जब श्रवण उठा, तो उसने दूसरी तरफ देखा तो वो हिस्सा खाली था , । वह अचानक से उठ बैठा और बिस्तर से उठ गया।
उसे याद आया कि आज के बाद अदिति उसके पास नही आएगी। उसको दुख हक रहा था लेकिन वो कुछनहीं कर सकताथा।
वो तैयार होने के बाथरूममें गया
टूथब्रश और कप को भी साफ रखे हुएथे ।
एक महीना बीत गया था और यह डील खत्म थी
उसने सोचा कि जब यह दिन आएगा, तो उसे परेशान नहीं किया होगा । उसे बस खुद को इतना सपोर्ट करना था कि वह हमेशा की तरह काम करे। हालांकि, जैसे-जैसे समय बीतता गया, वह और अधिक अनिश्चित परेशान होता गया। चूंकि
वह रात को सो नहीं पाता था, वह केवल नींद की गोलियां खा कर ही वो सो सकता था।
उसने जो पैसा अदिति को दिया वो एकना एक दिन खत्म होना ही था, अगर फिरसे पैसे की जरूरत पड़ी उसे तो क्या करेगी वो
करेगी क्या फिरसे मेरे पास आ जायगी, उंसने यही सोचा ओर अपनी जिंदगी में मस्त हो गया।
वो ऑफिस में काम कर हीरहा था कि उसे बाहर से कुछ शोर सुनाई दिया उसने जाकर देखा तो लीना और उसका अस्सिटेंट आपस में बहस कर रहे थे
श्रवण को देखते हैं लीना भागकर उसके पास आ गई और गले लगा कर बोली श्रवण देखो यह मुझे रोक रहा था, श्रवण ने उसे थोड़ा दूर किया और असिस्टेंट की तरफ देख कर बोला क्या प्रॉब्लम है
सर मैने मेडम को कहा कि आप बिजी है थोड़ा इंतेज़ार कीजिये लेकिन मैडम जिद करनेलगी
मैं उनको रोक रहाथा,
श्रवण कुछ बोलता की लीना ने उसकी बाजू में हाथ डालकर बोली
श्रवण भलेकितना ही बिजी हो वो मुझे कभी भी मिलनेसे मना नही करसकता हैना श्रवण
लीना ने उम्मीद से उसे देखा और पूछा
लीनना मुझे काम है कुछ ही मिनटों के बाद मेरी मीटिंग है तुम जायों जब मैं फ्री होयउँगा मैं तुमसे मिल लूंगा
लीना को बहुत गुस्साआ रहा था उसकी बातसुनकर लेकिन उंसने मुस्कान के साथ कहा
ठीक है जैसा तुम्हें ठीक लगे इतनाकहते ही वो वहा से चली गयी
लीना गुस्से से भरी होयी थी 2 साल सेज्यादा होंगे लेकिन श्रवण उससे मिलने केलिए एकबार भी नही आया, ओर आजभी वक़्त का बहाना बनादिया।
अब मुझसे नही सहा जाएगा, कुछ करनाहोगा कि यह श्रवण की गर्दन मेरे हाथ मे ही रहे
उंसने किसी को फोन किया और कुछ बात करके काट दिया
2 महीने हो गए लेकिन अदिति एक बार भी उससे मिलने नही आई, श्रवण सोचरहा था कि कही अदिति ने उसे फोन करने की जगह उसके अस्सिस्टेंट या ऑफिस में कोई कांटेक्ट किया हो तो
यही सोच कर उंसने अपने अस्सिटेंट को बुलाया
ओर पूछा
क्या अदिति का कोई फ़ोन आया कोई ?
सर नही कोई फोन नही आया
अच्छा, श्रवण ने कुछ सोच कर कहा, मुझे उसके घर का अड्र्स दो,
ओक सर इतना कहते ही असिस्टेंट चला गया 30 मिंट के बाद वो वापस आया और बोला सर अदिति मेडम ने इस शहर में कोई घर नही लिया।
आपने उन्हें आखिरी बार जो पैसा दिया था, वह उनके लिए कार और घर खरीदने और एक अच्छा जीवन जीने के लिए पर्याप्त था ।
श्रवण ने कहा मैं चाहता हूं कि आप पता करो कि क्या उसने हाल ही में जुआ खेला है या उसका अन्य लोगों से कोई लेना-देन किया है?" श्रवण ने खुद समझ नही आरहाथा कि अदिति ने इतने पैसे होनेके भावजुद कोई घर क्यों नही लिया।
क्या उंसने सारे पैसे किसी को दे दिए ? आधे घंटे बाद, असिस्टेंट ऑफिस में आया । "सर , 2 महीने पहले अदिति मुंबई छोड़ कर जा चुकी है। उनके बारे में कोई खबर नहीं है की वो कहाँ गयी है,।" श्रवण अचानक उठ खड़ा हुआ। इसका क्या मतलब था कि कोई खबर नहीं थी? क्या वह हमेशा के लिए गायब हो गई? उसके माथे पर पसीना था,। उसका मजबूत शरीर कांपने लग गया । उसने अपनी मुट्ठी बांध कर कहा "ठीक है,
अब उसकी खोज करने की कोई जररूत नही ,चाहे वह जीवित है या मर चुकी है ,परवाह करने की ज़रूरत नहीं है!
" श्रवण कार्यालय से बाहर चला गया और उसे लगा जैसे वह बादलों पर कदम रख रहा है। उसके कदम बहुत कमजोर थे। भले ही उसने अदिति को जेल भेज दिया हो, लेकिन उसे इस बार ऐसा गंभीर नहीं लगा। उसकी कार पूरे शहर की सड़कों पर मंजिल की तलाश में घूम रही थी,
कुछ घण्टो के बाद वो अदिति के पापा के अप्पर्टमेंट के बाहर खड़ा था,
To Be continue
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