the tycoon revenge 2
कारवाई शुरू की जाये जज के आर्डर देते ही। वकील ने बोलना शुरू किया, माय लार्ड यह केस बहुत सिंपल और आम है, मेरी क्लाइंट अदिति बेकसूर है,
तभी दूसरे वकील ने पहले वकील की बात को काटते होए कह , जज सहिब हर बार मेरे मुहकिल यही कहते है लेकिन हरबार उनको मुँह की खानी पड्रती है मैं आपको सीधा सीधा इस केस के बारे में आपको बताता हूँ "अदिति रायचंद जो की रायचंद कंपनी की 50 परसेंट शेयर होल्डर है, इन्होने मिस्टर श्रवण मित्तल यानि अपने पति के कपंनी के ही सीक्रेट लीक कर दिए है जिसकी वजह से मित्तल कोऑपरेशन को बहुत ज़्यदा घाटा होया है और ना चाहते होये भी मिस्टर मित्तल को अपनी ही पत्नी पर केस करना पड़ा,
उसकी इस बात को सुनकर अदिति ने होंठो पर मुस्कान आ गयी उसने बड़बड़ाते होये कहा
शादी, 50percnt,धोका उसने गर्दन घुमा के लीना के साथ बैठे आदमी को देखा, मगर वो आदमी अपनी आंखे बंद किये बैठा था, अदिति ने घिन के साथ नजरे फिरसे जज की तरफ घुमा ली।
लेकिन यह सब करने की आखिर क्या वजह थी आखिर कोई औरत अपने ही पति को बर्बाद क्यों करना चाहती है, जज ने वकील से पूछा" तो वकील ने मुस्कान के साथ चुपचाप खड़ी अदिति को देख कर कहा'' क्यूंकि जज साहब अदिति जी को बदला लेना था इनको गुस्सा था की मिस्टर मित्तल जल्द ही इनसे डाइवोर्स लेने वाले थे,
क्यूंकि अदिति जी के अपने ही दोस्त के साथ नजायज रिश्ता है, जब मित्तल साहिब को इनके ऐसे कारणामो के बारे में पता चला तो उन्होंने अदिति 3साल की शादी तोड़ने का फैसला लिया।
इस बात को लेकर अदिति जी ने चोरी से मित्तल कारपोरेशन के सीक्रेट जाने और उन्हें लीक करदिया, इन्होने गुस्से और नफरत में ऐसा तो करदिया लेकिन शायद यह भूल गयी की जिस कंप्यूटर से यह डाटा लीक कर थी वो उनका ही कंप्यूटर था और पुलिस ने 1 दिन में ही ip अड्रेस की मदद से इनको पकड़ लिया।
यह सब गलत आरोप है मैने ऐसा कुछ नहीं किया, यह सब झूठ है मैने कुछ लीक नहीं किया ना ही मेरे किसी के साथ कोई सम्ब्ध है जज साहिब मैं सच कह रही हूँ,अदिति ने गुस्से और नफरत से कहा,
तभी पुलिस का एक आदमी अंदर आया और इक cd वकील को देकर चला गया।
जज साहिब दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा इस cd को देखकर।
वीडियो चलाई गयी तो उसमे अदिति और उसका दोस्त मानव एक दूसरे को गले लगाए खड़े थे, मानव ने हल्के से अदिति के माथे को चुम लिया था और फिर वो कुछ बैग्स अदिति को देकर गाड़ीलेकर चलागया।
वीडियो को देखते ही लीना के साथ बैठे आदमी के चेहरे के हावभाव ही बदल गए, उसने गुस्से से अदिति को देखा और अपनी मुठी जकड़ ली, लीना ने तिरछी नजर से उसके चेहरे को देखा तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा।
उसका बस चलता तो उसको अभी गले से लगा कर कह देती'' देखा श्रवण मैंने कहा था ना यह औरत तुम्हारे लायक नहीं है सिर्फ मैं ही तुम्हारे लायक हूँ, बस जलदी से इससे पीछा छुड़वाओ और मुझसे शादी करलो'' लेकिन लीना चुपचाप बैठी रही, उसकी हिम्मत नहीं होई श्रवण से बात करने की,
कुछ दलीलों के बाद वकील अपनी जगह पर बैठ गया, अभी तक सारे सबूत अदिति के खिलाफ थे लेकिन उसने बार बार आरोप मानने से इंकार किया था जिसकी वजह अभी तक को फैसला नहीं हो पाया था, जज ने 30 मिंट का ब्रेक टाइम दिया तो श्रवण अपनी जगह से खड़ा होया और अदिति के पास जाने लगा।
श्रवण को अपने पास आता देख अदिति के दिल की धड़कन तेज होने लगी, वह एहसास फिरसे होने लगा जो पहली बार उस देखकर होया था लेकिन समय एक जेसा नहीं रहता, जिस को अदिति प्यार समझती थी वो सिर्फ एक धोका था फरेब, श्रवण ने उसके साथ बहुत बड़ा धोका किय था, प्यार के नाम पर जो शादी की, जो कस्मे निभाने का वादा किया, जो 3 साल तक उसके साथ अच्छे पति बनने का नाटक किया सब धोखा , उसे 4 दिन पहले की वो घटना याद आने लगी ,
4 दिन के बाद वो अमेरिका से वापस आयी थी, कितनी खुश थी वो आखिर पुरे एक हफ्ते बाद वो वापस घर आयी थी,
जब कोई आपसे बहुत प्यार करता हो काफी समय के बाद उस से मिलने की ख़ुशी जो होती है वो लब्जो में कहां ब्यान की जा सकती थी, मन बेचान रहता है अपने से मिलने गले लगाने के लिए यह तड़प वही समझ सकता है जिसने कभी प्यार किया हो, ऐसी ही तड़प मिलन की ख़ुशी के लिए अदिति फटाफट भागते होये श्रवण की कम्पनी में गयी थी,
वहां सब जानते थे उसे आखिर बॉस की बीवी जो थी बिना किसी क रोकटोक क के वो केबिन की तरफ चलने लगी, गेट क्नोक करने ही वाली थी की अंदर से श्रवण की आवाज आह रही थी ऊँगली गेट को खटखटा पाती की उसके मुँह से अपना नाम सुनकर उसकी ऊँगली रुक सी गयी, चुपचाप अदिति दरवाजे के पास खड़ी हो गयी,
अंदर से आ रही बाते सुनने लगी आवाज श्रवण की थी तुझे क्या लगता है बूढ़े तू मुझसे मदद के लिए आएगा तो मेंतेरी मदद करूंगा, भूल मत मैं कोन हूँ, दमाद जी मेरी मदद कर दीजिये, तभी जोरदार आवाज आयी अदिति फ़टाफ़ट अदंर आयी तो सामने का मंजर देखकर वो कांप सी गयी,सामने वीलचेयर से एक बजुर्ग नीचे जमीन पर गिरा होया था और उसके सामने श्रवण खड़ा था।
अदिति भागकर उस नीचे पड़े आदमी की तरफ भागी पापा पापा,,,, ,,,,आप ठीक हो, आपको लगी तो नहीं अदिति ने उनको पकड़ते होए पूछा था तो श्रवण की हस्ती होई आवाज आयी कुछ नहीं होगा इसे, इतनी जल्दी नहीं मरने वाला यह ,,,,,, श्रवण क्या बकवास कर रहे हो? तुम्हरी हिम्मत कैसे होई? यह सब बोलने की,,'' अदिति ने गुस्स गुस्से से श्रवण को टोकते होये बोला था'' तो श्रवण ने एक जोरदार लात सतीष को मारते होये बोला था इसी लायक है यह आदमी, अदिति के बर्दास्त से बाहर होगया जब उसके सामने ही उसके पापा क साथ ऐसा बर्ताव किया जा रहा था वो गुस्से से उठी और एक जोरदार थपड श्रवण के मुँह पर मारदिया,
श्रवण जो पहले से ही गुस्से में था इस थपड ने उसे और पागल कर दिया, उसने लगातार २ थपड अदिति को मार दिए अदिति को यकीन नहीं होया की यह वही आदमी है जिसे वो इतने सालो से जानती थी, उसकी जुबान बंद होगयी आंखे भर आई, क्यों कररहे हो यह सब श्रवण?? उसने लड़खड़ाती होई जुबान से पूछा था।
नफरत करता हु मैं,तुमसे,,,,तुम्हारे बाप से श्रवण ने जलती होई आँखों से बोला तो अदिति को लगा की किसी ने उसके दिल पर चाकू से वॉर कर दिया हो, बेटा जी जो भी होया उसमे अदिति की कोई गलती नहीं है आपको जो भी नफरत, गुस्सा करना है मुझपे कर लो लेकिन अदिति को तकलीफ मत दो,वो तुमसे बहुत प्यार करती है,तुम भी तो इससे प्यार करतेहो पत्नी है यह तुम्हारी,,,सतीष जो नीचे पड़ा था उसने श्रवण के सामने हाथ जोड़ते होए कहा तो
श्रवण की जोरदार हँसी कमरे में गूंज गयी,
उसने सामने खड़ी अदिति के गर्दन को पकड़ते होये कहा
पत्नी, प्यार, वो भी इस नजायज औलाद से,
इसकी इतनी औकात नही की मेरे दिल, मेरे प्यार के काबिल हो यह, इतना कहते ही उंसने अदिति को जोरदार धका देदिया तो अदिति धाम से टेबल के किनारे से बाजू टकरा गयी ओर नीचे गिर गई, उसको अपनी बाजू पर लगे घाव का उसे इतना दर्द नही होया जितना उसे
श्रवण की बातों से लगा,3 साल में जितनी बार उसके करिब आना प्यार का एहसास दिलवाना सब नाटक था, सबकुछ साजिश थी
सोचसोचके उसके आँखों से आंसू आनेलगे
बेहताशा वो जोरजोर से रोनी लगी,
एकपल के लगाकि अभी इसी बिल्डिंग की खिड़की से कुद के जान दे दवे, अब जीने का क्या फायदा, उसके दिल के टुकड़े टुकड़े हो गए थे,
लेकिन दिमागऔर दिल मे एक ही सवाल थाआख़िर क्यों क्यों इतनाबड़ा धोखा दिया श्रवण ने उसे
क्यों किया तुमने यह सब क्यों मुझसे शादी की क्यों इतना बड़ा नाटक किया?????
अदिति ने आंसू बहाते होये पूछा था तो श्रवण उसके पास आकर बैठ गया और बोला'"तुम्हारे बाप की वजह से"तुम्हारी बाप के कर्मों की सजा किसी को तो भुगतनी थी
ओर इसकी जानतुझमे बस्ती थी तुम दुखी तो यह दुखी
इतना कहते ही उंसने एक जोरदार थपड अदिति के गाल पर मारदिया,
नही,,,,,, सतीष के दिल मे दर्द की लहर दौड़ गयी,
अदिति ने अपने पापा को देखा ओर उठके भागकर जाने लगी की श्रवण ने उसके हाथ को पकड लिया
सतीष का हाथ अपने दिल पर था, उसे हार्ट अटैक आया था।
हाथ छोडो, मेरा,,, श्रवण,,,, पापा को हार्टअटैक आया है, इनको हॉस्पिटल लेजाना पड़ेगा,,,,
अदिति ने रोते हुए कहा तो,
अगर अपने बाप की जिंदगी चाहए तो sign करो
श्रवण ने एक पेपर की तरफ इशारा करते होये कहा
श्रवण प्लीज मुझे जानेदो,,,,अदिति ने तिलमिला कर कहा लेकिन श्रवण ने हाथ नही छोड़ा और फिरसे बोला1
Sign करोऔर इस बूढ़े की ज़िंदगी बचा लो
क्या है इन पेपर में,,, अदिति ने श्रवण को देखते होये कहा
श्रवण के सर्द लहजे में कहा तुम्हारे शेयर जो रायचन्द कंपनी के वो मेरे नाम पर तुम अपनी मर्जी से कर रही हो,
ओर दूसरे पेपर की तरफ हाथ करतेहुए बोला और यह डाइवोर्स पेपर है,
क्या डाइवोर्स पेपर ???
टाइम नही है तुम्हारे पास तुम्हारे बाप की हालत का तुम्हे जराभी अंदाजा है? श्रवण ने उसकी बात को काटते होये कहा तो
अदिति ने जमीन पर बेहोशी हालत में पड़े अपने पापा को देखा ओर मिन्नत भरी नजरों से एकबार श्रवण को देखा
लेकिन आज उसे इस चहरे में अलग ही इंसान नजर आ रहा था,
कोईअंजान आदमी,
आंखों से आँसू साफ करते होये कांपते होये हाथो से अदिति ने जल्दी से दोनो डॉक्यूमेंटपर sign किये और जल्दी से अपने पापा को हॉस्पिटल में एडमिट करवादिया।
कुछ ही घण्टो में उसकी जिंदगी बदल गयी थी।
To be continue
Miss amittal
कहानी कैसी लगीं जरूर बताये, कमेंट, रिव्यू जरूर दे