आजकल जो भी फिल्म बनती है उसमें अधिकर सेन्सर बोर्ड की भूमिका रहती ही है सेन्सर बोर्ड क्या है ?
आम तौर पर हम लोगों की नजर में सेन्सर बोर्ड फिल्मों में आपत्ति जनक दृश्यों को हटाने के लिये है जिससे
समाज पर उसका गलत असर ना हों पर क्या इस बोर्ड का काम यही है या फिर इसमें भी लोग अपना फायदा
देखने लगे है आज आप कोई फिल्म बनाते है और कोई आपत्ति जनक सीन डालते है और आप ये भी जानते है
कि सेन्सर बोर्ड इसे पास नहीं करेगा । फिर भी आप वो सीन डालते है क्यूँ ? क्यूकि ये भी आजकल
पब्लिसिटी का तरीका हो गया है क्यूकि उसी सीन से जो सेन्सर बोर्ड हटा देगी पर हर टी.वी. चैनल, न्यूज
में वही दिखाया जायेगा । सेन्सर बोर्ड ने इस फिल्म का ये सीन काट दिया जिससे उस फिल्म की पब्लिसिटी
बिना कुछ पैसे खर्च किये हो जायेगी । आजकल फिल्मों में ये आम हो गया है कुछ ना कुछ ऐसा डालते है
जिससे उनके किसी ना किसी जगह किसी को कोई आपत्ति होती है तो फिल्में के पोस्टर फाड़ते है या उस जगह फिल्म सिलीज नहीं होने देते पर इससे इस फिल्म को नुकसान नहीं होता बल्कि पब्लिसिटी मिलती है ।
बिना पैसे खर्च किये लाखों की पब्लिसिटी ।