लीना ओर वकील सभी वहाँ से निकल गए, लेकिन श्रवण वही बेंचपर बैठा रहा, उसे लगा था कि वो अदिति ओर उसके बाप को सजा देकर खुश होगा लेकिन उसके चेहरे पर खुशी की एक लकीर तक नही थी,
उसे यह बात हजम नही हो रहीथी, की अदिति ने इतनी जल्दी गुनाह कबूल कर लिया,,
श्रवण का दिल बैठा जा रहा था , 3 साल शादी ओर 3 साल कॉलेज में साथ रहते रहते वो इतना तो अदिति को समझ गया था कि वो जल्द ही हार मानने वालों में से नही है।
जब भी उनका किसी बात को लेकर झगड़ा होता या बहस होती तो अदिति जब भी किसी जिद पर अड़ जाती तो उसे वो पूरी करवा के ही मानती,
श्रवण जानता था इतने साल साथ रहनेके बावजूद अदिति उन लोगो मे से थी जो अपने सपने अपनी जिद अपना फैसला अपनी इच्छाओं को जबतक पूरा नही कर लेती थी वो शांति से नही बैठती थी, तो फिर आज क्यों वो इतनी जल्दी मान गयी
क्या उसने इतनी जल्दी हार मानली,
नही नही वो आसानी से हार मानने वालों में से नही है
श्रवण का यह सब बाँते सोच सोच कर सिर घुमा जा रहा था,
उसने आंखे बंद की तो उसके दिमाग मे अदिति की कही होयी बाँते गूँजने लगी
तुम्हारे साथ बिताए सारे सालों को मैं भूल रही हूँ,
इतने साल जो हम दोनों ने अनेको ही पल ग़ुज़ारे वो सब अब तुम्हारे बदले के लिए मैंअपने दिल और जिंदगी से निकालती हूँ
नाउ अब सभी हिसाब बराबर है,
क्या उंसने मुझे माफ़ कर दिया?
क्या वो सच मे सभी पल भूल जाएगी ?
श्रवण का सिर फटने को होने लगा,
वो उसी कठघरे के पास गया जहाँ अदिति कुछ समय पहेले खड़ी थी उंसने कठघरे पर हाथ फिराते होये कुछ पानी की बूंदे महसूस की
शायद वो अदिति के आसूं थे, उसका दिल फिर से बैठ गया
वो अदिति के बारे में सोचते सोचते वहां से जाने लगा लेकिन कोर्ट की पौड़ी वो जैसे जैसे उतरता गया उसका मन भारी होता गया।
अदिति को एक जेल में भेज दिया गया, वो सेल में बैठी थी, उसे अभी तक यकीन नही होया की उसके पापा अब इस दुनिया में नही रहे, कुछ ही दिनों में उंसने अपने सारे खास रिश्ते गवा दिए
6 साल का साथ, पापा का प्यार, अपनी पहचान सब कुछ
श्रवण का चेहरा उसके आंखों के सामने घूमने लगा, उंसने गुस्से से जोरदार मौका सेल की दीवार पर मारा तो खून की तेज धार उसके हाथ से बह निकली,
उसके साथ ही सेल के ओर औरतों ने जब उसे देखा तो वो कुछ पल के लिए डर गई, तभी एक औरत ने उसके कंधे पर हाथ रखा तो अदिति ने उसे देखा तो उसकी लाल आंखों को देखकर वो औरत थोड़ा पीछे हो गयी,
लेकिन उंसने बोलना शुरू किया
लगता है कुछ ज्यादा ही जख्म है किसी ने, ऐसे खुद को तकलीफ देने से बेहतर है, खुद को मजबूत बनायो,
अदिति वही जमीन पर बैठगई, वो सभी औरतें उसके आजु बाजु बैठ गयी।
अदिति की भारी आवाज से सभी उसकी तरफ देखने लगी, ख़ुद को मजबूत करने के लिए ही तो खुद को तकलीफ दे रही हूं, जितना दर्द मैं अब 2 साल में सहन करूँगी, उससे 10 गुना सजा उन सबको दूँगी जो मेरी बर्बादी का कारण बने है, मैं अब वो अदिति नही रही, उस कोर्ट से निकलने के पहले कदम के साथ ही मेरे लिए अब मेरा बदला ही सबकुछ है,मैं उन सबकी जिंदगी को नर्क बना दूँगी, इतना कहते ही अदिति कोने में चलीगई
ओर चुपचाप कोने में बैठ गयी, तभी दूसरी औरत ने मुस्कान के साथ कहा, रे लड़की जब कोई इस जेल में आता है ना तो उसी समय सारे रिश्ते नाते सब कुछ खत्म हो जाते है, यहाँ से निकल ने के बाद हम सिर्फ दुनिया के लिए अपराधी ही रह जातेहैं,
अदिति चुपचाप उसकी बाँते सुन रही थी,
उसे याद आने लगा जब पुलिस उसको हॉस्पिटल से गिरफ्तार करके पुलिस स्टेशन लेकर गयी थी
उसे वही एक अंधेरी सेल में बंद कर दिया गया था
हवलदार ने दरवाज़ा खोला तो सामने सूट पहने सुंदर व्यक्ति यानी श्रवण उसके सामने खड़ा था,
वह कदम दर कदम चलते होये अदिति के सामने आकर खड़ा हो गया।
अदिति ने मन ही मन सोचना शुरू किया
पिछले 6 सालों से हम साथ रहे हैं, क्या आप मामले को वापस ले सकते हैं? इतना अपमानित उंसने आज दूसरी बार दूसरी बार महसूस किया था,
वह कब उसके सामने इतनी छोटी और नीची हो गयी थी ? लेकिन क्या हुआ वो इस केस को वापस नही लेगा वो जानती थी,
कल, उसने महसूस किया कि प्यार सिर्फ एक भ्रम था। वह सश्रवण के लिए कुछ भी नहीं थी। अदिति ने अभी भी अपना बुसिनेस सूट पहना हुआ था
: एक सफेद शर्ट, काला सूट और एक काले रंग की स्कर्ट।
श्रवण उसको कितने प्यार से देखता जब भी वो इतने सज स्वर के या यूं कहें इतने अच्छे सूट पहन कर किसी मीटिंग के लिए जाती थी ।
वो हमेशा से वह थोड़ी शैतान थी कितना प्यार था दोनो में , कितनी मन मोहक जिंदगी थी।
पर अब उसकी आँखों में जुनून नहीं था।
मुझे शर्म आ रही है खुद पर की मैने तुम जैसे आदमी से प्यार किया, सब कुछ तुम्हारे लिए किया, तुम्हारे एक फैसले ने मेरे आत्म सम्मान को चकनाचूर कर दियाअदिति ने कहा था तो श्रवण अपनी जगह पर वापस झुक गया।
"हाहह, मैं भूल गया था कि तुम उस आदमी की बेटी हो, जिसने आपने अपना शरीर पैसे के लिए मुझे बेच दिया था तो अब आत्म-सम्मान की बाँते कैसे कर पसकती हो ?" श्रवण की बाँते सुनकर अदिति गुस्से से कांपने लगी।
ऐसा लगा कि जिस पर उसने भरोसा किया था, वह उसके पीछे खड़ा था, जैसे ही वह सुरक्षित और आश्वस्त महसूस करते हुए आगे बढ़ी, लेकिन उसी पीछे खड़े व्यक्ति ने अचानक उसकी पीठ में छुरा घोंप दिया हो अदिति की सांसे थम सी गयी थी उसका सांस लेना मुश्किल हो गया था,
6 साल? क्या उसे अब भी याद है कि उसने अपने 22वें जन्मदिन पर खुद को उसे दिया था?
वह हमेशा यही सोचती थी कि वह उसकी प्रेमिका है। उसने कभी नहीं सोचा था कि वह उसे ऐसा भी दिन दिखएगा। अदिति की आँखों में इतना दर्द था कि जो कोई उस वक़्त उन आंखों में देखता उस दर्द को महसूस कर लेता, बहुत दर्दनाक और पीड़ादायक।
उसने श्रवण के सामने कभी आंसू नहीं बहाए थे। वो हमेशा मुस्कुराती रही क्योंकि उसने कहा था | उसे उसकी मुस्कान देखना पसंद था; जब भी वह मुस्कराती है तो वह दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की लगती थी।
अदिति उसके पास गई ओर बोली" श्रवण अगर हम किसी जानवर के साथ भी थोड़ा सा वक़्त गुजारते है तो उसके साथ भी हम कुछ जुड़ाव कुछ प्यार कुछ अपनापन महसूस करते है तुम्हारी नजरो में मेरी कोई कीमत नही उसने हल्की सी आस लेकर पूछा
लेकिन सतीष की बेटी की कीमत बिल्ली या कुत्ते से भी कम है, श्रवण ने उसकी आँखों मे देख कर कहा था तो
अदिति को लगा कि जो उसके ऊपर गिरा वह शब्द नहीं बल्कि छुरी थी ।
वह इतना निर्दयी था। उन्होंने पिछले 6 वर्षों को याद नहीं किया। श्रवण इतना अच्छा एक्टर है ।
6 वर्षों में उसने कभी भी उस पर कठोर शब्दों का प्रयोग नहीं किया। लेकिन पिछले दो दिनों में उसने उन सभी अपशब्दों का इस्तेमाल किया था जिनके बारे में वह सोच सकता था।
उसे बेफकूफ बनाने के लिए उसने 6 साल तक नाटक किया |
ओर आज वो अपने बदले में वह सफल हो चुका था ।
अदिति का दिल खून बहा रहा था और अधिक चोट नहीं पहुंचा सकता था।
आख़िरीबार अदिति ने अपना सिर उठाया, उसकी आँखों में प्रलोभन के भाव प्रकट हो रहे थे। उसने अपनी गुलाबी जीभ की नोक से अपने होंठ गीले किये और कहा
तो मैं भी देखती हूँ तुम कितना निचे तक गिर सकते हो ,
मुझे बर्बाद करने के लिए
इतना कहते ही वो वापस अंदर अंधेरे में चली गयी।
To be continue
Miss amittal