चलो अतीत को भूल जाओ।" क्यों "अतीत को भूल जाओ? क्यों? उसने तुम्हें खुद ही जेल भेज दिया था ! इसे क्यों भूल जायों अदिति ?" तुम इसे कैसे भूल सकती हो मानव ने चीला कर कहा "
मैं अपने पास्ट में जो भी होया है उसे बदल नही सकती लेकिन अपने फ्यूचर को मैं अपने हिसाब से बदल सकती हूं।
मानव उसकी बात सुनकर चुप कर गया।
देखो
क्या तुम्हें अब भी उससे प्यार है तुम ऐसे कैसे कह सकती हो,
अदिति उसकी बात सुनकर कुछ नही बोली
मानव, "अदिति ने एक गहरी सांस ली। शायद अपनेआँसुओं को बहने की ना निकालने की कोशिश करते होये कहा। "
अब यह पास्ट हो गया है।" मानव मैं अभी भी कुछ कहना चाहती थी
मानव को बहुत बुरा लग रहा था,, वो कुछ कहना चाहता था
लेकिन उसने खुद को संयमित किया और उसके शब्दों को निगल लिया।
"मुझे मदद कर मानव, तुम मेरी मदद कर सकते हो,
मैं गर्भवती हूँ। अदिति ने लम्बी सांस लेकर कहा
मैं चाहती हूं बाहर के लोगों को यह बात पता ना चले कि मैं गर्भवती हूं। अगर उन्हें पता भी चल जाए, तो यह साबित करने में मदद करना कि यह बच्चा किसी और का है।"
अगर कोई पता लगाने की कोशिश करे तो कोई सबूत ना मिले मेरे बच्चे के बारे में,
मानव चुपचाप लाल आंखे किये उसे देख रहा था उंसने बड़ी मुश्किल से कहा
"यह श्रवण का बच्चा है ?"
"हाँ। अदिति ने कहा तो मानव ने झट से कह दिया
"अबॉर्शन क्यों नहीं करवाती ?" उस आदमी की गंदी निशानी को क्यों जन्म देना चाहती है अदिति,
क्यों उसकी,,,,,, मानव आगे बोलता की
मानव मेरा बच्चा कोई गन्दी औलाद नही है, ओर आगे से मेरे बच्चे को कुछ भी कहने की कोशिश की तो मैं भूल जायोगी की तुम मेरे दोस्त हो,
मानव को यकीन नही होया की अदिति इस बच्चे को रखना चाहती थी जिसके बाप ने उसे इस हालात में लाकर खड़ा करदिया लेकिन वो कुछ कर भी नही सकता था,
"मैं नहीं करवा सकती मानव " यह सिर्फ मेरा, बच्चा है
तुम सिर्फ यह बतायो की मेरी मदद करोगे की नही,
तो क्या तुम जेल से निकलने के बाद फिरसे शादी करोगी, इस बच्चे की खातिर,
नही बिल्कुल नही। अदिति ने गुस्से से कहा
"क्यों?" "
अब से, मैं फिर से किसी के प्यार में नहीं पड़ूंगी। मैं पुरुषों से संपर्क करने की हिम्मत नहीं कर सकती अब .
एक धोखे से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिल गया है मानव
मेरे लिए सिर्फ यह अब बच्चा ही सब कुछ है मेरी जिंदगीमें किसी के लिए कोई जगह नही,
मानव उसके दर्द को समझ सकता था, तकलीफ महसूस कर सकता था वो उसके जख्म ओर हरे नही करना चाहता था, इसलिए उसने कुछ नही कहा
ठीक है मैं तुम्हारी मदद करूँगा, इस बच्चे के बारे में किसी को कुछ नही पता चलेगा, जब तब मेरे हाथ मे होगा कोई भी यह नही पता कर सकेगा कि यह मित्तल कॉपीराशन के मालिक श्रवण का बच्चा है,
मानव ने अपने आंसू साफ करते होये कहा तो अदिति के दिल से एक भारी सा कुछ बोझ उतर गया।
अब वो बच्चें की सुरक्षा से निश्चन्त हो चुकी थी।
2 महीने बाद
जन्म देने वाले दिन,
डॉक्टर ने अदिति के लिए सिजेरियन सेक्शन किया।
डॉक्टर ने पहेले ही अदिति को बता दिया कि बच्चा उसके समय से पहेले ही पूरी तरह विकसित हो चुका था अगर लेबर pain के समय बच्चे को निकाला गया तो ख़तरा ज्यादा होने के चान्सेस होंगे, बच्चें ओर मां की जान को ज्यादा हो सकता है इसी लिए डॉक्टर ने c सेक्शन करने का फैसला लिया था
अदिति ने मुँह फेर लिया और सोचने लगी : "हाय, यह आर्थिक अपराध है। क्योंकि उसे लग रहा था डॉक्टर न सिर्फ पैसा कमाने की वजह से यह फैसला लिया था,
असल मे वे सभी बहुत चतुर लोग हैं। उनके पास सिर्फ बुरे विचार सुनाकर पैसा ऐंठने में लगे रहते हैं।
डॉक्टर की एक बात सुनकर अदिति को सच मे फिक्र होने लगी, डॉक्टर नर्स से कह रहा था,
बहुत बुरी बात है इतनी यंग age में इस पेशेंट की सिर्फ ही किडनी है, पता नहीं आगे कैसे यह सब कुछ सहेगी
केवल एक किडनी थी उसके पास ।
अदिति ने डॉक्टर की बातचीत को बेहोशी की हालत में सुन रही थी।
अदालत में,
उसने शिकायत की थी श्रवण से ,
"मैं तुम्हें अपना जीवन देना चाहती हूं। क्या यह काफी नहीं है?" श्रवण ,
तुम मेरे साथ इतने क्रूर कैसे हो सकते हैं?
लेकिन
अब सब कुछ बराबर हो गया था, उंसने खुद ही अदालत में कहा था, एक आसूं का तुपका उसकी आंख से निकल कर सिरहाने में समा गया,
अदिति रिलीज हो चुकी थी ।
जेल की ऊँची दीवार के बाहर का सूरज बहुत चकाचौंध था, लेकिन उसे ऊपर देखना पड़ा और सूरज ने उसके दिल को जला दिया।
अदिति ने फिरसे ने अपना पिछला वर्किंग सूट पहन लिया था आखिरी बार जो उंसने यहाँ आने से पहेले पहना होया था
उंसने ऑटो किया और मित्तल कॉरपोरेशन की तरफ निकल गयी।
कुछ देर बाद वो उसी बिल्डिंग के सामने खड़ी थी
वो अंदर गयी सबकुछ बिल्कुल वैसा का वैसा था,
बस काम करने वाले लोग बदल चुके थे,उसे किसी ने नहीं पहचाना वो सीधा रिसेप्शन पर गयी
रिसेप्शनिस्ट को बदल दिया गया था।
"मिस कृपया अपनी डिटेल्स रजिस्टर करें।"
अदिति उसको देखकर मुस्कुराई। "
मैं आपके ceo की पूर्व पत्नी हु ।