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पनघट का घट

18 दिसम्बर 2021

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मै पनघट का घट हूँ प्यारे,
कब तक मुझको साध सकोगे?
पल छिन पल घट घट जायेगा,
प्यास न इसकी बांध सकोगे।।
***
क्यों रीता रीता पनघट है?
प्यास मेरी अलसाई क्यों है?
'अंतर' में अंतर कितना है।
मर्म न इसका जान सकोगे।।
मैं पनघट......
***
जीवन विटप लगा पतझड़,क्यों 
प्रेम सुधा का प्यास चातक?
भेद भला मैं क्यों बतलाऊँ?
दर्द मेरा क्या बाँट सकोगे?
मैं पनघट........
****
तन मन में हर दर्द समेटे,
सो जाने को जी करता है।
एक अबोध हंसी की खातिर,
मर जाने को जी करता है।
मैं तो जग को अपना कह दूँ।
डर है पागल जान हंसोगे।।
मैं पनघट.......
***नवाब आतिश***
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रचनाएँ
💐वेदनाओं की वीथिका💐
5.0
हिंदी के प्रथम काव्य संग्रह को आप सभी सुधि पाठकों के मध्य रखते हुए आग्रह करना चाहूंगा कि काश! हमारे इस प्रयास में हमारे हमसफर हो सकें- चलो तह को जी लें फज़ीहत से पहले। शव-ए-ग़म तो पी लें नसीहत से पहले।। वो शहर-ए-चरागाँ ..वो जोश-ए-तमन्ना। कई जांनशीं थे ......तेरे ख़त से पहले।। @ नवाब आतिश।
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पनघट का घट

18 दिसम्बर 2021
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काश!!

19 दिसम्बर 2021
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आहट!!

19 दिसम्बर 2021
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हम देख रहे हैं........होने तक,

27 अक्टूबर 2022
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@ मैं शायर हूं ये मैंने कब कहा था, तुम ऐसा सोचते हो ....ये गलत है।मुझे मालूम है ......जब तुम पढ़ोगे,मेरी तुकबंदियों को ....तब कहोगे।न ये कविता है .......न ये शायरी है,हमारे दर्द की........ बस डाय

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🎂ये मैन कब कहा था?..2/2🎂

8 जनवरी 2022
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@ मैं सच्चा हूं ये मैंने कब कहा था, तुम ऐसा सोचते हो...... ये गलत है।मैं तो बस झूठ में.... जिंदा हूं शायद,यकीनन मैं नहीं हूं ....जाने कब का।वो पहला दिन जो... मैंने झूठ बोला,मैं उस दिन ज़िन्

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🎂एक गीत मीरा के नाम...🎂

8 जनवरी 2022
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भाई, सांवरे, .......मैं तोरी वावरिया,कैसा, नाच नचाए,..तोरी बांसुरिया। भई...मैं तोकू ध्याऊं, तोपे वारी वारी जाऊं,सपनों में देखूं तोकू ,...गरवा लगाऊं,श्याम सलोने, .........राधा के सोहने,आओ ना कान्हा....

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🎂प्रश्न बड़ा है मस्त दोस्तो.....🎂

8 जनवरी 2022
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प्रश्न बड़ा है मस्त दोस्तो......पर है बड़ा कसैला,रायता कैसे फैला?..........कहो ना कैसे फैला?रायता कैसे फैला? .................................सवल इंडिया के अनुयाई.......वायुयान से लाए,घर में बुला बुला

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