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Ttr (the tycoon revenge)15

4 दिसम्बर 2021

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ऐसा पता नही क्या होया की श्रवण जो दुखी परेशान
गिल्ट से रह रहा था, वो
अगले दो हफ्तों में,
, जो कभी श्रेष्ठ और शक्तिशाली हुआ करते थे, फिर से वापस अपनी फॉर्म में आ गया।
  उसने एक के बाद एक सफलता हासिल करने के लिए कंपनी का नेतृत्व किया।
क्रिरसेस से  बच कर शेयर की कीमतों में बढ़ोतरी को देखकर सभी खुश थे, सब  सही रास्ते पर वापस आ रहा था। 

हालाँकि, वह पहले से अधिक उदासीन लग रहा था, एक बर्फ के ग्लेशियर की तरह जिसे पिघलाया नहीं जा सकता था।  उसके पूरे शरीर से एक बर्फीली आभा निकल रही थी मानो कह रही हो "मुझसे संपर्क करने की हिम्मत मत करो"।  दूर रहो मुझसे
वह अब शायद ही कभी मुस्कुराया करता था ।  "

एकदिन उंसने असिस्टेंट को कहा जायो जाकर सतीष के घर की अच्छी तरह से सफ़ाई करवा दो हर महीने टाइम तू टाइम याद से ओर कुछ सजावट करने के लिए किसी को असाइन कर देना ।"   जब सहायक ने इन शब्दों को सुना, तो वह चौंक गया और अविश्वास में पूछा, "मिस्टर मित्तल , आपने किसकी किसके घर  को साफ करने के लिए कहा था?"  श्रवण  ने उसे देखने के लिए कीबोर्ड टाइप करना बंद कर दिया।  उसके पतले होंठ हिल गए।  "मैने कहा अदिति  के पिता के घर को  ।" सहायक मौके पर ही जम गया था। उसने सोचा: "क्या मित्तल सर  पागल है?
  वह हमेशा  ही उस व्यक्ति से नफरत करतेरहे  है जिसने अपनी मां बाप को मार डाला।  अब वह दुश्मन के घर  के के लिए भी भुगतान करना चाहता है?!" क्या वह वास्तव में उस अदिति के पागल तो नही होगया था?! "इसके अलावा, ऐसे करो।

इन दिनों मेरे लिए कुछ करो।" सहायक ने जल्दी से अपना सिर हिलाया और अपना दिमाग से सब बाँते वापस खींच ली । "सर  कृपया मुझे बताएं कि क्या करना है।" और, फिर श्रवण ने एक बार फिर उसे चौंका दिया: "

जाकर अदित्ती के दोस्तों से मिलना चाहता हूं जो उसके साथ जेल में थे और  मैं उन्हें देखना चाहता हूँ।"

"क्या?  आप सच में मिलना चाहते   हैं?  श्रवण  ने अपने सामने खड़े अस्सिस्टेंट को देखा और सिर हिलाया।
जायो जैसा कहा है करो बेचारा चुपचाप चला गया।


2 दिन बाद ही एक औरत उसके सामने खड़ी थी यह वही महिला थी जिसने जेल में अदिति के साथ अच्छा टाइम बिताया था, जो हर समय उसके साथ रहती थी, वो अलग बात थी कि दोनों ने एक दूसरे की जिदंगी के बारे में ज्यादा दखल नहीं दिया लेकिन अच्छा रिश्ता था दोनो का।

क्या सच मे तुम अदित्ती के पति हो
उसने उसे सतर्कता से देखा और भौंहें उचका कर फिर से पूछा। "तुम उसके पति हो।"बाप रे बाप
उसकी बात सुनकर श्रवण एक सेकंड के लिए झिझका।  उसे लगा कि गले में किसी चीज से फंस गई है जिससे वह एक शब्द भी नहीं कह सका।  औरत ने अपनी आँखें खोली और हैरानी से कहा,  तुम वह आदमी हो जो अदिति  को छोड़ कर चला गया, है ना?

"  "अरे! बाह! तुम में से कोई भी आदमी अच्छा नहीं है। अरे, तुम्हें अपनी बेटी की भी परवाह नहीं है। तुम एक आदमी हो या नहीं?"  "शुरुआत में उसे दो साल की जेल में धमकाया गया था। उस तरह की जगह में, नवागंतुक हमेशा शौचालय को ब्रश करने और धोने के लिए जिम्मेदार थे। उसे कितना  गंदा काम करना पड़ता था।
"  "उसकी सुंदरता ,ईर्ष्या की वजह से एक औरत ने  बार-बार तंग किया उसे ।
एक बार उसने अदित्ती  को लगभग विकृत कर दिया!"  यह सुनकर श्रवण अचानक कांपने लगा।  महिला ने अपनी छाती थपथपाई और जेल में कठिन समय के बारे में सोच कर उसने आह भरी,
"सौभाग्य से, अदिति  विरोध करना जानती थी, इसलिए  उसने सब को अच्छे से सबक भी सिखाया,
लेकिन तुम एक न ना मर्द हो जो एक बार भी अपनी पत्नी को मिलने नही आये, उसके बारे में जानने की कोशिश भी नहीं कि तुम जैसे मर्द की वजह से औरतों का विश्वास हमेषा टूटता है, तुम अच्छे पति तो नही लेकिन अच्छे बाप तो बन सकते थे अरे तुम उस छोटी सी बच्ची को भी नही देखने आए जिसे भयानक बीमारी थी वो ल्युकेमिया जैसी
उसकी बात सुनकर श्रवण ओर एक ओर बोंब फूटा
"अदितिऔर मानव के बच्चे को ल्यूकेमिया है?"  श्रवण ने खुद को शांत करने की पूरी कोशिश की।

वैंकूवर में आधे महीने के दौरान, मानव हर दिन बच्चे के साथ जाते था ।  लेकिन उसने कभी उसे अपने बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल लाते नहीं देखा था! 


उसके हृदय की गहराइयों से एक अकथनीय दहशत उठी।
श्रवण  को नहीं पता था कि ऐसा अजीब सा एहसास क्यों था, लेकिन ऐसा लग रहा था कि एक दृढ़ आवाज़ उसे बता रही थी कि यह अभी खत्म नहीं हुआ है!  जैसे ही उसे यह विचार आया उसने एक गहरी सांस ली और जल्दी से अपने सहायक का नंबर डायल किया।  "वैंकूवर के लिए तत्काल टिकट बुक करो । अभी!"  ...

वैंकूवर, एक हफ्ते बाद। मानव  ऑस्ट्रेलिया से लौटने के बाद से अपने काम में व्यस्त था।  श्रवण के जासूस से छुटकारा पाने के बाद, वह खुश था ।  एक दिन, उसने घर आने के बाद अपनी कार पार्क की।  जैसे ही वह गैरेज से बाहर आया, वह अचानक उसकी ओर आ रहे एक व्यक्ति से टकरा गया।


श्रवण को देखकर मानव चौंक गया और पूछा, "तुम यहाँ क्यों हो मेरा मतलब यहाँ क्या कर रहे हो?" 
श्रवण का चेहरा काले बादलों की तरह काला था, बेहद सम्मोहक।  उसकी आवाज बहुत धीमी थी: "तुम आज अपनी अनमोल बेटी को देखने क्यों नहीं गए?" 

" वो मैं दोपहर में जाऊँगा। क्या बात है?"  मानव ने शांत रहने का नाटक किया और उसके पास से जाने लगा।  श्रवण  की तनी हुई नसें टूटी हुई महसूस हुईं, और उसके माथे और उसके हाथ की नीली नसें एक पल में उसकी त्वचा के नीचे से निकल गईं! उस वक़्त वो बेहद डरावना लग रहा था
"मानव, तुम्हारी  बेटी जिसे ल्यूकेमिया है वह हर दिन घर पर रहती है। मैं  पूछना चाहता हूं, तुमने उसके साथ ऐसा क्यों कर रहे हो घर पर तो कोई इलाज नही होता ?"  उसके शब्दों में बहुत सारी जटिल और छिपी हुई भावनाएँ थीं, ।  उसने धीरे-धीरे अपनी भौहें सिकोड़ी,  जो ओर भी उसके शरीर को गंभीर दिखा रही थी।

जाहिर है, श्रवण  को कुछ मिल गया था। मानव ने दिमाग में सोचा

"क्यों, तुम जवाब नहीं दे सकते क्या मेरे सवाल का? श्रवण ने अपनी गर्दन नीचे करके उसके चेहरे को देखा
ओर फिर मुड़कर उसकी ओर शक की दृष्टि से देखा।  "क्या तुम्हारे घर में अस्पताल है? या आपकी बेटी ठीक हो गई है?"
  उसके कर्मचारियों ने एक सप्ताह तक मानव का पीछा  किया था। 
पूरे एक हफ्ते से, यह आदमी कभी विला नहीं गया था!  एकमात्र संभावित स्पष्टीकरण था ... यह उसका बच्चा बिल्कुल नहीं था!  और जो कुछ पहले हुआ वह सिर्फ उसे मूर्ख बनाने के लिए किया गया  था! 
मानव के चेहरे पर अधीरता दिखाई दी। उसने मुँह फेर लिया और पूछा, "मैंने मिस्टर मित्तल को मेरी बच्ची की इतनी क्यों  फिक्र  है? मुझे कभी नहीं पता था कि मैं तुम्हारे लिए इतना महत्वपूर्ण हूँ कि तुम हर समय मुझ पर नज़र रखते हो जैसे कि मैं चोर हूँ।"कुछ पल उंसने शव को देखा   "कोई प्रतिक्रिया नहीं? तो आप मानते हैं?"  "
मुझे अभी भी कुछ काम करना है, श्रवण । जब फ्री होयोगा तब मैं बुला लूंगा तुम्हें,,अरे बुलाने की क्या जरूरत है तुम्हारे कुत्ते तुम्हे बता ही देंगे इतने कहते ही  वो जाने लगा ।तब तक  श्रवन का धैर्य पूरी तरह से समाप्त हो चुका था, और उसकी आँखें अचानक एक जानलेवा नज़र से अंगारे फूट पड़े।  उस ने अचानक मानव का कॉलर हिंसक रूप से पकड़ लिया।  इससे पहले कि वह प्रतिक्रिया कर पाता, श्रवण  ने उसके चेहरे पर मुक्का मार दिया!  इसने उसकी सारी ताकत लगभग समाप्त कर दी, और मानव का सिर तुरंत एक तरफ हो गया!  "बैंग-" वह जमीन पर गिर पड़ा!  हालांकि, श्रवण इतने में  संतुष्ट नहीं होया।  वह नीचे झुका और उसे ऊपर खींच लिया।  श्रवण  ने पूरी कोशिश की ||  उसकी ताकत और फिर से मुक्का मारा!  मानव खून थूक रहा था!  "बेहतर होगा कि तुम यह स्पष्ट कर दो  कि जिस बच्चे को तुमने डेढ़ साल पहले जेल में उठाया था, वह कहाँ है, नहीं तो मैं आज तुम्हें पीट-पीट कर मार डालूँगा!"  मानव को लग रहा था कि उसका शरीर  दर्द  से टूट रहा है।  वह खुली आँखों से दर्द से जमीन पर झुक गया।  कुछ मिनटों के बाद, मानव ने आखिरकार कुछ ताकत हासिल कर ली।  उसने जमीन से उठने के लिए संघर्ष किया और अपने मुंह से खून पोंछा।  उसने अपने दाँत पीस लिए और कहा, "हाँ तुम सही हो!  मैंने डेढ़ साल तक तुम्हारे ओर अदिति के  बच्चे की देखभाल की है।  अदिति के जेल से छूटने के बाद, मै उंसने उसे बच्चे को हॉस्पिटल से लेकर चली गयी ।
"हालांकि,  मैं यह ensure करूँगा की तूम सियांना को कभी नहीं देख पायो ! क्या तूम नहीं समझते? अदिति तुमसे ही तुम्हारी बच्ची के लिए तड़पा रही है! वह तुमसे छुपा रही है! हाहाहा! जब तक वह छिपाना चाहती है, आप कभी भी उसे नहीं ढूंढ सकते हैं जैसे कि कैसे  वह चुपचाप तुम्हारी नाक के नीचे से निकल सकती है!"  उस समय श्रवण को लगा कि उनके दिल पर कोई धारदार चीज दब रही है।  क्रोध, शीतलता और खेद की भावना अचानक उसके सीने के सबसे गहरे हिस्से से निकल गई और तुरंत उसके शरीर पर हर जगह फैल गई!  "सियाना.." श्रवण अनुपस्थित-मन से बड़बड़ाया।  यह देखकर मानव  ने उसे  मुक्का मारा और पल भर में उसका शरीर बगल की तरफ गिर गया!  "श्रवण, तुम कितने मूर्ख हो! तुमने एक महिला के प्यार को मूर्ख बनाया और उसे जेल भेज दिया! चूंकि तुम्हे बदला चाहिए था इतने कठोर दिल हो तुम ,,, तो अब क्यों परवाह  करते हैं कि उस बच्चे की,,,,, क्या संबंध है तुम्हारा अब हाँ बोलो ,,,,
और तुम!" "क्या तुम  इस तरह की चीजों से निपटने में अच्छे नहीं हो ?!  तुमने अब अदिति  को खो दिया हैं, तो उसे दोबारा पाने के बारे में कभी न सोचना!"  तुमको सच बताऊं तो, मुझे नहीं पता कि वे कहां हैं!  श्रवण मित्तल, हार मान लो!" ...
मानव की बातों ने श्रवण के शरीर दिल दिमाग के सारे हिस्सों को गुस्से से भर दिया ।
मानव भी उस वक्त गुस्से मव था दोनो हाथापाई पर आ गए
दोनों आदमी समान रूप से मेल खात थे, आधे घंटे की जोरदार लड़ाई के बाद दोनों बुरी तरह से जख्मी हालत में जमीन और पड़े थे

  जब सहायक ने कार्यालय में अपने मालिक का चेहरा देखा, तो वह फिर से चौंक गया! , सर आपको क्या होया?" श्रवण ने  जवाब देने की जगह दराज खोली और एक दस्तावेज बाहर फेंक दिया। उसने शब्द दर शब्द कहा, "अनुमानित जन्म तिथि के अनुसार, ल्यूकेमिया से पीड़ित सभी लड़कियों का पता लगाने के लिए जाएं, जिसका नाम सियांना है,  ASAP!" सहायक ने उसे ध्यान से खोला और पढ़ा। वह इतना चौंक गया कि उसकी आँखें खुली हुई थीं, और फिर वह तुरंत काम पर चला गया। श्रवण कुर्सी पर बैठ गया और अपनी आँखें बंद कर ली। उसने अपनी भौंहों को झुंझलाहट से और अपने दिमाग को धीरे-धीरे दबाया  । सियांना .. अदिति  ने जिस बच्चे को  जेल में जन्म दिया था,वह उसका था ...उसकी बच्ची  सोच सोच कर श्रवण  ठंडे पसीने से तर हो गया। उसने अपनी आँखें खोलीं  और अपनी मुट्ठी बंद कर ली। उसके दिल में गुस्सा धीरे-धीरे मजबूत होता गया। "अदिति रायचन्द।  तुमने  ओर मुझसे कितनी बातें छिपाई हैं?" ...
एक महीने बाद
उसे याद नहीं कि कितनी बार उसकी अक्षमता के लिए उसे डांटा गया था।  सहायक ने आवाज़ निकालने की हिम्मत न करते हुए अपना सिर कार्यालय में नीचे कर लिया।  जब वह आदमी जो पतन के कगार पर था, उसने आखिरकार अपना गुस्सा निकाल लिया, तो उसने कहा, सर , हमने वास्तव में इस महीने सभी तरीकों की कोशिश की है। मिस रायचन्द  के बच्चे की जानकारी को मानव  द्वारा पूरी तरह से हटा दिया गया है। हमारी जानकारी के अनुसार, हमने सियांना नाम की सभी ल्यूकेमिया लड़कियों की खोज की है, और वे बिल्कुल भी योग्य नहीं हैं जो अदिति मेम से कुछ कनेक्शन हो ।"  "सर हमे लगता है सियांना शायद गलत नाम होगा,।  ओर इतनी कम जानकारी के साथ पूरे देश में एक बच्चा खोजना हमारे लिए कठिन है।"  यह समुद्र में सुई की तलाश करने जैसा था! 

श्रवण एक महीने से इंतजार कर रहा था, और वह पहले ही अपना धैर्य खो चुका था!  उसने मुँह फेर लिया और अपनी धीमी और कर्कश आवाज में कहा।  "दायरे का विस्तार करो ।"  "सर, आपका क्या मतलब है?"

सिर्फ इंडिया ही नही , विदेश में ल्यूकेमिया वाले बच्चों की जांच के लिए तुरंत एक अलग टीम बना कर खोज शुरू करो, अगली बार, मुझे खुशखबरी सुननी चाहिए!"  उसे विश्वास नहीं था कि महिला सचमुच गायब हो सकती है!  अगर उसका बस चलता तो वो मानव को गोली मार देता,

To be continue
Miss a mittal
 

Anita Singh

Anita Singh

अच्छा भाग

28 दिसम्बर 2021

27 दिसम्बर 2021

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रचनाएँ
The tycoon revenge
5.0
एक लड़की जिसको है किसी से बहुत प्यार पर वही शख्स उसको करता है अपने बदले के लिए इस्तेमाल ओर भेज देता है लड़की को जेल जानने के लिए पढे क्या करेगी अब वो लड़की
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16 अक्टूबर 2021
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the tycoon revenge 2

17 अक्टूबर 2021
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<p>the tycoon revenge 2 <br> <br> <br> <br> <br> कारवाई शुरू की जाये जज के आर्डर देते ही।

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अदिति को सजा सुनाई जाती है

19 अक्टूबर 2021
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<div align="left"><p dir="ltr">वो हॉस्पिटल में थी सामने icu में उसके पापा मौत ओर जिंदगी के बीच

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21 अक्टूबर 2021
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अतीत को भूल जाओ

27 अक्टूबर 2021
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<p>श्रवण कहने को अपनी आम जिंदगी में आ गयाथा लेकिन उसका किसी भी काम मे मन नही लग रहाथा,<br> खीज, गुस्

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मैं आपके ceo की पूर्व पत्नी हु ।

22 नवम्बर 2021
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<p> चलो अतीत को भूल जाओ।" क्यों "अतीत को भूल जाओ? क्यों? उसने तुम्हें खुद ही

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दी टाइकून रिवेंज 7

22 नवम्बर 2021
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<p>दी टाइकून रिवेंज 6<br> <br> जरूर कहे कि कहानी कैसी लग रही है कॉमेंट, रिव्यु, रेटिंग जरूर द

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4 दिसम्बर 2021
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<p>अदिति ने शर्ट के लगभग आधे बटन खोल लिए थे। वो बड़े मनमोहन तरिके से श्रवण की गोद मे बेठ गई। श्रवण&nb

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Ttr

4 दिसम्बर 2021
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<p>चलिये शुरू करते हैं कहानी<br> <br> जैसे ही अदिति गयी , श्रवण ने गुस्से से अपने ऑफिस का समान

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Ttr

4 दिसम्बर 2021
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<p>चलिये शुरू करते हैं कहानी<br> <br> वो आसमान में देखने लगा<br> उसका दिल ओर हाथ कांप रह थे कई

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4 दिसम्बर 2021
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<p>जब श्रवण उठा, तो उसने दूसरी तरफ देखा तो वो हिस्सा खाली था , । वह अचानक से उठ बै

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Ttr12

4 दिसम्बर 2021
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4 दिसम्बर 2021
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<p>तो क्या विचार है इस कहानी को लेकर आपसभी के<br> 1 बेकार<br> 2 ठीक<br> 3 अच्छी<br> 4 उम्दा<br> 5 सर

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Ttr (the tycoon revenge)14

4 दिसम्बर 2021
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4 दिसम्बर 2021
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6 दिसम्बर 2021
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6 दिसम्बर 2021
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Ttr18

6 दिसम्बर 2021
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6 दिसम्बर 2021
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<p>अचानक, पिछली रात के दृश्य के अंश श्रवण की आँखों के सामने आ गए । उस ने अपनी आँखें सिकोड़ लीं

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Ttr20 आखरी भाग

6 दिसम्बर 2021
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