वो हॉस्पिटल में थी सामने icu में उसके पापा मौत ओर जिंदगी के बीच में लड़ रहे थे, वो बाहर बेंच पर बैठी थी, आंसू बहते बहते सुख गए थे,अदिति भगवान से प्राथना कर रही थी कि उसके पापा ठीक हो जाये, यह दूसरा हार्टअटैक आया था।
डॉक्टर ने पहले भी बताया की उसके पापा का हार्ट कमजोर है। हर टेंशन से उन्हें दूर रहने को कहा था, लेकिन आज जो भी होया था उसके लिए वो किसको दोष दे, श्रवण को, खुद को
श्रवण ने उसके साथ इतना ही बड़ा धोखा दिया या उससे ही गलती हो गयी उसे पहचानने में
उसे खुदपर गुस्सा आ रहा था उंसने अपनी जिंदगी के इतने साल उस आदमी के आगे पीछे घूमकर बर्बाद कर दिए जिसने उसे एक ही झटकेमें उसे आसमान उठा कर जमीन पर पटक दिया ,
दोनो एक ही कॉलेज में पढ़ते थे, उसके पापा की कंपनी की हालत दिन प्रति दिन खराब हो रही थी तभी अचानक उसे एक दिन श्रवण ने खुद ही सामने से आकर कहा था कि वो उसके पापा की कंपनी में पैसे इन्वेस्ट करना चाहता है,
मित्तल कोऑपरेशन उस समय बहुत उच्चई पर थी, उसके दादा में अपनी मेहनत से अपनी कंपनी खड़ी की थी, उसे अचानक से उसकी यूं मदद करना अदिति को समझ नही आया था
श्रवण ऐसा लड़का था जो एक सबसे दूर रहता ना ज्यादा बात करता ना ज्यादा किसी के साथ घुलतामिलता उसे अकेले रहना ही पसन्द था, लेकिन उसकी पर्सनाल्टी, ऐसी थी कि जो भी लड़की उसे एकबार देखती उसे पाने के बारे में जरूर सोचती,
आनेवाले समय मे वो ही मित्तल कोऑपरेशन का मालिक था, उसके पापा ममी नही थे सिर्फ दादा ओर दादी थे, अच्छी कदकाठी, सुडौल शरीर, छोटे छोटे से सिर के बाल, हमेशा से डिज़ाइनर कपड़े पहने होये देखा था अदिति ने उसे, कभी भी झगड़ा मारपीट, किसी से ऊँची आवाज में बात तक नही की थी उसने
लेकिन जब उसने पूछा था कि वो क्यों उसकी मदद करना चाहता है तो
उंसने उसका हाथ पकड़ा था और कोने में लेजा कर उसे दीवार के सहारे खड़ा करके बोला था
मैं जबसे इस कॉलेज में आया हूँ , बहुत सी लड़कियों ने मुझसे रिश्ता बनाने की कोशिश की लेकिन मुझे कुछ स्पेशल फील नही होया, लेकिन जब मैने तुम्हे पहेली बार देखा था तो कुछ कनेक्शन महसूस होया था शायद मैं तुम्हें पसन्द करने लगा हूँ,
मैं तुम्हें हमेशा खुश देखना चाहता हूं, जब भी तुम हस्ती हो, तुम्हारे यह जो गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंठ है ना मुझे बहुत अकिर्षित करते है तुम्हारी तरफ, तुम्हारी झील जैसे बादाम की गिरी के जैसी आंखे, जब भी कभी मुझे देखती हैं सच कहता हूं मैं इनमें अपना ही अक्स देखना चाहता हूं, इन गोरे गोरे गालों पर जब भी लाली आये तो सिर्फ मेरी वजह से मैं शायद तुमसे प्यार करने लगा हूँ,
उंसने चहेरे को पकड़ कर कहा था तो अदिति की दिलकी धड़कनें बुलेट ट्रेन जैसी तेज हो गईथी, उसकी आंखें भर आयी थी।
वो भी उससे बहुत पसंद करती थी लेकिन कभी कह नही स्की ना सुनने का डर जो था, उसकी आँखों से आंसू आने लगे थे तभी श्रवण की नजर उसके आसूं परगयी थी थी तो जल्दी से उससे दूर होगया था ओर फिक्र ओर गिल्ट के मारे बोला था I am so sorry अगर मैने तुम्हे तकलीफ ,दर्द, या ठेस पहुँचायी हो वो मैने पता नही कैसे तुमसे यह सब कहदिया, उसकी आंखें भी नम हो गयीथी बोलत्ते बोलते,
देखो तुम रो मत मैं माफी मांगताहूं मैं तुम्हे आगे से परेशान नही करूँगा,उंसने जैसे ही श्रवण जाने को होया था की अदिति ने हिम्मत करके उसका हाथ पकड़ लिया था, श्रवण एकटक उसे देखरहाथा, जैसे यकीन ना हो रहा हो,
अदिति ने उसे अपनी तरफ करके उसे गले से लगा लिया था, उसकी दिल की धड़कनें किसी ढोल की तरह उसके कानों में बज रही थी,
श्रवण में भी उसे बाहों में जकड़लियाथा, कितना हसीन पल था वो , अदिति उसके सेंट की खुशबो मे खो सी गयीथी,कितने समय के बाद उसे अपनापन महसूस होया
था,
अदिति जी,,,, किसी की आवाज से अदिति अपने पास्ट से वापस आयी सामने एक नर्स खड़ी थी।
अदिति हड़बड़ा कर उठी और बोली, जी कहिए
जी, आपके बिल की पेमंट बाकी है, तो आप ऑपरेशन की फीस की पेमंट कर।दीजिए,
जी जरूर इतना कहते ही वो कॉउंटेर की तरफ गयी और पेमंट करने के लिए अपना कार्ड दे दिया और स्लिप का इंतजार करनी लगी,
तभी काउंटर वाले आदमी ने कार्ड वापस करते होये जो कहा उसे सुनकर अदिति के होश ही उड़गए
कार्ड काम नही कररहा, मैंम
उसने दूसरा कार्ड दिया फिर वहीसुनने को मिला
सॉरी मैम यह भी काम नही कर रहा
अदिति ने फोन करके पता किया तो पता चला
उसके सभी कार्ड को ब्लॉक कर दिया गया था यहाँ तक कि उसके अककॉउंट के सभी पैसे जो उसकी मेहनत के थे, सभी अब श्रवण के कब्जे में थे उसके sign के बिना वो एक पैसा भी नही निकाल सकतीथी,
क्योंकि उसका ओर श्रवण का जॉइट अकॉउंट था
डाइवोर्स के sign करने के बाद श्रवण ने सारे अककॉउंट अपने अंडर कर लिए थे
अदिति को गुस्सा आने लगा, वो उसी वक़्त श्रवण को फोन करने लगी लेकिन वो उसका फोन उठा ही नही रहा था,
उंसने जल्दी से गाड़ी स्टार्ट की ओर श्रवण से मिलने के लिए निकल गयी
वो।आफिस गयी तो उसेपता चला कि वो घर चला गया है, कुछ ही देर में वो उसके घर के दरवाजे के पास थी
समय भी कितना बलवान है जिस घर मे वो बेधड़क आ जा सकती थी आज उसे उसी।घर की बेल बजानी पड़ रही थी,
क्योंकि श्रवण ने उसके फिंगरप्रिंट लॉक से हटा दिए थे अभी कुछ ही घण्टो में श्रवन ने उसके हर एक चीज को अपनी जीवन से ऐसा तबाह करदिया था जैसे वो उसके साथ भोज में जी रहा था,
कुछ देर बाद दरवाजा खोला तो सामने श्रवण था,
वो घरके कपड़ों में था, नीलेरंग v टाइप की टीशर्ट, नीले रंग की लोअर पहने होये, बाल बिखरे होये, आंखों में उदासी,
अगर कुछ घण्टो पहेले उसे इसहालतमें देखा होता तो शायद गले लगा कर वो पूछलेती क्या होया, ये क्या हालत बनाई होयी है
लेकिन अब उसके पास यह अधिकार नही रहा था
वो कुछ बोल पाती की
क्या लेने आयी हो अब? श्रवण की नफरत भरी आवाज से अदिति होशमेंआई
अदिति ने नर्वस होकर अपने उपरल होंठ को हल्के से काट कर लिया और बोली
तुमने मेरे अकॉउंट ,,,,,, वो बातपूरी कर पाती की
ओ तो तूम इसलिए आयी हो इतना कहते ही श्रवण अंदर आ गया
अदिति भी उसके पीछे पीछे आगई,
शायद तुम्ने पेपर sign करते वक़्त अच्छेसे पढ़े नही इतना कहते ही श्रवण ने टेबलपर पढे होये पेपर उठाये ओर उसके हाथ मे देकर आराम से सोफ़ेपर बैठगया,
अदिति ने पेपर पढे तो उसे तेज गुस्सा आया उंसने लगभग चीखते होये कहा ओर एकदम श्रवण के सामने जाकर खड़ी हो गई
तुमने मेरे साथ धोखा किया है तुमने सिर्फ शेयर की बात की थी मेरे एकाउंट के सभी पैसे, मेरी प्रोपट्री की नही
ओहहो अदिति, तुम पढ़ी लिखी हो तुम्हें सइन करने से पहेले,एक बार पढ़ लेने चाहिए थे, श्रवण के चेहरे पर मुस्कान थी
अदिति अच्छे से समझ गयी कि उस वक़्त जानबूझकर श्रवन ने उसे sign करने को कहा था
क्योंकि उस वक़्त हालात ऐसे थे कि उसे सिर्फ अपने पापा को बचाना सबसे जरूरी था,
तुम्हारी हिम्मत कैसे होयी यह सब करने की, अदिति ने ऊँची आवाज में कहा तो श्रवण अपनी जगह से उठा और अदिति की आंखों में देखकर बोला
भूलो मत यह मेरा घर है, मेरे साथ तमीज से बात करो अदिति रायचन्द,
अदिति को लगा किसी ने उसे चाकू मार दिया हो ओर टूटने की आवाज सिर्फ उंसने ही सुनी थी।
अदिति रायचन्द, उसके श्रवण ने पहली बार उसे इस नाम से बुलाया था आगे वो उसे क्यूटी ही कहता था,
उसकी आँखोंसे आँसू आने लगे लेकिन अब वो ओर कमजोर नही रहना चाहती थी उसने झटसे अपने आसूं साफ किये और बोली
MR, mittal मैं जानती हूं अपने जानभुझकर यह सबकिया है,
सही समझा तुमने सब।मैने जानबूझकर कियाहै, अब तुम जा सकती हो वो क्या है ना आज मैं चैन की नींद लेना चाहता हूं,
अदिति का उस घरमे।दम घुटने लगा उसे लगा उसका दिल कभी भी फट सकताहै, जिसे वो घर समझती थी, अब वो घर नही उसे जेल लगने लगा, वो उल्टे पैर ही वापस आ गई, बाहर आते ही किसी झील की आँसू उसकी आँखों से बहने लगे,
शायद रोने से दिल हल्का हो जाए इसी आस में वो जी भरके रो रही थी लेकिन दिल हल्का होने का नाम ही हो रहा था।
जितना रोती उतना दिल और रोने को कहता, वो आसमान की तरफ देखने लगी तभी हॉस्पिटल से फोन आया तो उसने फोन उठाया तो उसे पता चला कि उसके पापा की हालत ठीक है लेकिन पेमंट की बात सुनते ही अदिति अपनी जगह से उठी और लीना को फोन करने लगी
लीना ने फोन उठाया और उसने लीना को पैसे के लिए बात की तो लीना ने गुस्से ओर हँसकर उधर से कहा
देखो अदिति , वो भले ही मेरे पापा हो लेकिन उनकी सबसे चाहिती तुम हो, उन्होंने सिर्फ तुमसे प्यारकिया है, मैं किसी ऐसे आदमी के लिए अपने पैसे नही दे सकती जो मुझे 1 percnt भी प्यार ना करे, कदर ना करे उन्होंने पहेले ही कंपनी के ज्यादा शेयर तुम्हारे नाम करदिय थे तब तो तुमने एक बार नही कहा कि पापा रहने दो लीना भी आपकी बड़ी बेटी है और अब तुम मुझसे बड़ी बेटी होनेके कारण मुझसे पैसे मांग रही हो शर्म आनीचाहिए तुम्हे,
गेटलॉस्ट
इसलिए मुझसे किसी भी तरह की कोई उम्मीद ना रखना और आगे से फोन करके परेशान मत क़रना
लीना ने गुस्से से फोन काटदिया,
फिरसे अदिति की आंखे भर गई लेकिन वो कर भी क्या सकतीथी
वो उदास मन से हॉस्पिटल गयी जहां उसके पापा को vip वार्ड में शिफ्ट करदिया गया था,
वो उनके पास स्टोल पर बैठ गयी, उसके पापा अभी बेहोश थे शायद दवाई का असर था,उसकी आँखों से आँसू आनेलगे,
उसने अपने पापा का हाथ पकड़लिया और सहलाते होये बोली,आप फिक्र मत करना पापा आप जल्द ही ठीक हो जायेगे,
ओर हम साथ मे रहेंगे
उंसने कुछ समय अपने पापा के साथ बिताया ओर फिरसे पैसो के इंतेज़ाम के लिए निकल गयी
लेकिन बहुत कोशिश करनेके बाद एक आदमी ने उसकी गाड़ी के बदले में उसे पैसे दिए,
उसने वो बिल क्लियर किये और अपने पापा के कमरे में लेट गयी, एक दिन गुजर गया वो अभीभी हॉस्पिटल में ही थी कि वहाँ पुलिस आ गयी उन्होंने उसे गिरफ्तार करलिया
इल्जाम था सीक्रेट लीक करने का सारे सबूत उसके खिलाफ थे, केसबहुत स्टोरँग था, उसको इकबार भी अपने पापा से मिलने तक का मौका नही दिया गया,
मानव उस वक़्त विदेश था लेकिन जब उसको अदिति के बारे पता चला तो उसने ही अदिति के लिए वकील hire किया,
लेकिन कुछ कारण की वजह से वो आ नही सका,
तो अदिति रायचन्द कैसा लगा मेरा वॉर,,,,श्रवण की आवाजसे अदिति उसी कोर्टरूम में वापस आयी
सामने खड़ा आदमी बेशर्मी से उसे देखकर हँस रहा था,
अदिति ने उसे इग्नोर किया, ओर जाने लगी कि तभी
श्रवण ने उसे आवाज देकर कहा
चलो अच्छा है तुम्हारे जेल जाने से पहेले तुम्हारे बाप की आत्मा को शांति मिल गयी, वरना कहाँ वो इस उम्र में कोर्ट के ध्धक्के खाता
उसकी बात सुनकर अदिति के पैर जमसे गये, वो शोक हो गयी
वो भागकर वापस आयी और श्रवण का कॉलर पकड़कर बोली
क्या बोला तुमने फिरसे बोलना"
यही की तुम्हारा बाप यानी मेरा एक्स सुसर मरगया, आखिर जब किसीबाप को पता चलता है कि उसकी बेटी ने कोई गलत काम किये हैं तो भला वो कैसे जी सकताहै,
वैसे भी उस बुड्ढे का दिल इतना भी मजबूत नही था कि अपनी ही बेटी को सजा होतेहुए देख सके
इसलिए हार्टअटैक आया और कमबख्त मर गया,
उसकी बात सुनके अदिति धाम से नीचे गिरगई,
श्रवण उसे रोते बिलखते होये देखना चाहता था, लेकिन वो किसी मूर्ति की तरह नीचे जम सी गयी,
आखो में पानी की एक बूंद भी नही आई,
कुछ मिनटों के बाद जज साहब फिरसे वापस आ गए, करवाई फिरसे शुरू की गई,
अब डिफेंस वकील की थी , उंसने सबसे पहले उस cd के बारे में बताया कि मानव सिर्फ उसका अच्छा दोस्त है, वो बिदेश जाने से पहेले अदिती से मिलने आया था, दोनो शॉपिंग करने गए थे तभी वो वीडियो किसी ने छुपके से बना ली थी, ओर अदालत में गलत तरिके से पेश की गई
लीना थोड़ी टेंशन में आने लगी, उसे लगने लगा कि कही अदिति सजा से बच ना जाये,
तभी अदिति ने वकील को रोकते होये अदिति ने श्रवण की ओर देखा, ओर बोली
तुम मुझसे कितनी नफरत करते हो?
मैंने क्या गलत क्या किया है? श्रवण,
मैंने तुम्हें इतने सालों में सब कुछ दिया है।
क्या यह तुम्हारे लिए पर्याप्त नहीं है कि मैं तुमसे इतना प्यार करता थी कि मैं तुम्हारे लिए मर भी सकता थी लेकिन शायद तुम्हारे लिए इतना काफी नही ?"
अदिति ने श्रवण की ओर देखा, उसकी आँखों में भावना का एक निशान खोजने की कोशिश करने लगी । लेकिन उसकी आँखों मे कुछ भी नहीं था।
अदिति ने बोलना जारी रखा लेकिन अब " उसकी आवाज कांप रही थी। अदिति ने अपना सिर झुका लिया। '
मैं नही जानती थी, की मेरे पापा के किये गए जुर्म की सजा तुम मेरे मान सम्मान, प्यार, मेरी आत्मा, दिल, सबको तबाह करके पूरा करोगे,
मेरे पापा की ही नही आज मेरी भी मौत हो चुकी है, हर ख्वाब हर सपने, हर उस लम्हे की मौत हो चुकी है जो मैने तुम्हारे लिय, तुम्हारे साथ बिताए या बिताने के सोचे थे,
,लेकिन आखिर में सिर्फ इतना कहूँगी,
मैं नही जानती मेरे पापा ने ऐसा क्या गुनाह किया था कि तुम्हारी अदालत में आज उसकी गुनाह की सजा पूरी हो चुकी होगी,
तुम्हारे साथ बिताए सारे सालों को मैं भूल रही हूँ,
इतने साल जो हम दोनों ने अनेको ही पल ग़ुज़ारे वो सब अब तुम्हारे बदले के लिए मैंअपने दिल और जिंदगी से निकालती हूँ
नाउ अब सभी हिसाब बराबर है,
अदिति ने जज की तरफ देखकर कहा
जज साहब mr mittal के लगाए होये सारे इल्जाम में कबूल करती हूं,
वकील कुछ बोलने को होया, अदिति ने इशारे से उसे रोक लिया,
मैने ही मित्तल कोऑपरेशन के सीक्रेट लीक किए है
आपको जो सजा देनी चाहिए है वो भी मुझे मंजूर है
जज ने फैसला सुनाते होये अदिति को 2 साल की कैद सुनाई
The केस इस क्लोज्ड
अदिति की सजा सुनकर दूसरा वकील खुशी से श्रवण को मुबारक बाद देने चला गया, लीना भी खुश थी,
आखिर उसका रास्ता अब साफ था, अदिति जो जेल में जाने वाले थी।
अदिति भारी कदमो से श्रवण लीना के सामने से निकल गयी
इधर पता नहीं क्यों श्रवण को अच्छा नही लग रहा था, उंसने अदिति के चेहरे को तबतक देखा जबतक वो पुलिस जीप में बेठ गयी ओर वहां से निकल गयी।
To be continue
Miss amittal