श्रवण कहने को अपनी आम जिंदगी में आ गयाथा लेकिन उसका किसी भी काम मे मन नही लग रहाथा,
खीज, गुस्सा, चिढ़ उसके लिए आम बात हो गयीथी आये दिन ऑफिस के स्टाफ पर गुस्सा करता रहता था,
उसका अस्सिस्टेंट उसके बदले होये रूप को देखरहाथा वो जानता था कि इन सबकी वजह अदिति का छोड़कर जाना है,लेकिन वो कुछ नही कर सकता था।
महीने बीत रहे थे, श्रवण देर रात तक पब में बैठा रहता, दारू पिता।
आज भी वो गुस्से से ऑफिस से निकला,
दिन बहुत खराब गया था उसका, बहुत जरूरी मीटिंग थी उसकी लेकिन मीटिंग एकदम बकवास गयी, जिस कॉन्ट्रैक्ट के लिए मीटिंग रखी गयी थी उस कॉन्ट्रैक्ट को वो ले नही स्का, वजह थी उसकी प्रेजेंटेशन में सो गलतियों का भंडार,
वो कुछ देर बाद एक महँगे से पब म बैठा था एक के बाद एक गिलास पी रहाथा,ना चाहते होये भी उसे अदिति की याद आने लगी,
जब भी वो रात को अपने काम करके बिस्तर पर आती थी तो उसके साथ बुसिनेस की ढेर सारी बाते करती उसकी मीटिंग्स के लिये खुद पर्सनली सारा डेटा देखती कहि कुछ गड़बड़ होती तो खुद ही उसके स्टाफ से कहकर सबकुछ ठीक करवा देती, उसकी छोटी छोटी इन्ही आदतो के कारण या यूं कहें इन्ही काम की वजह से श्रवण आंखे बंद करके प्मीटिंग में चले जाता,
बहुत विश्वास था उसे अदिती पर
जब एक बार उसके ओर उसकी राइवल कंपनी के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट को लेकर जंग छिड़ गयी थी तो कैसे उंसने सबके सामने उसे चैलेंज कर दियाथा कि वो उस कांट्रेक्ट को लेकर रहेगी,
वो इतनी जिदी थी कि अपनी मेहनत के बलबूते पर उंसने उस डील को क्रैक कर के ही दिखाया था
सोचते हुए श्रवण के चेहरे की तियोडी चढ़ गई
वो बार टेंडर से ग्लास भरने को कहने लगा, उसे खुद पर गुस्सा आने लगा कि क्यों वो बारबार उसके बारे में सोच रहा है, तभी एक लड़की ने उसे देखा कि वो अकेला है और अमीर खानदान का लग रहाहै तो वो उसके पास जाने लगी।
श्रवण ने मन बना लिया थाकि वो अब अदिति के के बारे में बिल्कुल नहीं सोचेगा अब वही करेगा उसका मन करेगा, वो उसके हर नामुनिशान को अपनी जिंदगी को मिटा देगा,
तभी उसे अपने कंधे पर किसी का स्पर्श महसूस होयया, उंसने गर्दन घुमा कर देखा तो एक खूबसूरत सी लड़की उसके सामने मुस्कान के साथ देखरहीथी,
उंसने छोटी सी ड्रेस पहनी होयी थी गुढ़ा मेकआप किया होयया ड्रेस इतनी टाइट की उसके जिस्म के हर हिस्से को दूर से ही देखा जा सकता था, देखने से ऐसा लगरहा कि अगर उंसने जोरदार एक लम्बी सांस छोड़ी तो उसकी ड्रेस फट जाएगी।
""हेलो हैंड्सम""" उंसने हल्का सा झुककर अपनी क्लीवेज को दिखाते होये कहा तो
उसकी(श्रवण) की नजर अपने आप उस लड़की के स्तनों की ओर चली गयी उस लड़की ने जैसे ही उसकी नजर देखी वो बेशर्मी से उसकी गोद मे बेठ गयी।
श्रवण की आंखे ढूंढ़लाने लगीं तभी उसकी नाक में जाने माने सेंट की खुशबो गई वो कुछ सोच पाता कि
तभी उस लड़की ने उसकी आँखों मे देखकर बोली
इतना सा देखकर क्या करोगे, चलो कहि चलते है, तुम्हें आज मैं जन्नत की सैर करवा दूँगी,
श्रवण भी उसके जाने को तैयार हो गया, पहेले से ही वो टूल हो चुका था ।
उंसने उस लड़की को कमर से पकड़ा और गाड़ी की तरफ जाने लगा बार बार वो उस सेंट की खुश्बू को सुंग रहा था,
कुछ देर बाद दोनों एक बड़े से कमरे में खड़े थे उस लड़की ने झट से श्रवण को उस कमरे में रखे हुए मास्टर बेड पर धका दे दिया
और खुद उसकी तरफबढ़ने लगी
श्रवण को उस लड़की के सेंट की खुशबो से अदिति की याद आ रही थी,
लेकिन आज उसने खुद को मूवआन करने का निर्णय कर लिया था
श्रवण आंखे बंद करके लेटा होया था।
उस लड़की ने जैसे ही अपने हाथ उसकी कमीज के बटन को खोलने के लिय उसके सीने पर फिराने लगी, लेकिन पता नही क्यों उसे कुछ महसूस होने के जगह उसे घिन आ रही थी।
उसे गुस्सा आने लगा उसने उस लड़की को देखा और उसे धका दे दिया, ओर अपने पर्स से पैसे निकाल कर उसे पकड़ा कर जाने को कहा तो लड़की ने गुस्से से पैर पटककर वहा से निकल गयी
उसे क्यू बार बार उस लडक़ी का चेहरा उसकी याद आरही थी जिसके बाप की वजह से उसकी जिंदगी के इतने साल किसी सजा की तरह बीते थे
क्यों वो उसे भुला नही स्का अब तो 6 महीने होने को आये थे ।
तभी उसे उसकी बाँते याद आने लगी। दोनो बिस्तर पर एक दूसरे के साथ इसी कमरे के बिस्तर पर लेटे होये थे, उंसने श्रवण के होंठों ओर उंगली फिराते होये बड़ी आत्मविश्वास के साथ कहा था।
मैं दावे के साथ कह सकती हूँ, की तुम्हे ऑन करने का हुनर सिर्फ मुझ में है,सिर्फ मैं ही तुम्हे ऐसे महसूस करवा सकती हूं, किसी ओर मैं इतनी हैसियत ओर दम नही
समझे श्रवण साहब,
इतना कहते ही उंसने मुस्कान के साथ उंसने हल्के से अपने होंठ को उसके होंठो पर रख लिया था,
आज उसे उसकी बात सच लगरही थी
वही जेल मे
अदिति के होठों से खून बह रहा था जब वह एक महिला कैदीके सामने खड़ी थी।
उसने अपने हाथ से कैदी के चेहरे पर थप्पड़ मारा और कहा, "
तुम ने अगर फिर से मुझसे कोई पंगा या मेरे साथ कुछ बत्तमीजी क करने की हिम्मत की तो तुम अपनी जान से जायोगी?
" "नहीं - नहीं!" मुझसे गलती हो गयी प्लीज मुझे माफ़ करदो उस कैदी महिला ने डरके मारे कांपते होये कहा
"लेकिन अदिति ने उसके बाल पकड़ कर फिरसे पूछा
तुमने जानबूझकर मेरे खाने में मिर्ची डालने की हिम्मत की ताजो मैं यह मेरी थाली में से खा कर मिर्च से मेरी जीभ जल जाए?" इसके बाद उसने दो बार और थप्पड़ जड़े।
"नहीं! नहीं!" महिला कैदी बार-बार अपनी दया की भीख मांगती रही।
अदिति जुडो कराटे की मास्टरथीं।
सिवाय ।
श्रवण के लिए, बाकी लोग उसके लिए कोई खास नही थे।
श्रवण उसको अच्छे से हरा देता था वो उसके सामने हर बार कमजोर पड़ जाती थी।
जेल जैसी जगह में, किसी को अनिवार्य रूप से धमकाया जाएगा। वह सब कुछ ठीक करना चाहती थी, लेकिन उसने कभी नहीं सोचा था कि ये औरत उसे परेशान करने में सबसे आगे होगी!
उसे अगर 2 साल चेन से यहाँ गुजारने थे तो अपनी ताकत से अधिकार स्थापित करना था,
नहीं तो हर कोई सोचता कि उसे अपमानित किया जा सकता है।
इस दुनिया में, केवल श्रवण ही उसे अपमानित कर सकता था और उसे रक्षाहीन बना सकता था। लेकिन वह केवल एक दो बार आहत होई थी!
अदिति से सभी महिला कैदी डर गईं। वह किसी भूखे शेर की तरह थी अगर उसे कोई हाथ लगाने की कोशिश करता था तो वो उसे अच्छे से सबक सिखा देती
कुछ महीने पहले ही जब उसे पता चला था कि वो प्रेग्नेंट है तब उसे सदमा सा लगा था, यह उसका ओर श्रवण का बच्चा था उस आदमी का बच्चा जिसने उसे ऐसा दर्द दिया जो वो कभी भी नहीं भूल सकती थी
लेकिन नफरत की जंग में उस बच्चे का क्या दोष है वो उसका बच्चा है वो उसे जन्म देगी और वो हर उस मुसीबत से लड़ेगी जो उसके बच्चे को तकलीफ देगी।
से वो ओर भी निडर हो गयी थी अभी उसे 6 महीना लगा होया था लेकिन उसकी चुस्ती फुर्ती बिल्कुल कम नही होयी थी।
लेकिन उसे पता था कि बच्चे के होने के बाद वह नहीं जानती थी कि क्या करना है। वो उसे इस जेल में नही रख सकती थी
उसे अब इतना बड़ा धोखा मिल चुका था कि वो किसी पर यकीन नही कर सकती थी।
लेकिन एक दिन उसे पता चला कि मानव उससे मिलने को आया है,तो उसने उम्मीद की किरन दिखी।
एक कमरे में उसने मोटे गिलास से मानव की ओर देखा: मानव उसका सबसे अच्छा दोस्त था इसलिए उसने बिना कुछ सोचे समझे ही उससे कह दिया था
मानव मुझ पर एक एहसान करेंगा।
" मानव की नजर अभी भी उसके चेहरे को देख रही थी
कितनी बेशकल हो गयी थी उसकी खास दोस्त आंखों के नीचे काले घेरे, सूखे सर्द होंठ, कितनी पतली हो चुकी थी सिर्फ पेट ही थोड़ा सा निकला होया था वो समझ गया कि अदिति प्रेग्नेंट है ।
लेकिन उसकी आंखें भर आयी, उंसके होंठ गुस्से से कांपने लगे।
"श्रवण ने तुम्हारे साथ ऐसा क्यों किया? उसने जब मुझे
मुझे तुम्हारे पास न आने की चेतावनी दी तो मैंने सोचा कि वह तुमसे सच्चा प्यार करता है।
फिर तुम्हें खुशी क्यों नहीं मिली अदिति ? उसने तुम्हें इतना बडा धोका दिया।
" बोलते बोलते मानव की आँखें लाल हो गईं: "
तुम एक मूर्ख थी ! पिछले छे वर्षों में आपने क्या किया है?"
अदिति ने अपने होठों को कस कर दबा लिया शायद आंखे से आने वाले आँसू को रोकने के लिए कर रही थी:
"अगर मैंने इस रिश्ते को अपना कर धोखा नही खाया तो मुझे कैसे पता चलेगा कि मैं एक मूर्ख थी।
मैंने परिणाम स्वीकार कर लिया है मानव। चलो अतीत को भूल जाते है ।
" "अतीत को भूल जाओ? क्यों? उसने तुम्हें खुद ही जेल भेज दिया!" तुम इसे कैसे सब कुछ भूल सकती हो अदिति " मानव ने चीला कर कहा
मैं अपने पास्ट में जो भी होया है उसे बदल नही सकती लेकिन अपने फ्यूचर को मैं अपने हिसाब से बदल सकती हूं।
मानव उसकी बात सुनकर चुप कर गया।
To be continue
Miss amittal