चलिये शुरू करते हैं कहानी
जैसे ही अदिति गयी , श्रवण ने गुस्से से अपने ऑफिस का समान तोड़ दिया।
इतना सब कुछ तोड़ने के बाद भी वो शान्त नही होयया। उसने मीटिंग के दौरान एचआर से लेकर मार्केटिंग, फाइनेंस डिपार्टमेंट और यहां तक कि डिपार्टमेंट तक सभी पर अपना गुस्सा उतारा। सभी को बुरी तरह डांटा ।
सभी मीटिंग के बाद वो शाम को अपने केबिन मेमें लौट आया, लेकिन उनके कार्यालय का हर कोना अदिति की सेंट की गंध से भर गया।
खुशबो के आते ही श्रवण को उसके पेट पर लगे निशान की याद आई। एक अस्थानिक गर्भावस्था!
जितने भी साल वो उसके साथ रही थी उंसने कभी उसे प्रेग्नेंट नही होने दिया, हर वक़्त वो सावधानी से सबकुछ मैनेज करता था, उसने उसे छे साल तक अदिति को गर्भनिरोधक की गोली तक लेने तक नहीं लेने दी । लेकिन सिर्फ उसने 1 बार ही बिना किसी प्रोटेक्शन के उसके साथ सम्बंध बनाये थे जब। दोनो किसी पर्टी से फुल टाइट होकर आए थे उसके बाद उसने कभी भी अंगेहली नही होने दी,
लेकिन उसको अदिति के ऑपरेशन के बारे में सुनकर उसे बहुत तकलीफ हो रही थी,
श्रवण को लगा कि उसका दिल बोझिल हो गया है और वह सांस नहीं ले पा रहा है।
पिछले दो वर्षों में, श्रवण नेचौबीसों घंटे काम करते हुए अपने करियर में बड़ी उपलब्धियां हासिल की थी । जितना मर्जी वो काम से थका होयया हो लेकिन हर रात नींद की गोलियां लेने के बाद ही उसे नींद आती थी।
उसने खुद को काम मे इतना झोंक लिया कि अदिति के बारे में कभी नहीं सोचा ।
लेकिन अब उसे सिर्फ अदिति की बाँते ही याद आ रही थी। उंसने अदालत में कहा था कि सभी हिसाब बराबर है तो वो फिर क्यों उसके पास आई?क्यों उससे पैसे मांगे?
शायद वो जताना चाहती थी कि उसने जानबूझकर ऐसा किया कि उसे अब नौकरी नहीं मिल रही है।
उसके कारण ही अदिती की यह हालत होयीहै यह स्थिति पैदा की थी। श्रवण ने दांत पीस लिए।
उसने रैक पर लगे सूट को उठा कर पहन लिया और ऑफिस से बाहर चला गया। श्रवण के असिस्टेंट ने तेजी से उसका पीछा किया।
अस्सिस्टेंट ने उसके पीछे से ही कहा सर आपके दोस्त पब में जाने को कह रहे थे
नहीं, उन्हें मना कर दो।" श्रवण ने अपनी घड़ी की ओर देखा। "जाओ और पता करो कि अदिति अब कहाँ रहती है।" उसके दिमाग में बहुत सारे दृश्य दिखाई देने लगे की
अदिति कोई छोटी सी ड्रेस में किसी पब में बहुत सारे मर्दो को रिझाने की कोशिश कररही है। कोई आदमी प उसे छू रहा है और कोई उसके साथ फ़्लर्ट कर रहा है।
ओर वो सबके साथ मस्ती कररही है किसी ने उसे कुछ पैसे निकाल कर दिए और वो उसके साथ किसी होटल मेंजाने के लिए तैयार हो गयी।
यह सब सोच सोच कर उसे पसीना आने लगा उंसने देखा कि अस्सिस्टेंट अभी भी वही खड़ा है तो उसने जोर से कहा
जल्दी पता लगायो उसका
उसकी शेर जैसी आवाज से सभी डर गए अस्सिस्टेंट जल्दी से अदिति के बारे में पता करने के लिए निकल गया।
अस्सिस्टेंट को समझ नही आ रहा था कि जब से अदिति मेडम वापस आयी है उसके बॉस ज्यादा ही परेशान ओर गुस्से में रहने लगे हैं।
श्रवण अपने घर आ गया था लेकिन उसका दिमाग अभी भी अदिति की बातों म ही उलझ कर रह गया था।
उंसने शावर लिया और अस्सिस्टेंट के फोन का इंतजार करने लगा, जब उसका सब्र जवाब देने लगा तो उसने खुद ही उसे फोन कर लिया
सर मुझे कुछ भी पता नहीं लगा अदिति मेडम के बारे में । जब से वो जेल से बाहर आई है , घर किराए पर लेने या होटल में रहने का उनका कोई रिकॉर्ड नहीं है। ना ही कोई सबूत मिला है कि वो कहाँ है।
श्रवण ने उसकी बात पूरी होने से पहले ही फोन काट दिया
" श्रवण ने अपने हाथ में एक सिगरेट पकड़ी और एक गहरी सांस ली। यह नामुमकिन है की उंसने कोई भी जगह नही ली रहने को,
तभी उसके दिमाग मे एक बात आई कहि वो किसी आदमी के साथ तो नही
हाँ, उसके पास जाने के लिए कोई जगह नहीं है , जब तक कि उसके पास कोई दूसरा आदमी न हो! श्रवण के पास अब कोई रास्ता नहीं था।
उंसने सोच लिया कि जब वो अदिति1 से मिलेगा उसे अच्छी तरह से सबक सिखायेगा।
तभी अचानक एक कॉल से उसका ध्यान टूटा। दो साल बाद फिर से उनके फोन पर यह नाम आया था। "अदिति स्वीटी।"
उंसने अदिति ने ही उसके फोन लेने के बाद सेट किया था। श्रवण ने अपनी मुट्ठी भींच ली और अपनी पीठ सीधी करते होये अपनी जगह से खड़ा हो गया महसूस। कुछ देर बाद जब वह कॉल का जवाब देने ही वाला था तो फोन कट गया ।
उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करे क्या ना फोन करे की नहीं
वो अपनी सोच में था कि फोन फिर से बज उठा। उसने अपने सूखे होंठ जीभ से गीले किये ।तभी उधर से आवाज आई ।
हेलो,,, श्रवण साहब
उसकी आवाज खनखनाहट के साथ पूरे कमरे में फैल गई।
श्रवण वह पूरे दिन बेचैन थाअदिति को लेकर , लेकिन अदिति की आवाज से उसको लग रहा था कि जैसे कुछ हुआ ही नहीं।
तभी उसे अदित्ती की आवाज सुनाई दी
"मैंने आज रात जुए में अपना सारा पैसा खो दिया क्या आप मुझे और दे सकते हैं?"
श्रवण का हाथ, जो फोन पकड़े हुए था, काँपने लग गया । क्या जुआ नहीं! नही उंसने गलत सुना है श्रवण ने सोचा
बोलो दोगे क्या पैसे?
श्रवण को लगा उसका सिर फट जाएगा
जेल में जाकर अदिति को कितनी बुरी आदतें लग गई
तुमने जुहा खेला श्रवण की जुबान लड़खड़ा रही थी
हां तो अदिति ने आराम से ओर बोली
अरे शायद तुम जानतेनही हो , जेल में मैं कितनी बोर होती थी । तो मैं समय बीता ने के लिए छोटी-छोटी चीजों पर जुआ खेलने लग गयी ।
बाहर आने के बाद मेरे पास थोड़ी देर के लिए नौकरी नहीं है, मुझे नहीं पता कि क्या करना है, इसलिए मैं जुआ खेलने आ गयी लेकिन मैं सारे पैसे हार गई ,क्या मुझे कुछ दे सकते हो ?"
श्रवण कमरे में इधर उधर घूमने लग गया "कुछ छोटी चीज़ों पर जुआ?
कौन सी छोटी चीज़ें?" चीजों पर जुआ?
श्रवण ने पूछा तो अदिति ने कहा
"अरे " "उदाहरण के लिए, किसी को बर्तन धोने खाना बनाना , कपडे धोने, या किसी के साथ सोना,,,,,। अदिति ने जानबूझकर बात आधी छोड़ दी
उसकी बात सुनके श्रवण उसकी बात को पूरी करने के लिए खुद ही सोचने लगा
उसने गुस्से से कहा "अदिति ! भाड़ में जाओ! तुरंत! अभी" उसको अदित्ती की बाँते सुनके लगा कि उसका दिल फटने वाला है।
उंसने फोन बेड पर पटकदिया। ओर खुद बालकनी में आकर सिगरेट पीने लगा।
To be continue
Miss amittal
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