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टेढ़े चलने की आदत

19 जुलाई 2017

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आदत सबको कोई ना कोई अच्छी या बुरी होती ही है जैसे इस देश के नेताओ को है

टेढ़े चलने की आप सोच रहे होंगे मै क्या बोल रहा हूँ आप खुद पढ़िए और बताइये

इस देश का वास्तिकता में कोई भविष्य है ही नहीं क्योकि ये हमारा देश है जो हमारे द्वारा चुने गए नेता चलाते है और सीधे चलकर नहीं अपितु टेढ़े चलकर जैसे कुछ उदाहरण ये है ा


प्रदुषण बढ़ रहा है उसके लिए पोलोथिन पर बैन लगाया कई बार इसके लिए उन्होंने जो पोलोथिन

यूज़ करे उस पर फाइन जो पोलोथिन बेचता है उस पर फाइन ा फिर भी पोलोथिन बिकती तो है जिसे हम ब्लैक कहते है जिससे महगाई भी बढ़ती है ा जिससे सरकार को फायदा हो पर सरकार ने जो पोलोथिन की कंपनी या निर्माता है उन पर कुछ नहीं अगर उस कंपनी को ही बंद कर दिया जाये तो क्या ये सरल और साफ उपाय नहीं है ा


इसी की तर्ज पर कभी गुटखा , कभी बार , कभी शराब इन पर बैन लगाया जाता है पर जहा से इसकी सप्लाई है उसे बंद नहीं किया जाता ा शायद इसलिए की वो काफी पावर फ़ुल है ा

और फिर हमें  टेढ़े चलने की आदत भी तो है



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आजकल हर व्यक्ति यही सोचता है कि वो क्या काम करें जिससे उसकी अच्छी कमाई हो कैसे वो अपनावर्तमान और भविष्य अच्छे से निकल जाये पर फिर ऐसा क्या काम करें जिससे कमाई भी अच्छी हो औरज्यादा मेहनत भी ना करनी पड़े । आप कहेंगे डाॅक्टर, इंजीनियर, बिजनेस, सरकारी नौकरी इससे भी आप ये सारी सुविधा पा सकते है पर आजकल ज

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कहते है जोडियां भगवान बनाता है और नीचे पण्डित या रिलेटिव के द्वारा मिलकर उनकी शादी हो जाती है और सुनने में आता है ये  जोड़ी भगवान ने बनाई है अौर बोलते है  राम मिलाई जोड़ी ।                इसमें कितनी सच्चाई है यहीं बात मैं सोच कर परेशान रहा । भगवान भी कितना फ्री बैठा होगा । जोडियां बनाने के लिये ये 

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अनाथाश्रम और वृद्धाश्रम

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अनाथाश्रम का नाम जब भी सुनते है तो सोचने को मजबूर होना पड़ता है कि कितने बदनसीबबच्चे है जिनकी परवरिश अनाथ आश्रम में हो रही है अौर वृद्धाश्रम का नाम सुनते है की कितने बदनसीब माँ-बाप है जिन्हें अपने बच्चों के होते हुए वृद्धाश्रम में रहना पढ़ रहा है । अनाथ आश्रम को तो चलों हम सोच सकते है कि बच्चों को ज

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डॉ. अब्दुल कलाम। ये हम सब जानते हैं कि वो इस युग के महानायक थे ।  उनका जीवन हमारे लिए किसी अनमोल रत्न से कम नही था। उन्होंने हमेशा ही हमें सपने देखना और उसे जीना सिखाया। उन्होंने अपने जीवन का एक.एक पल भारत के उन्नति के लिए दिया। वह सिर्फ़ भारत के मिसाइल कार्यक्रम के पिता ही नहीं थे बल्कि हमारे देश क

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कल मैं दफ्तर से जल्दी घर चला आया। आम तौर पर रात में 10 बजे के बाद आता हूं, कल 8 बजे ही चला आया।सोचा था घर जाकर थोड़ी देर पत्नी से बातें करूंगा, फिर कहूंगा कि कहीं बाहर खाना खाने चलते हैं। बहुत साल पहले, जब हमारी सैलरी कम थी, हम ऐसा करते थे।घर आया तो पत्नी टीवी देख रही थी। मुझे लगा कि जब तक वो ये वाल

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आस्तिक नास्तिक वाद विवाद

29 जुलाई 2016
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आस्तिक . भगवान हर जिगह है हर कण में भगवान है । नास्तिक . अगर हर कण में भगवान है तो आजतक दिखाई क्यूँ दिया । आस्तिक - हर  जिगह भगवान के मन्दिर है जहां उसकी पूजा होती है श्रद्धालु है ।  नास्तिक . हर जिगह मन्दिर है तो उसमें भगवान दिखता है तो मुझे भी दिखाओ । आस्तिक . भगवान अपने भक्तों के लिये चमत्क

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मुझे भी चाहिये जमीन

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जब हम स्कूल में पढ़ते थे तो मानचित्रों में भारत देश का नक्शा कुछ यू दिखता था शायद ही कोई नक्शा होगा जो भारत के नक्शे से सुन्दर दिखता हो पर आज क्या स्थिित  यह देखकर आपचौक  जायेगें । आज भारत देश का नक्शा कुछ ऐसा है । भारत की चोटी तो अब गायब ही हो गई कुछ हिस्सा पाकिस्तान और कुछ चीन में चला गया । पर फिर

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खबर डिजीटल इंडिया की

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आजकल डिजीटल इंडिया का जमाना है सबको खबरों में  रहना पसन्द है उसके लिये लोग बहुत कुछ करते है टी.वी. पर आने के लिये।  किसी ट्रेफिक हवलदार ने किसी सेलिब्रिटी का  चालान का दिया तो उसकी ईमानदारी  की चर्चा हर न्यूज चैनल पर ऐसे टेलीकास्ट होगी जैसे उसने वल्ड कप जीत लिया हो उसका जो काम है उसने वही तो किया ।क

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आजकल एक नाम अधिकतर गाडियों पर देखेगें चाहे वो बाईक हो या कार - प्रैस चाहे उसके दूर दूर तक उसके खानदान का रिश्ता ना हो पर गाड़ी पर लिखते है - प्रैस ऐसे लगता है जैसे सारे ही रिपोर्टर बनकर घूम रहे है आजकल आम लोग तो शायद गिनती के होंगे जिनकेव्हीकल पर प्रैस ना लिखा हो । सोचने की बात है कि वो ऐसा क्यूं कर

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छोटा सा सवाल

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बटवारें के वक्त का हाहाकार

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1947 में जब ब्रिटिश राज वाले भारत देश का बंटवारा हुआ  तो दो नए आजाद मुल्क बने। इसका नतीजा इतिहास के सबसे बड़े माइग्रेशन के रूप में सामने आया। इस दौरान सवा करोड़ लोग विस्थापित हुए थे और इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित महिलाएं हुई थीं। हजारों की संख्या में लड़कियां और महिलाएं रेप और टॉर्चर का शिकार हुईं।10

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ईमानदारी की मिसाल

16 अगस्त 2016
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आज मैं बात कर रहा हूँ प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की ईमानदारी की।लाल बहाुदर शास्त्री जी ने 1965 में फिएट कार लेने के लिये पंजाब नेशनल बैंक से 5000 रू. का लोन लिया था जिसकी वो एक भी किश्त न चुका पायें और उनका 1966 में देहान्त हो गया । फिर बैंक ने उसने घर नोटिस भेजा जो उनकी श्रीमती ललिता शास्त्री

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शिक्षा अमीरों की जाहगीर

17 अगस्त 2016
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आज भारत देश में शिक्षा उन्नति में सबसे ज्यादा योगदान दे रही है आज शायद 95 प्रतिशत लोग शिक्षित हैशिक्षा के लिये प्रशासन भी बहुत सर्तक है उसके लिये प्रशासन ने सरकारी स्कूल बना रखे है जिनमें बहुत कम फिस में बच्चे पढ़ सकते है किताबें भी फ्री उपलब्ध करा रखी है पर क्या सही शिक्षा  सबको मिल पा रही है इसका 

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कैैसे बढ़ी द्रोपदी की साड़ी चीरहरण के समय

23 अगस्त 2016
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द्रौपदी का चीरहरण होते समय भगवान ने उसकी सहायता की और उसकी साड़ी को इतना बढ़ा दिया कि दुष्शासन उतार न सका। इसके पीछे क्या कारण है कि कृष्ण ने द्रौपदी की सहायता की। महाभारत में इस बात का जवाब है। बात उस समय की है जब पांडवों ने हस्तिनापुर से अलग होकर अपने लिए इंद्रप्रस्थ का न

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अपराध बढ़ने की वजह

5 सितम्बर 2016
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अपराध क्यों बढ़ रहे है ? इसकी क्या वजह है ?मैंने इस बारे में सोचा तो लगता है इसका सबसे बड़ा जिम्मेदार हमारा सिस्टम है क्यूंकि सिस्टम सही हो तो अपराध हो ही नहीं । अब आप सोच रहे होगे सिस्टम इसकी वजह कैसे हो सकता है । आज की युवा पीढ़ी बेरोजगार बैठी है और जो जिस चीज का हकदार है वो अपनी जगह पर नहीं है ज

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प्यार ही जिन्दगी है ।

4 अक्टूबर 2016
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एक प्रेमी-युगल शादी से पहले काफी हँसी-मजाक और नोक-झोंक किया करते थे। शादी के बाद उनमें छोटी छोटी बातो पे झगड़े होने लगे। एक दिन उनकी शादी कि सालगिरह थी पर बीबी ने कुछ नहीं बोला वो पति का रेस्पॉन्स देखना चाहती थी। सुबह पति जल्दी उठा और घर से बाहर निकल गया। बीबी रूआंसी हो

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रावण जैसा महाज्ञानी ना हुआ है ना कभी होगा ।

14 अक्टूबर 2016
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रामायण में सत्य पर असत्य की विजय का पाठ हमें हमेशा से ही पढ़ाया जाता रहा है राम और रावण के बीच का युद्ध जिसमें राम सत्य के प्रतीक थे तो वहीं रावण असत्य का पताका हाथ में लिए था रावण को हमेशा अधर्मी और शैतान का रूप बताया गया लेकिन क्या आप जानते हैं कि रावण एक ऐसा शख़्स था

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अपना काम बनता भाड़ मे जाये जनता

18 जुलाई 2017
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आजकल सबसे ज्यादा जी एस टी की हो रही है इसमें सरकार बताती है कि इससे आम जनता का फायदा होगा कैसे ? सरकार ने सब टैक्स अपनी सहूलियत के हिसाब से तय किये है जिससे सरकार को फायदा हो जिससे सरकार की ज्यादा आमदनी होती है सरकार ये भी कहती है कुछ वस्तु पर टैक्स ही

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टेढ़े चलने की आदत

19 जुलाई 2017
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आदत सबको कोई ना कोई अच्छी या बुरी होती ही है जैसे इस देश के नेताओ को है टेढ़े चलने की आप सोच रहे होंगे मै क्या बोल रहा हूँ आप खुद पढ़िए और बताइये इस देश का वास्तिकता में कोई भविष्य है ही नहीं क्योकि ये हमारा देश है जो हमारे द्वारा चुने गए नेता चलाते है औ

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