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अंधभक्त

28 दिसम्बर 2021

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यूं ही अंध-भक्त कब बनते, 
इन्हें बनाया........जाता है। 
नफ़रत का सप्तामृत लाकर, 
इन्हें खिलाया.......जाता है।। यूं ही..
आका की.....भक्ति में डूबे,
फिर ये.....अंधे हो जाते हैं;
सच के......आईने के आगे, 
असली नंगे......हो जाते हैं;
कठ-पुतली सम उंगली पर, 
फिर इन्हें..नचाया जाता है।। यूं ही..
मानवता के..मर्म विनाशक, 
जग को धर्म.....सिखाते हैं; 
कर्म हीन निर्लज्ज नपुंसक, 
जग को कर्म.....सिखाते हैं;
ऐसे कर्महीन.......मुर्गों सर,
ताज सजाया.......जाता है।। यूं ही..
अपने आकाओंको अक्सर, 
फिर ये.......खुदा बताते हैं;
भोली भाली..जनता को ये, 
जी भर खूब.......सताते हैं;
ऐसे दुष्ट-भ्रष्ट......दल्लों को,
हार पिनहाया.......जाता है।। यूं ही..
इन अंधे बहरों...का सच में, 
कोई धर्म........नहीं होता है; 
आका की पूजा...से बढ़कर, 
कोई कर्म........नहीं होता है;
निर्धारित ट्यूनअप रिमोट से, 
इन्हें बजाया..........जाता है।। यूं ही..
ये विष-धर बन मां को काटें,
शैतां मरे........अगर ये चाटें;
ये दुनियांको.....नफ़रत बांटें,
जो मुंह खोले...उसको डांटें;
ऐसे हला-हली......सर्पों को,
दूध पिलाया..........जाता है।। यूं ही..
@ नवाब आतिश।
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रचनाएँ
💐वेदनाओं की वीथिका💐
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हिंदी के प्रथम काव्य संग्रह को आप सभी सुधि पाठकों के मध्य रखते हुए आग्रह करना चाहूंगा कि काश! हमारे इस प्रयास में हमारे हमसफर हो सकें- चलो तह को जी लें फज़ीहत से पहले। शव-ए-ग़म तो पी लें नसीहत से पहले।। वो शहर-ए-चरागाँ ..वो जोश-ए-तमन्ना। कई जांनशीं थे ......तेरे ख़त से पहले।। @ नवाब आतिश।
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पनघट का घट

18 दिसम्बर 2021
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<div><span style="font-size: 16px;">मै पनघट का घट हूँ प्यारे,</span></div><div><span style="font-siz

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काश!!

19 दिसम्बर 2021
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<div>प्रेम घट गर .....छीन पाता <br></div><div><span style="font-size: 16px;">नफरतों के ........

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आहट!!

19 दिसम्बर 2021
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<div><span style="font-size: 16px;"># दर्द की छांव में......02</span></div><div><span style="font-si

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☀️☀️रश्मि संचय_1☀️☀️

22 दिसम्बर 2021
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<div>क्या कभी महसूस किया है, तुमने?<br></div><div><span style="font-size: 16px;">सबकुछ में कुछ कम हो

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☀️☀️रश्मि संचय- 02☀️☀️

22 दिसम्बर 2021
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<div>क्या कभी महसूस किया है तुमने?<br></div><div><span style="font-size: 16px;">उत्पत्ति कारक के होन

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☀️☀️रश्मि संचय-03☀️☀️

22 दिसम्बर 2021
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<div>क्या कभी महसूस किया है तुमने?<br></div><div><span style="font-size: 16px;">फर्ज के पल्लवित होते

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अंधभक्त

28 दिसम्बर 2021
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<div>यूं ही अंध-भक्त कब बनते, <br></div><div><span style="font-size: 16px;">इन्हें बनाया.......

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हम देख रहे हैं........होने तक,

27 अक्टूबर 2022
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हम देख रहे हैं........होने तक,इस बिंदु से अंतिम कोने तक।।हम देख रहे हैं भाई की.........भाई से बगावत होने तक,ग़म पर हंसते चश्मों के तले आँसू की लगावट होने तक।हम देख रहे हैं उसको भी...परदे से उतर कर

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🎂ये मैने कब कहा था?..1/2🎂

8 जनवरी 2022
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@ मैं शायर हूं ये मैंने कब कहा था, तुम ऐसा सोचते हो ....ये गलत है।मुझे मालूम है ......जब तुम पढ़ोगे,मेरी तुकबंदियों को ....तब कहोगे।न ये कविता है .......न ये शायरी है,हमारे दर्द की........ बस डाय

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🎂ये मैन कब कहा था?..2/2🎂

8 जनवरी 2022
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@ मैं सच्चा हूं ये मैंने कब कहा था, तुम ऐसा सोचते हो...... ये गलत है।मैं तो बस झूठ में.... जिंदा हूं शायद,यकीनन मैं नहीं हूं ....जाने कब का।वो पहला दिन जो... मैंने झूठ बोला,मैं उस दिन ज़िन्

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🎂एक गीत मीरा के नाम...🎂

8 जनवरी 2022
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भाई, सांवरे, .......मैं तोरी वावरिया,कैसा, नाच नचाए,..तोरी बांसुरिया। भई...मैं तोकू ध्याऊं, तोपे वारी वारी जाऊं,सपनों में देखूं तोकू ,...गरवा लगाऊं,श्याम सलोने, .........राधा के सोहने,आओ ना कान्हा....

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🎂प्रश्न बड़ा है मस्त दोस्तो.....🎂

8 जनवरी 2022
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प्रश्न बड़ा है मस्त दोस्तो......पर है बड़ा कसैला,रायता कैसे फैला?..........कहो ना कैसे फैला?रायता कैसे फैला? .................................सवल इंडिया के अनुयाई.......वायुयान से लाए,घर में बुला बुला

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