के पल्लवित होते

7

अंधभक्त

28 दिसम्बर 2021
0
0
0

<div>यूं ही अंध-भक्त कब बनते, <br></div><div><span style="font-size: 16px;">इन्हें बनाया.......

8

हम देख रहे हैं........होने तक,

27 अक्टूबर 2022
0
0
0

हम देख रहे हैं........होने तक,इस बिंदु से अंतिम कोने तक।।हम देख रहे हैं भाई की.........भाई से बगावत होने तक,ग़म पर हंसते चश्मों के तले आँसू की लगावट होने तक।हम देख रहे हैं उसको भी...परदे से उतर कर

9

🎂ये मैने कब कहा था?..1/2🎂

8 जनवरी 2022
0
0
0

@ मैं शायर हूं ये मैंने कब कहा था, तुम ऐसा सोचते हो ....ये गलत है।मुझे मालूम है ......जब तुम पढ़ोगे,मेरी तुकबंदियों को ....तब कहोगे।न ये कविता है .......न ये शायरी है,हमारे दर्द की........ बस डाय

10

🎂ये मैन कब कहा था?..2/2🎂

8 जनवरी 2022
0
0
0

@ मैं सच्चा हूं ये मैंने कब कहा था, तुम ऐसा सोचते हो...... ये गलत है।मैं तो बस झूठ में.... जिंदा हूं शायद,यकीनन मैं नहीं हूं ....जाने कब का।वो पहला दिन जो... मैंने झूठ बोला,मैं उस दिन ज़िन्

11

🎂एक गीत मीरा के नाम...🎂

8 जनवरी 2022
1
0
0

भाई, सांवरे, .......मैं तोरी वावरिया,कैसा, नाच नचाए,..तोरी बांसुरिया। भई...मैं तोकू ध्याऊं, तोपे वारी वारी जाऊं,सपनों में देखूं तोकू ,...गरवा लगाऊं,श्याम सलोने, .........राधा के सोहने,आओ ना कान्हा....

12

🎂प्रश्न बड़ा है मस्त दोस्तो.....🎂

8 जनवरी 2022
1
0
2

प्रश्न बड़ा है मस्त दोस्तो......पर है बड़ा कसैला,रायता कैसे फैला?..........कहो ना कैसे फैला?रायता कैसे फैला? .................................सवल इंडिया के अनुयाई.......वायुयान से लाए,घर में बुला बुला

---

किताब पढ़िए